अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने और लैंगिक समानता के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाने का समय है। भारत में, महिलाओं को कई कानूनी अधिकार प्राप्त हैं जो उन्हें समानता और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
भारत में हर महिला को समान अधिकार दिया जाता है, महिलाओं तक सीमित अधिकारों का कोई सेट नहीं है, लेकिन हां, उनके जैविक अंतर के कारण, कुछ खास अधिकार भी हैं। संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को मिलने वाले अधिकारों का प्रारूप तैयार किया है। आइए जानते हैं, दिल्ली हाई कोर्ट की महिला वकील तूबा खान से भारतीय महिलाओं को मिलने वाले इन 10 अधिकारों के बारे में।
संयुक्त राष्ट्र संघ से मिलने वाले अधिकार
- शारीरिक अखंडता और स्वायत्तता का अधिकार
- यौन हिंसा से मुक्त होना
- काम का अधिकार
- वोट देने का अधिकार
- सार्वजनिक पद धारण करने का अधिकार
- कानूनी अनुबंध का हकदार होने का अधिकार
- पारिवारिक कानून में समान अधिकार पाने का हकदार होना
- समान काम के लिए समान वेतन पाने का अधिकार
- प्रजनन अधिकार प्राप्त करना
- संपत्ति का मालिक होने का अधिकार
तूबा खान बताती हैं, भारत में कुछ अधिकारों पर बात चल रही है और कुछ दिए भी गए हैं, जैसे महिलाओं के जन्मसिद्ध या मौलिक अधिकार। इसके साथ ही यहां 10 अधिकार दिए गए हैं जो हर भारतीय महिला को मिलते हैं।
1. संपत्ति का अधिकार (Property Rights)
इसके साथ-साथ बेटियां अपने पेरेंट्स की प्रॉपर्टी पर हक रखती हैं। बहुत बार लड़कियों को जमीन का हिस्सा नहीं मिलता है, जो गलत है। अगर आप चाहें तो अपने पेरेंट्स की प्रॉपर्टी में से अपने हिस्से की मांग कर सकते हैं। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत, महिलाओं को पुरुषों के समान संपत्ति का अधिकार है।
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2. समानता का अधिकार (Right to Equality)
संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत, लिंग के आधार पर भेदभाव करना गैरकानूनी है। इसका मतलब है कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।
3. शिक्षा का अधिकार (Right to Education)
संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत, 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। इसमें लड़कियां भी शामिल हैं।
4. विवाह का अधिकार (Right to Marry)
महिलाओं को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। बाल विवाह और जबरदस्ती शादी गैरकानूनी है। बाल विवाह अवरोध अधिनियम 1929 में बाल विवाह को अपराध मानता है और इसके अतंर्गत दण्डित किया जा सकता है।
5. मैटरनिटी लाभ (Maternity Benefits)
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत, कामकाजी महिलाओं को 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश और वेतन मिलता है।
6. कार्यस्थल पर समानता (Equality in the Workplace)
समान वेतन अधिनियम, 1976 के तहत, महिलाओं को पुरुषों के समान काम के लिए समान वेतन पाने का अधिकार है।
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7. घरेलू हिंसा से सुरक्षा (Protection from Domestic Violence)
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत, महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार है।
8. यौन उत्पीड़न से सुरक्षा (Protection from Sexual Harassment)
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 के तहत, महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा का अधिकार है।
9. राजनीतिक भागीदारी का अधिकार (Right to Political Participation)
महिलाओं को चुनाव लड़ने और वोट देने का अधिकार है।
10. स्वास्थ्य का अधिकार (Right to health)
महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच का अधिकार है।
महिलाओं को केवल महिला पुलिस ही अरेस्ट कर सकती हैं
अगर आपको कभी भी पुलिस ऑफिसर अपने साथ ले जाएं, तो महिला होने के नाते आप यह कह सकती हैं कि आप महिला कांस्टेबल के साथ ही जाएंगी। क्योंकि महिलाओं को हिरासत में लेने के लिए महिला पुलिस अधिकारी का ही अधिकार है, पुरुष का नहीं।
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