शादी का दिन हर लड़की के लिए बेहद स्पेशल होता है, खासकर जब वह उस खास इंसान से शादी कर रही होती है, जिसके साथ वह हमेशा अपने जीवन का बाकी समय बिताना चाहती थी। इस आर्टिकल के माध्यम से मराठी दुल्हन, सौम्याश्री कुलकर्णी, जिन्होंने अपने सबसे अच्छे दोस्त चंद्रशेखर मेसरगांडा से पारंपरिक महाराष्ट्रीयन स्टाइल में शादी की, वह हरजिदंगी रियल ब्राइड के रूप में हमारे साथ अपनी शादी के बहुत सारे अनुभव और यादें शेयर कर रही हैं। परांपरा से लेकर शादी की ड्रेस तक वकील दंपति ने सभी कुछ काफी मौज-मस्ती से किया। आइए उनके साथ हम भी जुड़ें और उनकी इस प्यारी यात्रा का हिस्सा बनें और जानें कैसी थी सौम्याश्री की शादी और कैसे शादी औरों से थोड़ी अलग थी।
एक महाराष्ट्रियन होने के नाते, मैं हमेशा एक पारंपरिक महाराष्ट्रियन शादी करना चाहती थी। महाराष्ट्रीयन शादियों और परंपराओं की सादगी हमेशा मुझे पसंद थी। मेरे पति आंध्र प्रदेश से हैं, लेकिन वह और उनका परिवार महाराष्ट्रियन शादी के लिए तैयार थे। मैं लॉ स्कूल के दूसरे वर्ष में अपने पति से मिली और हमने 6 साल तक डेटिंग करने के बाद शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। उनके पिता ने महाराष्ट्रीयन शादी के लिए परिवार को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
शादी के अलग-अलग फंक्शन और तैयारियां
हमारे कुछ फंक्शन्स जैसे हवन पूजा, मेहंदी और हल्दी रस्म ऐसे थे जो हमने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ घर पर ही सेलिब्रेट किए। शादी के दिन से पहली शाम को हमारे यहां सीमांत पूजन सेरेमनी थी, जिसे विवाह उत्सव की शुरुआत माना जाता है। दूल्हे और उसके परिवार को दुल्हन के परिवार द्वारा विवाह स्थल पर आमंत्रित किया जाता है। दुल्हन की मां आरती के साथ उनका स्वागत करती हैंं। इस सेरेमनी के दौरान परिवार की मीटिंग भी होती है। इसमें हमारे दोस्तों और परिवार के साथ-साथ हमारा भी परफॉरमेंस था।
आमतौर पर महाराष्ट्रीयन शादियां सुबह के समय होती हैं, हालांकि, हमारी कुंडली मिलान के बाद, शाम को हमारे शुभ विवाह का मुहूर्त था। दूल्हे के परिवार द्वारा दूल्हे को कार्यक्रम स्थल पर ले जाया जाता है। फिर दुल्हन को अंतरपट सेरेमनी के लिए उसके मामा द्वारा विवाह स्थल पर ले जाया जाता है।
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इस सेरेमनी के दौरान दूल्हा और दुल्हन के बीच एक पर्दा रखा जाता है और मंत्रों का पाठ करने के बाद, मुहूर्त पर पर्दा उठा दिया जाता है, जो विवाह के उनके बंधन को दर्शाता है और मेहमान कपल को चावल के दानों से शॉवर करते हैं।
फिर उसके बाद जय माला का आदान-प्रदान किया जाता है, जहां मनोरंजन के लिए, मेरे भाइयों ने दूल्हे के लिए माला डालना मुश्किल बना दिया था। उसके बाद मंगलसूत्र, फेरे और सप्तपदी के बची हुई रस्में थी।
सप्तपदी के अंत में, दूल्हा और दुल्हन को एक साथ उनके सिर को मिलाया जाता है जो जीवन के लिए आपसी निर्णय लेने का संकेत देते हैं। हमारी शादी के बाद रिसेप्शन और डिनर भी हुआ था।
शादी का लुक
