हिंदू धर्म में भगवान के मंदिर में दिया जलाने का विशेष महत्व है। वहीं कुछ त्योहारों और अवसरों पर लोग अखंड दीपक भी जलाते हैं। दरअसल, दीपक जला कर भक्त देवी और देवता के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करते हैं। वैसे तो शास्त्रों में बताए गए नियम के अनुसार पूरे दिन में 2 बार भगवान की आरती की जाती है, मगर विशेष अवसरों पर अखंड दीपक किसी मन्नत के रूप में या फिर मंदिर में उजाला रखने के लिए जलाया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी दीपक जलाए रखने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
मगर अखंड दीपक जलाने की विधि और नियम भी हैं। इस बारे में हमारी बात उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा से हुई है। पंडित जी कहते हैं, ' अखंड दीपक संकल्प लेने के बाद ही जलाया जाता है। कुछ लोग नवरात्रि, दिवाली और अन्य त्योहारों पर भी अखंड दीपक जलाते हैं। कई लोग मन्नत के रूप में निश्चित दिनों के लिए दीपक जलाते हैं। ऐसे में जितने समय और दिवस के लिए आपने संकल्प लिया है, उतने दिनों के लिए दीपक को बुझने नहीं देना चाहिए। यदि अखंड ज्योति बुझ जाती है, तो इसे शुभ नहीं माना जाता है।'
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पंडित जी घर में अखंड दीपक जलाने के कुछ नियम और विधि भी बताते हैं-
अखंड ज्योति जलाने की विधि
- अपने जीवन से अंधकार को मिटाने और घर में सकारात्मकता लाने के लिए आप मंदिर में अखंड ज्योति इस विधि का अनुसरण कर जला सकती हैं-
- अखंड ज्योति जलाने के आप को पीतल के दिये का इस्तेमाल करना चाहिए। धार्मिक लिहाज से दीपक को बहुत ही शुभ धातु माना गया है। अगर आपके पास पीतल का दीपक पात्र नहीं है तो पक्की या कच्ची मिट्टी से बने दीपक पात्र में भी अखंड दीपक जलाया जा सकता है। मगर इसके लिए आपको पहले ही दीपक पात्र अच्छी तरह से पानी से साफ (पूजा में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों की क्लीनिंग टिप्स) कर लेना चाहिए।
- अखंड दीपक जलाने से पहले आपको संकल्प भी लेना होगा। यह संकल्प कुछ इस तरह से होगा 'हे ईश्वर! मैं आपके द्वार पर इस श्रद्धा रूपी अखंड दीपक को प्रज्ज्वलित कर रहा या रही हूं। आप इसे स्वीकार करें और हमारी मनोकामना को पूरा करें।' संकल्प लेते वक्त यह भी बताएं कि आप कितने दिनों के लिए अखंड दीपक जला रही हैं।
- दीपक को जमीन पर न रखें। बेहतर होगा कि आप इसे किसी साफ पत्थर या फिर लकड़ी के पाटे पर रख दें। दीपक को हमेशा मंदिर के दाईं ओर ही रखें और इस बात का ध्यान रखें कि दीपक की ज्योति में हवा न लगे, नहीं तो वह बुझ भी सकती है।
- संकल्प लेने से पहले ही तय कर लें कि आपको अखंड दीपक घी का जलाना है या तेल का। यदि आप तेल का दीपक जला रही हैं, तो तिल के तेल का इस्तेमाल करें, साथ ही दीपक के लिए आप बाती का चुनाव भी ध्यान से करें। बेहतर होगा कि मौली से बनी बाती का ही इस्तेमाल करें, ऐसा करने से एक बाती कई दिनों तक चलती रहेगी।
- अखंड दीपक बुझे नहीं इसके लिए आपको दीपक की बाती को हर दिन थोड़ा सा बढ़ते रहना होगा। मगर ऐसा करते वक्त दीपक बुझ भी सकता है। अखंड दीपक बुझे नहीं इसके लिए बाती बढ़ाने से पूर्व आप एक दिया पहले से ही जला कर रख दें, जो आपके अखंड दीपक का प्रतिनिधित्व करेगा।
- जिस दिन आपका संकल्प पूरा हो रहा हो, उस दिन अखंड दीपक (अखंड दीपक का महत्व) की लौ को किसी भी तरह से बुझाने की कोशिश न करें बल्कि उसे अपने आप ही बुझने दें।
- वास्तु के अनुसार अखंड ज्योति पूर्व- दक्षिण कोण यानि आग्नेय कोण में रखना शुभ माना जाता है।
दीपक प्रज्जवलित करते वक्त मन में इस मंत्र का जाप करें-
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुख संपदा
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
अगर आप भी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए घर में अखंड दीप जलाना चाहती हैं, तो आपको भी पंडित जी द्वारा बताए गए नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो, तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी धर्म से जुड़े आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik
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