ऐसे बहुत कम लोग ही होंगे जिन्हें बैंगन भरता पसंद नहीं हो। अगर किसी को बैंगन की सब्जी न भी पसंद हो तो बैंगन भरता को यक़ीनन खाना पसंद करते हैं। लेकिन, जब बात सेहत के बारे में होती है, तो ज़रूरी हो जाता है कि क्या जो बैंगन बाज़ार से खरीदकर आया है वो सेहतमंद है या नहीं है। कई बार देखने में फ्रेश दिखाई देता तो है बैंगन लेकिन, अंदर से केमिकल से भरा होता है। आजकल बाज़ार में ऐसी बहुत कम ही सब्जी देखने को मिलती है, जो बिना केमिकल के उगाई नहीं गई हो। इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि घर पर कुछ मेहनत के बल पर आसानी से केमिकल फ्री बैंगन उगाया जाए। आज इस लेख में हम आपकों गमले में आसानी से घर पर केमिकल फ्री और सेहतमंद बैंगन उगाने के बारे में बताने जा रहे हैं। कुछ मेहनत और दो से तीन महीने के अंदर आप बिल्कुल फ्रेश और केमिकल फ्री बैंगन उगा सकती हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।
एक सही बीज होने का मतलब है फसल अच्छी होगी। किसी भी फसल का सही होना और सही न होना बीज पर बहुत निर्भर करता है। इसलिए गमले में बैंगन उगाने के लिए आप सबसे पहले सही बीज का चुनाव ज़रूर करें। एक उत्तम बीज लेने के लिए आप किसी बीज भंडार भी जा सकती हैं। कई लोग बीज के स्थान पर बैंगन के छोटे-छोटे पौधे वाले बीज का भी चुनाव करते हैं। अधिक सही रहेगा कि आप पौधे वाले बीज का ही गमले में उगाने के लिए चुनाव करें। इससे आपको अधिक मेहनत करने की ज़रूरत नहीं होगी। पौधे वाले बीज को भी आप बीज भंडार से खरीद सकती हैं।
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किसी भी फसल को लगाने के लिए बीज के बाद निर्भर करता है कि मिट्टी कैसी है। इसलिए आप गमले में फ्रेश मिट्टी ही डालें। मिट्टी डालने के बाद एक से दो बार मिट्टी को खुरेंच दीजिये ताकि मिट्टी में मौजूद नमी दूर हो जाए और मिट्टी सॉफ्ट हो जाए। मिट्टी खुरेंचने के बाद कुछ देर के लिए इसे धूप में ज़रूर रखे। मिट्टी नरम होने का मतलब यह है कि बीज जल्दी से तैयार हो जाते हैं और जल्दी ही जड़ में बैंगन उगने लगते हैं। आप मिट्टी के गमले का ही चुनाव करें।(नींबू आप भी आसानी से उगा सकती हैं गमले में)
मिट्टी तैयार करने के बाद खाद का सही होना भी बहुत ज़रूरी है। ध्यान रहे जब आप मिट्टी खुरेंचें तो मिट्टी में खाद डालकर ज़रूर खुरेंचे। इससे खाद मिट्टी के अंदर तक चली जाती और पौधे को अच्छे से पोषक तत्व मिल जाते हैं। पौधे के लिए आप रासायनिक खाद का कभी भी इस्तेमाल न करें। इसके लिए किसी जैविक या किचन में मौजूद अतिरिक्त फूल-पत्तियां या कम्पोस्ट खाद का ही इस्तेमाल करें। मिट्टी में खाद मिक्स करने के बाद बीज को लगभग 3-4 इंच गहरा ज़रूर लगाएं। इससे जड़ मजबूत होगी और फसल अच्छी होगी।
बीज लगाने और खाद डालने के बाद नंबर है पानी डालने का। सबसे पहले तो आप गमले में बीज लगाने के बाद ही लगभग एक से दो मग पानी ज़रूर डालें। बाद में भी समय-समय पर पौधे में पानी डालते रहे। पानी डालने के अलावा मौसम का भी ध्यान ज़रूर रखें। शुरुआत में बीज लगाने के बाद गमले को तेज धूप में नहीं रखना चाहिए। इससे छोटे-छोटे पौधे जल्दी ही मर जाते हैं। इसके लिए आप गमले को ऐसी जगह रखे जहां अधिक धूप न हो।(गमले में आसानी से उगा सकती हैं हरी मिर्च का पौधा)
गमले में अमूमन अतिरिक्त घास या खर-पतवार जम जाते हैं। ऐसे में समय-समय पर उस घास या खर-पतवार को गमले से निकलना नहीं भूलें। इसके साथ-साथ समय-समय पर पौधे को कीड़े-मकोड़े से बचाने के लिए दवा का छिड़काव करना भी बहुत ज़रूरी हैं। इससे कीड़े भी भाग जाते हैं और फसल ही अच्छी होती हैं। तो गमले में बैंगन लगाने के बाद इस बात का ज़रूर ध्यान रखें।
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जी हां, लगभग तीन से चार महीने के अंदर ही बैंगन तैयार हो जाता है। अब आप चाहें तो पौधे में से बैंगन को तोड़कर सब्जी के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर बैंगन भरता बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। ध्यान रहे सब्जी और भरता में इस्तेमाल करने से पहले इसे एक बार अच्छे से साफ करके ही भोजन के लिए इस्तेमाल करें।
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