अगर आप कारोबार करने के विचार में हैं, जो कमाई के साथ-साथ सीधे लोगों की सेवा करती है, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि सरकार ने जन औषधि केंद्र खोलने के लिए लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब आपको लोन के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से SIDBI यानी Small Industries Development Bank of India की एक वेबसाइट https://jak-prayaasloans.sidbi.in/home लॉन्च की गई है। इसके माध्यम से आसानी से लोन लिया जा सकता है। जन औषधि केंद्र के छोटे संचालकों को बिना किसी गारंटी के SIDBI से लोन दिया जा रहा है। सरकार के मुताबिक SIDBI की इस योजना से जन औषधि केंद्र के संचालकों को कारोबार शुरू करने या इसको बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आम जन भी कारोबार के लिए खोल सकते हैं जन औषधि केंद्र
सस्ती दवाइयों के लिए मशहूर केंद्र सरकार की जन औषधि केंद्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकार की इस पहल से आम जन भी कारोबार के लिए जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं। यह योजना सूक्ष्म एवं लघु उद्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) शुरू की है। केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जन औषधि केंद्रों के संचालकों के लिए SIDBI की लोन सहायता योजना शुरू की गई है। साथ ही, उन्होंने जन औषधि केंद्रों को लोन सहायता के लिए वेबसाइट भी लॉन्च किया है।
ग्रामीण इलाकों में जन औषधि केंद्रों (Jan Aushadhi Kendras) का खुलना लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। इन केंद्रों के माध्यम से लोग अब किफायती दरों पर जेनेरिक दवाएं (generic medicines) खरीद पा रहे हैं। यह उनके स्वास्थ्य और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। इस साल जनवरी तक देशभर में लगभग 10,624 जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा था।
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जन औषधि केंद्रों के बारे में
- जन औषधि केंद्र सरकार द्वारा संचालित जेनेरिक दवाओं (generic medicines) की दुकानें हैं।
- इन दुकानों पर जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक सस्ती दरों पर उपलब्ध होती हैं।
- उदाहरण के तौर पर कैंसर की दवा खुले बाजार में 2,250 रुपये की कैंसर की दवा जन औषधि केंद्र पर 250 रुपये में उपलब्ध है।
- सैनिटरी नैपकिन, ग्रामीण लड़कियां इन केंद्रों से एक रुपये में सैनिटरी नैपकिन खरीद सकती हैं।
- सरकार ने 2025 तक देशभर में 3 लाख जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।
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सस्ती दवाइयों और सर्जिकल प्रोडक्ट्स की मांग
यह आंकड़े दिखाते हैं कि जन औषधि केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध की जाने वाली सस्ती दवाइयों और सर्जिकल प्रोडक्ट्स की मांग में वृद्धि हो रही है। इन केंद्रों के माध्यम से लगभग 1,965 जेनेरिक दवाएं और 293 सर्जिकल प्रोडक्ट सस्ती दरों पर उपलब्ध होती हैं, जिससे लोगों को सही दाम पर इलाज पाने की सुविधा मिलती है।
वित्त वर्ष 2022 से 23 में, इन केंद्रों के माध्यम से 1,235.95 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जिससे नागरिकों को लगभग 7,416 करोड़ रुपये की बचत हुई। यह बचत उनके निजी और पारिवारिक बजट में मदद करती है और उन्हें इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं की सही समय पर पहुंच मिलती है।
इन आंकड़ों से साफ होता है कि जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन और चलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक हेल्थ के समान और सस्ती पहुंच को तय करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
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