Parenting Tips: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा नेक, सच्चा और संस्कारी बने, लेकिन कभी-कभी बच्चों में कुछ ऐसी आदतें विकसित हो जाती हैं, जो पेरेंट्स के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं। कुछ बच्चे बेहद जिद्दी होने के साथ माता पिता से बात-बात पर बहस करते हैं या झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा, कुछ बच्चे तो बुरे संगत में पड़ कर गलत राह पर चल देते हैं। ये सभी समस्याएं ज्यादातर टीनएजर बच्चों में देखने को मिलती है। ऐसे में, 10 से लेकर 12 साल की उम्र वाले बच्चे पर पहले से ही ध्यान देना जरूरी हो जाता है, ताकि वे टीनएज में पहुंचकर बिगड़ न जाएं। आपको बता दें कि बच्चों के बिहेवियर को देखकर भी आप उनकी स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। तो चलिए साइकोलॉजिस्ट और एमोनीड्स के सह-संस्थापक डॉ. नीरजा अग्रवाल से जानते हैं कि ऐसी बच्चों में किस तरह के संकेत दिखते हैं।
यदि आपका बच्चा हर एक बात पर जिद करता है और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो भी हो जाता है, तो यह संकेत आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है। बच्चों का ऐसा व्यवहार अक्सर यह दर्शाता है कि वह अपनी बात को मनवाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में, कई बार पेरेंट्स उनकी बातों से सहमति नहीं जताते हैं और न ही हर बार उनकी जिद को पूरी करते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को स्मार्ट तरीके से काम लेना जरूरी होता है।
अगर आपका बच्चा बार-बार झूठ बोलता है और आपको धोखा देता है, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। बच्चे के अंदर विकसित हो रहा ये व्यवहार ईमानदारी और सच्चाई की कमी को दर्शाता है। आपने गौर किया होगा कई बार घर लौटने में देरी होती है, तो बच्चे पढ़ाई और एक्स्ट्रा क्लास का बहाना बना देते हैं, जबकि क्लास से पता चलता है कि ऐसा कुछ था ही नहीं। इस तरह के झूठ बोलने की हरकतें भी बच्चों के बिगड़ने की ओर इशारा करती हैं।
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यदि आपका बच्चा बड़ों का अनादर करता है या उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। इस तरह का व्यवहार अनुशासन और संस्कारों की कमी को दर्शाता है। ऐसी हरकतों का मतलब है कि आपके बच्चे में आपके दिए संस्कार नहीं आए हैं, लेकिन दोस्तों के साथ बुरी संगत का असर हो रहा है। शुरुआती दौर में ही अगर कंट्रोल न किया गया, तो आपका बच्चा पूरी तरह से बिगड़ सकता है।
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अगर आपका बच्चा घर से या बाहर से चीजें चुराता है, तो यह बेहद चिंताजनक बात है। अब जाहिर सी बात है, कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चे को ऐसी सीख नहीं देते हैं। इसका मतलब साफ है कि आपका बच्चा गलत संकेत में पड़ रहा है। अगर यही हालत रही और इस पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो यह बड़ा होकर बड़े क्राइम को भी अंजाम दे सकता है।
यदि आप अपने बच्चे में इनमें से कोई भी संकेत देखते हैं, तो घबराने की जगह बच्चे के साथ बैठकर शांति से बात करें। उनकी परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश करें। साथ ही, समस्या की जड़ को समझने के बाद आप बच्चे से प्यार और सम्मान से बात करके उन्हें सही और गलत के बीच के फर्क को समझाएं।
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Image Credit- Herzindagi
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