वास्तु शास्त्र में घर के लिए कई नियम-कायदे बताए गए हैं। कुछ नियम-कायदे घर के निर्माण से भी जुड़े हुए हैं। घर के निर्माण के दौरान कौन सा कमरा किस दिशा में होना चाहिए। दरवाजे-खिड़की किस वस्तु से बने होने चाहिए और उसका आकार-प्रकार कैसा होना चाहिए, इन सभी बातों का जिक्र वास्तु शास्त्र में मिल जाता है। इतना ही नहीं, वास्तु के आधार पर घर की बनावट तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक चौखट सही आकार-प्रकार की न हो। उज्जैन के पंडित रवि आनंद शास्त्री कहते हैं, ' आधुनिक युग में घर की बनावट में बहुत सारे बदलाव आए हैं। अब लोग अपने घरों में दहलीज या चौखट बनवाते ही नहीं हैं। मगर चौखट के बिना घर का वास्तु अधूरा है। '
इतना ही नहीं, पंडित जी यह भी बताते हैं कि वास्तु के हिसाब से घर की चौखट का क्या महत्व है और उसे कैसा होना चाहिए।
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क्या है चौखट का महत्व
वास्तु शास्त्र में घर की चौखट को देवी लक्ष्मी से जोड़ कर देखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में चौखट नहीं होती है, उस घर में देवी लक्ष्मी कभी प्रवेश नहीं करती हैं। इतना ही नहीं, वास्तु में ऐसा भी कहा गया है कि जिस घर में चौखट होती है उस घर में नकारात्मक ऊर्जा (घर से नकारात्मक ऊर्जा हटाने के टिप्स)का प्रवेश भी आसानी से नहीं हो पाता है। चौखट होने से घर-परिवार में शांति भी बनी रहती है।
चौखट से जुड़े वास्तु टिप्स
- बेशक घर के हर दरवाजे पर आप चौखट न बनवाएं, मगर घर की रसोई और मेन गेट पर चौखट जरूर होनी चाहिए। वास्तु में लकड़ी की चौखट को शुभ माना गया है। लेकिन आप चाहें तो मार्बल की चौखट भी बनवा सकते हैं। पंडित जी कहते हैं, 'दरवाजे के चौथे भाग को चौखट कहा जाता है। चौखट होने से घर में गंदगी का प्रवेश नहीं होता। इसे और भी पवित्र बनाने के लिए आपको मेन गेट पर ओम और स्वास्तिक(जानें स्वास्तिक के लाभ) जैसे धार्मिक चिन्हों को भी लगाना चाहिए। साथ ही चौखट के बाहर रंगोली बना कर आप इसे और भी सुंदर और शुभ बना सकते हैं। '
- चौखट हमारे घर की सीमाओं को निर्धारित करती है। दहलीज होने से घर की सकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर नहीं जा पाती है। वास्तु शास्त्र में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि अगर घर की चौखट मजबूत होती है तो परिवार में कोई भी फूट नहीं डाल सकता और न ही घर में शत्रु का प्रवेश हो सकता है। पंडित जी कहते हैं, 'घर के बाकी कोनों की तरह चौखट की भी समय-समय पर मरम्मत करवाते रहना चाहिए। टूटी हुई चौखट को वास्तु में अशुभ माना जाता है।'
- जब आप दरवाजे की चौखट बनवा रहे हों तो इसके नीचे एक चांदी का तार डलवा दें। ऐसा करना वास्तु में शुभ माना जाता है। मान्यता है कि चांदी का तार डलवाने से घर का माहौल शांत रहता है।
- वैसे तो आजकल एक पल्ले के दरवाजे का फैशन है, मगर वास्तु के हिसाब से 2 पल्ले का दरवाजा शुभ माना गया है। खासतौर पर आपको घर के मेन डोर को दो पल्ले का ही बनवाना चाहिए। दरअसल , एक पल्ले के दरवाजे के लिए चौखट की जरूरत आमतौर पर नहीं होती है, मगर दो पल्ले का दरवाजा बिना चौखट के अधूरा होता है।
- कोशिश करें कि जब भी घर की दहलीज को पार करें या फिर घर की दहलीज के अंदर घुसें तो उसे नमस्कार करें। कभी भी घर की दहलीज पर बैठ कर कुछ खाएं नहीं और दहलीज पर पैर भी नहीं पटकें। इसे अशुभ माना गया है।
- दहलीज के सामने कभी भी कूड़ा या गंदगी नहीं पड़े रहने दें। ऐसा होने से देवी लक्ष्मी का घर में प्रवेश नहीं होता है।
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