देवता नहीं राक्षसों के नाम पर रखा गया है भारत के इन शहरों का नाम

भारत के कई शहरों का नाम किसी न किसी राक्षस के नाम पर रखा गया है। क्या आप जानते हैं कि ये शहर कौन से हैं और क्या है इनकी कहानी।  

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भारत में आपको बहुत सारी ऐसी चीज़ें देखने को मिल जाएंगी जो कहीं और नहीं दिखेंगी। भारत एक रोचक देश है जहां पर आपको बहुत सारी अनोखी चीज़ें मिलेंगी। अब शहरों के नामों को ही ले लीजिए। भारत में न जाने कितने ऐसे गांव और शहर हैं जिनका नाम सुनकर ही हमें हंसी आ सकती है तो किसी का नाम सुनकर शॉक लग सकता है। अक्सर शहरों के नाम देवी-देवताओं या फिर शहर की किसी खासियत या राजा के नाम पर रखा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कई शहर ऐसे भी हैं जिनका नाम राक्षसों के नाम पर रखा गया है।

जी हां, हो सकता है इनका नाम आपने ऐसे ही सुना हो, लेकिन कभी इनके नाम के इतिहास के बारे में नहीं सुना हो। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही शहरों के बारे में बताते हैं।

1. मैसूर

राक्षस- महिसासुर

महिसासुर राक्षस के बारे में तो आपने सुना ही होगा जिसके वध के लिए देवी ने जन्म लिया था। जी हां, मैसूर शहर का नाम उसी महिसासुर के नाम पर रखा गया है। पहले इसे महिषुरू कहा जाता था जहां महिसासुर का राज था। लेकिन लोगों की भलाई के लिए जब देवी ने इस राक्षस का वध कर दिया तो इसे मैसुरु कहा जाने लगा जो बाद में मैसूर बन गया।

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2. जालंधर

राक्षस- जलंधर

आपको जलंधर और वृंदा की कहानी तो याद ही होगी। ये वही वृंदा है जिसके सतित्व के कारण जलंधर का वध विष्णु भगवान भी नहीं कर पाए थे। जिसके बाद छल पूर्वक वृंदा का सतित्व तोड़कर जलंधर का वध किया गया था। इसी राक्षस के नाम पर भगवान राम के बेटे लव की राजधानी बनी थी जिसे जालंधर कहा गया।

3. पलवल

राक्षस- पलंबासुर

हरियाणा का पलवल भी राक्षस पलंबासुर के नाम पर बसा है। प्राचीन समय में इसे पलंबपुर कहा जाता था। पलंबासुर का वध श्रीकृष्ण के भाई बलराम ने किया था।

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4. कोल्हापुर

राक्षस- कोल्हासुर

पौराणिक कथाओं के अनुसार कोल्हापुर का नाम भी राक्षस कोल्हासुर के नाम पर रखा गया था। दरअसल, कोल्हासुर का वध माता लक्ष्मी ने किया था और कोल्हासुर ने जिस प्रकार लड़ाई की थी उससे भगवान शिव प्रसन्न होकर उसे एक वर्दान देने को राज़ी हो गए थे। उस समय कोल्हासुर ने वर्दान मांगा था कि देवी उससे रुष्ट न हों और उसके नाम पर एक नगर बसे।

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5. गया

राक्षस- गयासुर

बिहार का शहर गया भी गयासुर के नाम पर ही बसा है। गयासुर के भगवान ब्रह्मा से एक वरदान मिला था जिसमें उसे देवताओं से भी ज्यादा पवित्र माना जाने लगा था। उसे छूकर राक्षण भी स्वर्ग पहुंच जाते थे और उनके पाप धुल जाते थे। इसे रोकने के लिए भगवान नारायण ने एक चाल चली और ब्रह्म यज्ञ में गयासुर की देह मांग ली। गयासुर ने देहदान कर मोक्ष प्राप्त किया और माना जाता है कि इस राक्षस का शरीर इतना बड़ा था कि वो जहां भी रहा वहां शहर बसा लिया गया।

6. सुद्धमहादेव

राक्षस- सुद्धांत

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित ये कस्बा शंकर जी के भक्त सुद्धांत राक्षस के नाम पर बसा है। सुद्धांत शंकर जी का भक्त था, लेकिन एक दिन वो पार्वती जी को डराने लगा और इससे गुस्सा होकर शिव जी ने त्रिषूल से उसका वध कर दिया। पर शिव जी ने उस राक्षस को दर्शन भी दिए और उसे वरदान के रूप में उस जगह का नाम उसके नाम कर दिया। यहां आज भी महादेव से पहले सुद्धांत राक्षस का नाम लिया जाता है और इसे सुद्धमहादेव कहा जाता है।

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