कभी सास- बहू की झिकझिक तो कभी ससुर से बिना वजह अनबन। ये तो हर एक परिवार की कहानी है। वास्तव में आप भी उनमें से एक हो सकती हैं जो इस समस्या से बाहर निकलना चाहती होंगी कि नई-नई शादी के बाद अपने ससुराल के माहौल में कैसे ढला जाए।
हो सकता है आपको सास और ससुर को देखते ही नर्वस फील होता हो और आपको उनकी कई बातें पसंद न आती हों, जो आपकी चिंता का एक बड़ा कारण भी हो सकती हैं।
एक आम कहावत है, 'आप सिर्फ अपने साथी से शादी नहीं करती हैं बल्कि एक परिवार से शादी करते हैं'। यूं कहा जाए कि एक सफल विवाह की परिभाषा आपके साथी के साथ मजबूत बंधन तो है ही और ससुराल वालों के साथ अच्छे संबंध होने पर यह संपूर्ण हो जाता है।
लेकिन जब वास्तविकता की बात की जाती है तो सांस्कृतिक अपेक्षाओं को देखते हुए ससुराल में रहने या व्यवहार को लेकर एक बहू के मन में आशंकाएं होना एक आम बात है।
टीवी में आने वाले सीरियल और फिल्में भी बहू और सास के बीच संबंधों को अलग तरीके से दिखाती हैं। अगर आप अपने ससुराल में सामंजस्य स्थापित करना चाहती हैं और अपने मन की किसी भी चिंता को दूर करना चाहती हैं तो Mimansa Singh Tanwar, Clinical Psychologist, Head Fortis School Mental Health Program आपको कुछ आसान टिप्स बता रही हैं।
ससुराल पक्ष के विचारों को समझें
अगर आप ससुराल में सामंजस्य बनाना चाहती हैं तो सबसे पहले जरूरी है की आप ससुराल के मूल्यों और विचार प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास करें। हर एक परिवार की अलग-अलग परंपराएं, रीति-रिवाज और विश्वास प्रणालियां होती हैं जो उनके लिए अद्वितीय हो सकती हैं।
अपनी सोच को खुला रखें जिससे आपको परिवार में बेहतर तालमेल बनाने में मदद मिलेगी। हर बात के दो अलग पहलू होते हैं। हमेशा नकारात्मक पहलू को देखने के बजाय अपनी सोच को सकारात्मक रखें।
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सास-ससुर के साथ समय बिताएं
अगर आप ससुराल के लोगों के साथ (ज्वाइंट फैमिली में ऐसे बनाएं अपनी खास जगह) ज्यादा समय बिताएंगी तो उन्हें समझने में मदद मिलेगी। उनके साथ छोटे-छोटे तरीकों से समय बिताएं जैसे सुबह या शाम की चाय साथ में लें। रात के खाने को एक साथ लें और पूरे दिन की बातें शेयर करें।
कई बार आपका ससुराल के लोगों के साथ समस्य न बिताना भी आपके और उनके बीच की दूरी को बढ़ा सकता है और रिश्ते में कटुता ला सकता है।
बात-चीत जारी रखें
परिवारों में गलतफहमियां और झगड़े होना एक आम बात है। लेकिन आपसी सद्भाव बहाल करने की कुंजी सिर्फ बात-चीत यानी कम्युनिकेशन (रिलेशन में कम्युनिकेशन को बनाएं बेहतर) ही है। ससुराल पक्ष से आपकी कितनी भी बड़ी ग़लतफ़हमी क्यों न हो जाए उनसे बात करके समस्या का समाधान ढूंढें।
मतभेदों को टकराव की तुलना में स्पष्टीकरण और समाधान के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप बड़ों के प्रति सम्मान बनाए रखें और किसी भी गलत लहजे, शब्दों या वाक्यों के प्रयोग से बचें।
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ससुराल की कमियों के बारे में न सोचें
किसी भी व्यक्ति में खामियां और खूबियां दोनों ही होती हैं। अगर आपको ससुराल पक्ष के लोगों में खामियां नजर आ रही हैं तो उसके बारे में ज्यादा न सोचें। ऐसा करने से आपके मन में सिर्फ क्रोध, हताशा और लाचारी की भावनाएं बढ़ेंगी और उनके साथ आपके रिश्ते में दूरियां बढ़ेंगी।
आपके लिए अच्छा ये है कि आप सिर्फ उनकी खूबियों पर विचार करें और एक स्वच्छ तरीके से रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने के बारे में विचार करें।
ये कुछ ऐसी सामान्य बातें हैं जो न सिर्फ एक नई बहू के लिए बल्कि सभी के लिए कारगर हो सकती हैं। अगर आप इन आसान टिप्स को आजमाएंगी तो आपको कभी भी सास और ससुर के सामने किसी बात की चिंता नहीं होगी और रिश्तों में सामंजस्य बना रहेगा।
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