वास्तु के अनुसार हम जब भी नया घर बनवाते हैं तब यदि हर चीज वास्तु के नियमों के अनुसार रखते हैं तो हमेशा खुशहाली बनी रहती है। ऐसे में हम यदि किसी भी जगह के लिए वास्तु के नियमों का पालन करते हैं तो हमेशा समृद्धि बनी रहती है।
आपके घर की खुशहाली के लिए किसी भी स्थान के लिए बनाए गए नियमों का पालन जरूरी माना जाता है। यदि आप घर में बाथरूम बनवाते हैं तो इसके भी कुछ नियम होते हैं और इसे किसी विशेष दिशा में ही बनाने की सलाह दी जाती है।
वहीं सदियों से ये ही बाथरूम और टॉयलेट को अलग रखने की सलाह दी जाती है। वास्तु की मानें तो बाथरूम और टॉयलेट के लिए कुछ विशेष वास्तु नियम बनाए गए हैं जिनका पालन आपके लिए जरूरी होता है। आइए वास्तु विशेषज्ञ डॉ मधु कोटिया से जानें कि क्या घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ होने चाहिए?
अगर हम सदियों पहले की बात करें तो घर में बाथरूम या टॉयलेट की व्यवस्था ही नहीं होती थी। खासतौर पर टॉयलेट हमेशा घर से बहुत दूर बनाया जाता था। दरअसल इसका संबंध नकारात्मक ऊर्जा से होता था।
ऐसी मान्यता थी कि यदि घर के भीतर आप टॉयलेट बनवाएंगे तो आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। वास्तु के अनुसार घर में गलत जगह पर बना टॉयलेट भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है और घर में समस्याएं आने लगती हैं। यदि आज के जमाने की बात करें तो लगभग हर घर में बाथरूम और टॉयलेट जरूर होता है, लेकिन आज भी वास्तु बाथरूम और टॉयलेट एक साथ न बनाने की सलाह देता है।
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घर में बाथरूम और टॉयलेट के वास्तु पर आपको हमेशा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। बाथरूम और टॉयलेट घर में ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत माने जाते हैं और यदि वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन न किया जाए तो यह ऊर्जा बहुत आसानी से नकारात्मक ऊर्जा में बदल सकती है।
जिस घर में बाथरूम और टॉयलेट का वास्तु ठीक नहीं होता है उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन पर अक्सर परेशानियां बनी रहती हैं। कई लोगों को अपने घर में बाथरूम और शौचालय के खराब वास्तु के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। वहीं कुछ समस्याएं वित्तीय भावनात्मक संकट और स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं जिन्हें सहन करना आपके लिए बहुत परेशानी भरा हो सकता है।
वास्तु शास्त्र की मानें तो बाथरूम और टॉयलेट हमेशा एक दूसरे से अलग होने चाहिए, लेकिन आजकल कई कारणों से दो अलग-अलग बाथरूम और टॉयलेट रखना संभव नहीं है, इसलिए आप किसी भी वास्तु दोष से बचने के लिए कुछ विशेष वास्तु उपायों को आजमा सकते हैं।
आपको ध्यान में रखना चाहिए कि यदि आपके घर में अटैच बाथरूम और टॉयलेट हैं तो उनकी दिशा वास्तु के अनुसार ही होनी चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छी दिशा घर का उत्तर-पूर्व हिस्सा माना जाता है। वहीं घर का दक्षिण-पश्चिम हिस्सा भी इसके लिए अच्छा है। आपको दक्षिण पश्चिम में बाथरूम और टॉयलेट बनाने से बचना चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि यदि बाथरूम के साथ टॉयलेट अटैच है तो टॉयलेट को हमेशा जमीन से एक से दो फीट ऊपर ही बनवाना चाहिए।
यदि हम वास्तु की मानें तो बाथरूम और टॉयलेट अटैच होने से आपके घर में कई समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे बाथरूम आपकी सेहत पर बुरा असर डालते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति को भी खराब कर सकते हैं।
यही नहीं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट एक साथ नहीं जुड़े होने चाहिए और बाथरूम किसी भी कमरे के भीतर भी नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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