कोरोना काल में इन टिप्स की मदद से रिश्तों को रखें जिंदा

कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोग एक-दूसरे की हरसंभव मदद कर रहे हैं। कोरोना काल में रिश्तों को जिंदा रखना बेहद जरूरी है।

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देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लोगों को तेजी से संक्रमित कर रही है। हर रोज संक्रमितों का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ रहा है। इस जानलेवा संक्रमण के आगे हर कोई बेबस नजर आ रहा है। दवाई, बैड और ऑक्सीजन की किल्लत ने हालात और मुश्किल बना दिए हैं। मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बावजूद लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं। यह ऐसा समय है जब हर कोई अपनी या अपनों की जान बचाने में लगा हुआ है।

इस मुश्किल दौर में बहुत जरूरी है कि हम एक-दूसरे का सहारा बनें। फिर चाहे कोई हमसे दूर हो या पास। अपनी तरफ से लोगों की हरसंभव मदद करने की कोशिश करें। क्योंकि आपका उठाया एक कदम किसी की जान बचा सकता है। कोई भी इस मुश्किल घड़ी में खुद को अकेले न समझे इसके लिए वीडियो कॉल, कॉल और संदेश किसी भी माध्यम से जुड़कर अपने आस-पास के लोगों का ख्याल रखें।

पड़ोसियों से संपर्क में रहें

talk with neighbour

इस मुश्किल घड़ी में पड़ोसियों को फोन कर उनकी सेहत के बारे में पूछें। यह भी जानें कि उन्हें किसी चीज की कोई जरूरत तो नहीं है? कोरोना काल में ये बात बिल्कुल न सोचें कि हमारी तो उन पड़ोसी के साथ बातचीत बंद है तो हम उनका हाल क्यों लें। इस कठिन समय में पड़ोसी और इंसानियत का धर्म निभाना चाहिए। फिर समय आने पर आपके पड़ोसी भी आपकी मदद करने में पीछे नहीं हटेंगे।

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दोस्तों से हाल-चाल लेते रहे

talk with friends

भले ही आपकी दोस्तों से कई दिनों तक बात नहीं होती हो लेकिन इस मुश्किल दौर में 2 मिनट का समय निकालकर उनको फोन जरूर करें। क्या पता आपका दोस्त या उनके परिवार का कोई सदस्य इस जानलेवा संक्रमण का शिकार हुआ हो और उसे आपकी मदद की सख्त जरूरत हो। इस तरह से आप अपनों के सही टाइम पर काम आ सकेंगे। इसके अलावा दोस्तों को फोन कर पूछते रहें कि उन्हें किसी चीज की कोई आवश्यकता तो नहीं है।

पुराने शिक्षकों से बात करते रहें

talk with teachers

हर किसी के जीवन में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। शिक्षक के बिना ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अगर आज आप अपने पैरों पर खड़ें हैं तो इसमें शिक्षक का अहम योगदान है। इस मुश्किल समय में अपने शिक्षकों को जरूर याद करें। अगर आपके पास शिक्षक का नंबर नहीं है तो किसी से पात करें और उनकी सेहत के बारे में पूछें। इसके अलावा उनकी आवश्यकता जानें और जितनी हो सके मदद करें। ऐसा करने से आप शिष्य और इंसानियत दोनों का फर्ज निभा सकेंगे।

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रिश्तेदार से बातचीत करें

talk with relatives

कोरोना काल में हर कोई परेशानी में है। ऐसे समय में अपने रिश्तेदारों से दूर भागने की बजाय उनके संपर्क में बने रहें। ऐसे कठिन समय में कब किसी को किसकी जरूरत पड़ जाए कहां नहीं जा सकता है। रिश्तेदारों से समय-समय पर उनकी सेहत के बारे में पूछते रहें। इसके अलावा अगर उन्हें कोई जरूरत है तो उसे पूरा करने की कोशिश करें।

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Image Credit: Freepik

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