सर्दियों के मौसम में साग लगभग हर घर में पसंद किया जाता है। सरसों का साग, पालक का साग, मेथी साग, बथुआ का साग आदि साग को हर कोई बड़े चाव से खाना पसंद करता है। ये हेल्थ के लिए भी बहुत सही माने जाते हैं। कई लोग तो रात में साग बनाकर रख देते हैं और सुबह में खाना पसंद करते हैं। जैसे-सरसों का साग। लेकिन, इन सभी साग को बनाने के लिए सबसे पहले बाज़ार से खरीदकर लाना होता है तभी आप बना सकती हैं।
अब सवाल ये है कि, जब घर पर ही साग को उगा सकती हैं, तो बार-बार बाज़ार से खरीदार क्यों लाना। जी हां, आप भी घर पर भी आसानी से बथुआ का साग उगा सकती हैं। गार्डन में ही आप इसे बेहद आसानी से खाने के लिए पौधा उगा सकती हैं। इसके लिए आपको कुछ साधारण से काम करने होंगे और बथुआ साग तैयार हो जायेगा। तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि घर के गार्डन में आप कैसे बथुआ साग उगा सकती हैं।
किसी भी फसल को उगाने के लिए सबसे ज़रूरी है सही बीज का चुनाव करना। बीज का सही होना, ये निर्भर करता है कि साग की पैदावार सही तरीके से होगी। अगर आपने बीज गलत खरीद लिया तो शायद ही बथुआ अच्छे से उगे। इसलिए, गार्डन में बथुआ साग लगाने से पहले बीज का चुनाव सही से करें। इसके लिए आप किसी बीज भंडार से भी बीज खरीद सकती हैं।
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साग उगाने के लिए मिट्टी को एक से दो बार अच्छे से खुरेंच दीजिये और एक से दो दिन के लिए मिट्टी को धूप में रख दीजिये। इससे मिट्टी नरम हो जाती और पैदावार भी अच्छी होती हैं। मिट्टी खुरेंचने के बाद इसमें खाद को मिक्स करके एक बार फिर मिट्टी को मिक्स कर लीजिये ताकि फसल को खाद की मात्रा अच्छे से मिल सके। ध्यान रहे मिट्टी में जंगली घास मौजूद न हो। जंगली घास फसल को ख़राब कर देती है।(सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं बथुआ की पत्तियां)
मिट्टी को तैयार करने के बाद मिट्टी में बीज को डालें और ऊपर से खाद को भी डालकर मिट्टी को एक बार खुरेंच कर छोड़ दीजिये। खाद का चुनाव करते समय आप हमेशा जैविक खाद या फिर कम्पोस्ट खाद का ही इस्तेमाल करें। रासायनिक खाद से फसल अधिक ख़राब होने के चांस रहते हैं। खाद डालने के बाद फसल में एक से दो मग सभी हिस्सों में पानी भी डालना भी न भूलें।
बथुआ साग की फसल में नियमित समय से पानी भी देना ज़रूरी है। इसके लिए सप्ताह में एक से दो बार पानी ज़रूर डालें। पानी डालने के साथ-साथ ही साग के उगने वाली अन्य घास या खर-पतवार या फिर कीड़े मोकोड़े को भागने के लिए नियमित समय पर खाद का छिड़काव करते रहें। इसके लिए आप बाज़ार से दवा लाकर छिड़काव कर सकती हैं।
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अमूमन कोई भी साग ठण्ड के मौसम में ही होता है। बथुआ का साग भी ठंड के मौसम में ही होता है। इसलिए आप जब भी बथुआ को उगाने के लिए जाए तो ठंड के मौसम का ही चुनाव करें। अगर आप गमले में साग को लगाते हैं, तो तेज धूप से बचाकर रखें।(बथुआ का निमोना)
बथुआ का साग लगभग एक महीने के अंदर खाने के लिए तैयार हो जाता है। इसके लिए आप साग के पत्तियों को सप्ताह से एक बार कटते रहे क्यूंकि, दोबारा उसी जड़ में बथुआ साग की पत्तियां होती रहती है।
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