मौसम बदलने की वजह से नहीं खिल रहे हैं अपराजिता के फूल, तो अपनाएं ये टिप्स

अपराजिता के फूल को शास्त्र एवं वास्तु के नजर से बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। अपराजिता के फूल दिखने में भी बेहद खूबसूरत दिखते हैं और देवी-देवताओं को भी बहुत प्रिय है।

 
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अपराजिता का फूल जिसे शंखपुष्पी या विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है। यह फूल सफेद, पर्पल और नीले रंग में खिलता है। देवी देवताओं को अपराजिता के फूल बहुत प्रिय है। बहुत से घरों में लोग इनकी खूबसूरती और पूजा-पाठ में इसके महत्व को देखते हुए गमले और क्यारी में लगाते हैं। फूल लगाना तो आसान है लेकिन थोड़े दिन फूल खिलने के बाद इसमें फूल खिलना कम हो जाते हैं, साथ ही मौसम के बदलाव के कारण भी फूल नहीं खिलते हैं। ऐसे में आज हम आपको अपराजिता के बेल में अच्छी मात्रा में फूल खिलाने के टिप्स बताएंगे।

अपराजिता के बेल में ढेर सारे फूल कैसे खिलाएं

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बेल और गमले से जुड़ी इन बातों का रखें खास ध्यान

अपराजिता या विष्णुकांता के बेल को 4-5 घंटे की धूप बहुत जरूरी होती है। बता दें कि बेल में जब अच्छी धूप पड़ेगी तो इससे बेल की ग्रोथ भी अच्छी होगी और फूल भी अच्छे से खिलेंगे। इसके अलावा जब बेल में ज्यादा फलियां खिलने लगे तो उसे तोड़ लें। ज्यादा फलियां खिलने से भी फूल कम खिलते हैं, क्योंकि बेल का सारा पोषण फलियों को मिलने लगता है और बेल में फूल कम खिलते हैं।

मिट्टी में नमी बरकरार रखें

अपराजिता के जड़ के पास मौजूद मिट्टी में नमी होनी चाहिए। नमी ही रखें, ना कि पानी डालकर मिट्टी को ज्यादा गिला कर दें। मिट्टी ज्यादा चिपचिपी न हो इसलिए गमले की मिट्टी में रेत और कंपोस्ट मिलाएं। साथ ही 3-4 महीने में गमले की मिट्टी बदलें और मिट्टी की गुणवत्ता को बनाएं रखें। आप चाहें तो गमले को भी बदल सकते हैं।

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2 महीने में मिट्टी में वर्मीकंपोस्ट और डीएपी डालें

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डीएपी एक केमिकल बेस्ड खाद है जिसे आप एक लीटर पानी में 15 दाने डालकर घोल लें और अपराजिता के जड़ में डालने से भी फूल अच्छी मात्रा में खिलेंगे। इसके अलावा गोबर खाद या फिर वर्मीकंपोस्टभी महीने में एक बार डालते रहें।

सरसों का पाउडर मिलाएं

विष्णुकांता के बेल में खूब सारे बेल के लिए आप जड़ में सरसों का पाउडर मिलाएं। इसके लिए 50 ग्राम पीली सरसों को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। अब इसे एक लीटर पानी में घोलकर जड़ में डालें इसे हर दो महीने में डालें।

चायपत्ती का पानी डालें

विष्णुकांता या अपराजिता के बेल में चाय पत्ती से भी बहुत फायदे मिलते हैं। चाय पत्ती को पानी में मिलाकर अच्छे से उबाल लें और अपराजिता के जड़ में हर महीने डालते रहें। पानी को ठंडा करके डालें गर्म पानी से जड़ जल भी सकता है।

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Image Credit: Freepik

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