पौधों की ग्रोथ के लिए ऑर्गेनिक खाद से बेहतर कुछ नहीं। भारतीय किचन में कई ऐसे इंग्रेडिएंट्स हैं, जो पौधों को पोषण देने का काम करते हैं। इनके इस्तेमाल से पेड़-पौधे हमेशा हरे भरे नजर आते हैं और दीमक या फिर कीड़े लगने जैसी समस्या से भी निजात मिलती है। यही वजह है कि ज्यादातर महिलाएं ऑर्गैनिक खाद के तौर पर हल्दी, अंडे के छिलके, दूध आदि जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं।
वहीं इन सब के अलावा चायपत्ती भी पौधों की ग्रोथ के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसमें पाए जाने वाले गुण पौधों को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं। यही नहीं चायपत्ती की खाद मिट्टी की पीएच को एसिडिक बनाती है, जो पौधों के लिए जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं चायपत्ती की खाद को कैसे और कब इस्तेमाल करना चाहिए।
ज्यादातर लोग चाय बनाने के बाद बची हुई चायपत्ती का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसमें चीनी और दूध होने की वजह से चींटी लगने लगती हैं। पौधों के आसपास इसका छिड़काव किया जाता है, जिसकी वजह से पौधों में भी चींटी लगने लगती हैं। इसलिए बची हुई चायपत्ती इस्तेमाल कर रही हैं तो इसे दो बार पानी से धोकर अच्छी तरह सुखा लें। इसके अलावा अगर आप ताजी चायपत्ती लें रही हैं तो उसे सिंपल पानी में दो बार उबाल लें और उसे एक बर्तन में छान लें। अब इस चायपत्ती को एक कपड़े पर फैला दें और धूप में अच्छी तरह सूखने दें। अब इस चायपत्ती को एक मिट्टी के बर्तन में स्टोर कर लें और खाद के रूप में इस्तेमाल करें।
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ध्यान रखें कि चायपत्ती में नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा होती है, जिसके अधिक इस्तेमाल से पौधे नष्ट भी हो सकते हैं। ऐसे में आप महीने में एक बार थोड़ी मात्रा में पौधों के आसपास इसे छिड़क दें। इसके लिए पौधों के आसपास की मिट्टी को हल्का निकाल दें और हाथ में करीबन आधा चम्मच चायपत्ती का खाद लेकर इसे छिड़क दें। अब वापस उस मिट्टी को ऊपर से डाल दें। महीने में सिर्फ एक बार आपको चायपत्ती पौधों के आसपास डालनी है, क्योंकि मिट्टी में अब्सॉर्ब होने में यह समय लेती है। वहीं पौधों की हाइट के अनुसार आप खाद की क्वांटिटी को बढ़ा सकती हैं। (इंडोर प्लांट्स का ऐसे रखें ख्याल)
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चायपत्ती के खाद को मिक्सर में बारीक पीस कर एक बाउल में रख लें। अब एक मग पानी में 1 चम्मच हींग डालकर छोड़ दें। हींग पूरी तरह घुल जाए तो इसमें चायपत्ती के पाउडर को भी मिक्स कर दें और दो से 3 दिन के लिए छोड़ दें। 2 से 3 दिन बाद इस पानी को एक स्प्रे बॉटल में भर लें और फिर पौधों के लिए इस्तेमाल करें। मानसून में पौधों को हेल्दी रखने के लिए चायपत्ती को आप अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं।
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