सर्दियों के मौसम में किचन गार्डन में लोग तरह-तरह की हरी और पत्तेदार सब्जियां लगाना पसंद करते हैं। जिसमें से एक बथुआ का साग भी है। ठंड के मौसम में बथुआ का पौधा तेजी से उगता है और गार्डन की रौनक बढ़ाने के साथ स्वाद भी बढ़ाता है। लेकिन, जनवरी की कड़कड़ाती ठंड और ओस वाले मौसम के बीच में बथुआ के पौधे का ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ठंड और ओस की वजह से बथुआ के पौधे के पत्ते पीले और झड़ने लगते हैं। ऐसे में बथुआ के पौधे को खास केयर की जरूरत होती है।
जनवरी की सर्दी में बथुआ के पौधे को हरा-भरा रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। बथुआ को बढ़ने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्वों की जरूरत होती है। अब सवाल उठता है कि बथुआ के पौधे को यह सब तत्व किस चीज से मिल सकते हैं। तो बता दें, बथुआ के पौधे को पोषण देने में आपकी मदद सरसों की खली कर सकती है। जी हां, सरसों की खली में ऐसे तत्व होते हैं, जो बथुआ के पौधे को हरा-भरा और पत्तेदार रख सकते हैं।
सरसों की खली और इस चीज के घोल से हरा-भरा रह सकता है बथुआ का पौधा
बथुआ के पौधे को हरा-भरा रखने में सरसों की खली के साथ ऑर्गेनिक पोटाश भी आपकी मदद कर सकती है। दरअसल, ऑर्गेनिक पोटाश में ऐसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो बथुआ के पौधे को बढ़ने और हरा-भरा रहने में मदद कर सकते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि सरसों की खली और ऑर्गेनिक पोटाश का बथुआ के पौधे में किस तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।
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बथुआ के पौधे के लिए नेचुरल फर्टिलाइजर बनाने के लिए सबसे पहले आधा लीटर पानी लें और उसमें एक से दो चम्मच ऑर्गेनिक पोटाश डालकर मिक्स कर दें। पानी में अब लगभग 10 ग्राम सरसों की खली भी डालकर मिक्स कर दें। सरसों की खली और पोटाश के इस मिक्सचर को 24 घंटे के लिए रख दें। समय पूरा होने के बाद मिक्सचर को बथुआ के पौधे की जड़ में डालें। ध्यान रहे कि इस फर्टिलाइजर का इस्तेमाल 15 से 20 दिन में एक बार ही करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई बार ज्यादा फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करने से भी पौधा खराब हो सकता है।
इस तरह भी कर सकती हैं बथुआ के पौधे की केयर
सरसों के पत्ते
सरसों की खली के साथ-साथ आप बथुआ के पौधे के लिए नेचुरल फर्टिलाइजर बनाने के लिए सरसों के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। दरअसल, सरसों की खली की तरह ही सरसों के पत्तों में भी कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो पौधों की ग्रोथ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
नैचुरल फर्टिलाइजर बनाने के लिए सबसे पहले एक बाल्टी को आधा पानी से भर लें और उसमें सरसों के पत्ते और डंडिया तोड़कर डाल दें। अब इस पानी को 24 घंटे के लिए ढककर छोड़ दें। 24 घंटे के बाद सरसों के पत्ते और डंडियों को निकालकर अलग कर लें और पानी का इस्तेमाल बथुआ के पौधे में डालने के लिए करें।
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खट्टी दही
बथुआ के पौधे को हरा-भरा और पत्तेदार रखने के लिए खट्टी दही या छाछ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले 3 से 4 दिन पुरानी खट्टी दही या छाछ लें और उसके 2-3 चम्मच पानी में डालकर मिक्स कर दें। अब इस पानी को बथुआ के पौधे में दे सकती हैं। ध्यान रहे, किसी भी नैचुरल फर्टिलाइजर को महीने में एक से दो बार ही बथुआ के पौधे में दें।
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