मैं अपने लुक को पारंपरिक और आधुनिक बनाना चाहती थी और जानती थी कि मैं साड़ी पहनना चाहती हूं। मैंने अपने पति और मां के साथ दिल्ली और पुणे में अपनी साड़ी की खरीदारी की। हालांकि मैंने पूरी तरह से रिसर्च नहीं की थी। मेरे पति को मत बताना, लेकिन उनकी वास्तव में गहरी नजर है और हमेशा मेरे लिए प्यारे कपड़े चुनते हैं। स्टोर ब्राउज़ करते समय, एक वह थे जिन्होंने शादी के लिए मेरी लाल साड़ी ढूढ़ी।
शादी से पहले पूजा के लिए पीले रंग की साड़ी पहनने के लिए मिली और शादी के बाद रिसेप्शन के लिए पिंक रंग की पारंपरिक पैठानी साड़ी आई। मेरी मां ने पहले ही मेरे लिए ट्रेडिशनल ज्वेलरी खरीद ली थी, और मैंने कुछ खूबसूरत ज्वेलरी भी पहनी जो मेरे माता-पिता की शादी की थी। वर और वधु अपने माथे पर मोती का आभूषण पहनते हैं जिसे 'मुंडावली' कहा जाता है। मैंने एक नथ (नाक के लिए) भी खरीदी जो ट्रेडिशनल रूप से मराठी दुल्हनों द्वारा पहनी जाती है और शादी के लिए मुझे एक ट्रेडिशनल मंगलसूत्र भी मिला।
होने वाली दुल्हन के लिए टिप्स
मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी ग्रूमिंग एक्टिविटी पहले से ही की जानी चाहिए (हो सके तो 1 हफ्ते से पहले) यह सुनिश्चित करने के लिए कि इससे कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया न हो। यदि ऐसी कोई प्रतिक्रिया होती है तो वह आमतौर पर एक हफ्ते के अंदर सुलझ जाती है। साथ ही एक मेकअप आर्टिस्ट चुनने से पहले कई आर्टिस्ट का ट्रायल लेना जरूरी होता है।
मैं इस बात को लेकर बहुत सटीक थी कि मेरा मेकअप सिंपल होना चाहिए और मैंने यह बात अपने मेकअप आर्टिस्ट को शुरुआत से ही बताई थी। मेरा मेकअप आर्टिस्ट बहुत कुछ करना चाहता था क्योंकि यह 'शादी का मेकअप' था और ऐसा मेकअप थोड़ा डार्क होना चाहिए। अपनी शादी में मुझे साड़ी को एक-दो बार बदलना पड़ा, इसलिए मैैंने अपने सैलून आर्टिस्ट को यह बात पहले से ही बताई थी, ताकि मेरी साड़ी को एक प्रोफेशनल द्वारा बांधा जा सके।
आउटफिट कोऑर्डिनेशन
हमने इस बारे में एकदूसरे से बात नहीं की थी लेकिन हमेशा अनजाने में ही (लगभग हर रोजाना) हमारे आउटफिट एक दूसरे से मेल खाते थे, भले ही हम कभी भी इसकी प्लानिंग नहीं बनाते थे। मुझे मेरे कपड़े पहले मिले। मेरी सारी साड़ियों का चयन किया गया और फिर मैंने अपने पति की पोशाक के लिए खरीदारी की। मेरी खरीदारी कुछ महीनों तक चली, लेकिन उन्होंने एक दिन में आसानी से खुद के लिए कपड़े चुने। हम शादी की खरीदारी के लिए एक-दूसरे के साथ थे इसलिए हमेशा एक-दूसरे के साथ शादी के लुक को लेकर चर्चा करते थे।
शादी की शॉपिंग
मुझे अपनी शादी की शॉपिंग करना बेहद पसंद था, हालांकि, यह दिल्ली ट्रैफिक की बदौलत बहुत हेक्टिक हो गया था। मैं हमेशा स्टाइल से ज्यादा कम्फर्ट के बारे में सोचती हूं। मैं इस बात का ध्यान रखती थी कि जो भी मैं पहनूं, मुझे बाद में अपने फैसले पर पछतावा न हो।
शादी की थीम, जगह और सजावट
