रामनवमी हिंदू धर्म का बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है जो हर साल चैत्र महीने शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है। इस साल भगवान राम का जन्मोत्सव 30 मार्च के दिन मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। ना सिर्फ भारत बल्कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में भी इस पर्व को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं श्री राम के जन्मोत्सव से जुड़ी कुछ खास बातें।
मानव रूप में पूजे जाने वाले पहले देवता
भगवान राम के जन्म के पीछे ढेर सारी दिलचस्प पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती हैं। कहा जाता है कि हरि विष्णु के सातवें अवतार श्री राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था इसलिए मानव रूप में पूजे जाने वाले ये पहले देवता हैं।
11 हजार वर्षों तक किया राज
बहुत बार हमारे मन में सवाल आते हैं कि राम राज्य को आखिर राम राज्य ही क्यों कहा जाता है? बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान राम ने ग्यारह हजार वर्षों तक राज किया था इसलिए उस युग को राम राज्य नाम से जाना जाता है।
राम को सूर्यवंशी क्यों कहा जाता है?
माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था। पौराणिक कथा और धर्म शास्त्रों के मुताबिक इस वंश की स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु के द्वारा की गई थी। इसी कारण भगवान राम को सूर्यवंशी कहा जाता है।
रामनवमी के दिन क्यों नहीं खाई जाती लौकी
बहुत से लोग रामनवमी के दिन पूजा पाठ तो करते हैं लेकिन भूल से लौकी खा लेते हैं। बता दें कि सालों ये ऐसे रीति रिवाज चलते आ रहे हैं कि इस दिन लौकी नहीं खानी चाहिए। इस पर्व पर लौकी खाना मांस खाने के समान माना जाता है।
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तो ये थी भगवान श्री राम के जन्मोत्सव से जुड़ी कुछ खास बातें। अगर आप इसके अलावा रामनवमी से जुड़ी कोई और जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।
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