वास्तु एक ऐसा विज्ञान है जो आपके घर में कई बदलावों का कारक बनता है। आपके घर में जो भी ऊर्जा का प्रवाह होता है वो वास्तुशास्त्र के अनुसार ही प्रभावित होता है। यह आपके घर के लिए सकारात्मक वातावरण प्रदान करने में मदद करता है।
आपके घर में सही वास्तु की वजह से जहां एक तरफ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, वहीं गलत नियमों से ऊर्जा नकारात्मक होने लगती है। ऐसे ही कुछ वास्तु नियमों में से एक है आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट का एक साथ होना।
देश ही या विदेश ऐसे वॉशरूम आजकल चलन में हैं जिसमें टॉयलेट और नहाने का स्थान एक साथ होता है। ऐसे में आपको कुछ विशेष वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। आइए वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें कि ऐसे वॉशरूम के लिए आपको किन नियमों का पालन करने की जरूरत होती है, जिससे कोई दुष्प्रभाव न हो सके।
एक साथ हैं बाथरूम और टॉयलेट तो कैसा ही बाथरूम का दरवाजा
यदि आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हैं तो आपको बाथरूम का प्रवेश द्वार उत्तरी या पूर्वी दीवार पर होना चाहिए। वास्तु के अनुसार दरवाजा कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए।
अगर इस दिशा में वॉशरूम पहले से ही बना हुआ है और ये आपके बेडरूम सेजुड़ा है तो आपको इस स्थान पर परदा लगाकर रखना चाहिए जिससे कमरे में किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह न हो सके। इसके साथ ही ध्यान रखें कि जब भी आप बाथरूम का इस्तेमाल न कर रहे हों तो इसका दरवाजा बंद करके रखें।
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अटैच्ड बाथरूम और टॉयलेट की सही दिशा क्या होनी चाहिए
अगर आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट हैं तो इसे घर के उत्तर-पश्चिम, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित होना चाहिए। ये दिशाएं जल और स्वच्छता से संबंधित हैं, जो बाथरूम और टॉयलेट के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
कभी भी बाथरूम और टॉयलेट घर की दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होने चाहिए। ये दिशाएं आग और गर्मी से जुड़ी होती हैं, जो बाथरूम और टॉयलेट के लिए अशुभ मानी जाती हैं। बाथरूम और टॉयलेट घर के मध्य में नहीं होना चाहिए। घर के केंद्र को घर का हृदय माना जाता है और इस क्षेत्र को साफ-सुथरा और नकारात्मकता से मुक्त रखना महत्वपूर्ण है।
बाथरूम और टॉयलेट सीढ़ियों के नीचे नहीं होने चाहिए
सीढ़ियों को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है और सीढ़ियों के नीचे बाथरूम या शौचालय रखने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। बाथरूम और शौचालय में ऐसा दरवाजा होना चाहिए जो बाहर की ओर खुलता हो। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।
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बाथरूम और टॉयलेट अच्छी रोशनी वाले और हवादार होने चाहिए
यदि आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट जुड़े हुए हैं तो आपको इन स्थानों को हमेशा रौशनी से भरपूर रखना चाहिए। इस क्षेत्र में कभी भी गन्दगी नहीं रखनी चाहिए। घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।
अटैच्ड बाथरूम और टॉयलेट को पार्टीशन से करें अलग
यदि आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट जुड़े हुए हैं तो उन्हें किसी मोटे परदे या पार्टीशन से अलग करें। इससे आपके घर में किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस उपाय से आपके घर में आने वाली किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। खासतौर पर यदि आप विदेश में हैं तो ये वास्तु उपाय आपको जरूर आजमाना चाहिए।
बाथरूम और टॉयलेट के लिए आपको यहां वातए कुछ विशेष वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए जिससे जीवन में समृद्धि बनी रहे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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