मेरे पास अपनी शादी के लिए कोई थीम नहीं थी, इसके अलावा की यह एक महाराष्ट्रियन शादी थी। रिवाजों के संबंध में, चूंकि मैं और मेरे पति दिल्ली में रहते हैं, हमें पता था कि हम दिल्ली में शादी करने जा रहे हैं। जब हम अपने फंक्शन्स के लिए जगहों का फैसला कर रहे थे, तो हमारे पारिवारिक मित्र ने हमसे कहा कि कुछ हमारे साथ फंस गया है। उसने हमसे कहा कि जगह अपने घर के पास ही रखें और जो मेहमान आपकी केयर करते हैं वह वहीं आएंगे जहां पर आप उन्हें आमंत्रित करेंगे। उन्होंने यह बात एकदम सही कही थी।
ट्रेडिशनल शादी की सबसे पसंदीदा रस्म
मेरे पति और मुझे, हम दोनों को सप्तपदी रस्म बहुत पसंद थी, विशेष रूप से एक-दूसरे से प्रेम और आत्मीयता के आजीवन वादे करने के बाद सिर का स्पर्श। मराठी शादियों में, दूल्हा और दुल्हन के लिए रेसिपी ('उखाणे' कहा जाता है) बनाई जाती है, जिसमें पति या पत्नी का नाम होता है। मेरे पति ने इस मौके पर मेरे लिए एक रेसिपी बनाई। यह मेरे लिए बहुत खास पल था।
परफेक्ट वेडिंग पिक्चर्स के लिए टिप्स
मेरी सगाई सेरेमनी की हॉरिड पिक्चर्स के बाद मुझे एक बात का एहसास हुआ कि जब मेकअप की बात आती है, तो कम करना ही बेहतर है। पिक्चर्स में वास्तव में सबसे आगे मेकअप लुक आता है, जिससे आपको एहसास होता है कि आप अपने खास दिन में भी खुद की तरह नहीं दिखते। दूसरी बात, हमेशा स्माइल करते रहना चाहिए, भले ही आप मूर्ख की तरह महसूस करें क्योंकि कैमरा मैन आपको बिना बताए ही क्लिक करतेे रहतेे हैंं और अगर आप स्माइल नहीं करती हैं तो शादी की पिक्चर्स में दुल्हन गंभीर दिखती है जो एक खुशी के अवसर में बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।
वेडिंग प्लानिंग में क्या हो सकता है?
मेरी शादी में बहुत कम मेहमान थे और अपनी शादी को केवल करीबी दोस्तों और परिवार के साथ सेलिब्रेट किया।
महामारी के दौरान शादी करने वाली दुल्हन के लिए कोई खास सलाह
मैं केवल इतना ही कहूंगी कि यह महामारी आपके विशेष दिन को उन लोगों के साथ मनाने का शानदार अवसर प्रदान कर रही है, जिन्हें आप प्यार करते हैं और उनकी केयर करते हैं। मेहमानों की भीड़ निश्चित रूप से एक शादी को रौंद देती है, जिनमें से आधे लोगों को आप जानते भी नहीं हैं।
हमेशा याद रखें कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अरेंजमेंट से कभी संतुष्ट नहीं होते हैं। उनके बारे में परेशान नहीं होना चाहिए, अपना बेस्ट करो और अपने स्पेशल दिन का पूरा मजा लो। आप अपने सभी मेहमानों को संतुष्ट करने की कोशिश नहीं कर सकते हैं। इसलिए इन विशेष दिनों का पूरा मजा लेने के लिए खुद को संतुष्ट रखें।
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सबसे यादगार पल
मैंने अपने ससुराल वालों के लिए सरप्राइज के रूप में, सीमांत पूजन फंक्शन के दौरान एक तेलुगु गीत 'जगमे मारिनदी' गाने की तैयारी की थी। मेरे पति ने गीत गाने में मेरा साथ दिया और यह मेरे ससुराल वालों और मेरे पति के रिश्तेदारों के लिए खास था।
उनके इस अनुभव से आप भी कुछ टिप्स जरूर ले सकती हैं। इस कपल की अब एक प्यारी सी बेटी है और हरजिंदगी इस परिवार को ढेर सारा प्यार और खुश रहने की कामना करता है। आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें साथ ही इसी तरह और आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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