जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमारी सोच में भी बदलाव आता है और हमें अपनी भावनाएं सबके सामने दिखाने में दिक्कत होने लगती है। हो भी क्यों न जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं वैसे-वैसे हमारा ध्यान इस बात पर जाता है कि कहीं गलती से भी हम अपनी परेशानी दुनिया के सामने न दिखा दें, जिससे हम न कमजोर लगें। बाकी सारी चीज़ें तो हम छुपा जाते हैं, लेकिन कहीं न कहीं गुस्सा हम आसानी से व्यक्त कर लेते हैं।
ये गुस्सा बाहर वालों पर नहीं बल्कि बच्चों पर निकलता है। ऑफिस की टेंशन, घर की टेंशन, बाहर की टेंशन, किसी से झगड़े की टेंशन, सरकारी काम न होने की टेंशन, पैसों की कमी की टेंशन और न जाने क्या-क्या हमारे दिमाग में चलता रहता है और ऐसे में ये फ्रस्ट्रेशन अधिकतर बच्चों पर निकल जाता है। माता-पिता का ये कहना होता है कि उनका बच्चा बहुत जिद्दी है इसलिए वो ऐसा कर रहे हैं, लेकिन क्या ये सही है?
ये समस्या कई लोगों के साथ होती है और अक्सर गुस्सा बच्चे और माता-पिता दोनों की तरफ से आता है। ये बात तो सभी को पता है कि बच्चे हमेशा माता-पिता की बातों को ही कॉपी करते हैं और उन्हीं से सीखते हैं, लेकिन बच्चों पर माता-पिता के व्यवहार का कितना असर पड़ता है ये जानने के लिए हमने सर्टिफाइड साइकोलॉजिस्ट हेतल जोगी से बात की।
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हेतल का कहना है कि, 'बच्चों पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो अपने मन को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए। हमें ये जानने की कोशिश करनी चाहिए कि आखिर बच्चा ऐसी हरकत क्यों कर रहा है। क्या उसको अटेंशन चाहिए? क्या वो किसी परेशानी में है? बच्चों की किसी भी हरकत पर आप जितना त्वरित एक्शन लेंगे उसका असर उतना ज्यादा होगा। किसी भी हालत में फ्रस्ट्रेशन बच्चे पर उतारना सही नहीं होता है।'
हेतल ने हमें बताया है कि वो कौन से टिप्स हो सकते हैं जो बहुत ज्यादा गुस्सा आने पर हमें शांत कर सकते हैं-
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पेरेंटिंग बहुत ही मुश्किल काम होता है और बच्चों को उनकी गलती का अहसास करवाना और साथ ही साथ उन पर अग्रेशन न दिखाना बहुत जरूरी है। बच्चों को आप किसी गलती पर समझाएं और उन्हें सज़ा भी दें, लेकिन अग्रेशन के साथ नहीं। आपका बच्चों पर हाथ उठाना बहुत ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है। बच्चे अक्सर ये याद रखते हैं कि उनके साथ क्या हुआ और ये आगे चलकर उनके अंदर एंग्जाइटी और अग्रेशन पैदा कर सकता है।
आपको ये समझना होगा कि आपके छोटे-छोटे एक्शन बच्चों पर बहुत गहरा असर डालेंगे और नन्ही सी जान में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। अधिकतर ये देखा गया है कि स्ट्रिक्ट माता-पिता के बच्चों में झूठ बोलने, गुस्सा करने, चिड़-चिड़ापन दिखाने, बात न मानने, परेशान करने, अटेंशन के लिए गलत काम करने, फैसला न ले पाने, बात-बात पर रोने जैसी समस्याएं सामने आ जाती हैं।
आपको ध्यान ये देना है कि बच्चों को गलत बात समझाएं जरूर, लेकिन बार-बार उनपर अपनी फ्रस्ट्रेशन न उतारें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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