आप बिना डेबिट कार्ड के भी यूपीआई का इस्तेमाल करके डिजिटल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके लिए, आपको अपने आधार नंबर की जरूरत होगी। आपको यूपीआई लेनदेन के लिए अपने बैंक अकाउंट को अपने आधार कार्ड से जुड़े रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लिंक करना होगा। इसके बाद, आप आधार कार्ड से ही यूपीआई पिन जनरेट कर सकते हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की वेबसाइट के मुताबिक, आधार का ओटीपी डालकर आसानी से यूपीआई पिन सेट हो जाएगा। इससे वे लोग भी यूपीआई चला पाएंगे, जिनके पास डेबिट कार्ड नहीं है।
भारत में अब बड़ी आसानी से बिना डेबिट कार्ड के भी यूपीआई भुगतान किया जा सकता है। इसके लिए, बैंक अकाउंट को लिंक करके या यूपीआई ऐप में आधार-आधारित रजिस्ट्रेशन के जरिए यूपीआई भुगतान किया जा सकता है। आधार बेस्ड वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करने के लिए, मोबाइल नंबर को आधार कार्ड और बैंक अकाउंट से जोड़ना होता है।
डेबिट कार्ड के बिना BHIM UPI App से बना सकते हैं अकाउंट
- इसके लिए सबसे पहले Playstore से BHIM UPI App डाउनलोड करें।
- इसके बाद अपने फोन नंबर से लॉगिन करें और लॉगिन करने के बाद अकाउंट सेटअप करें।
- अब बैंक अकाउंट में Add Bank Account के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- यहां अपना बैंक अकाउंट सिलेक्ट करें।
- अब आपके सामने दो ऑप्शन दिखाई देगा, जिसमें Debit Card या Aadhaar Number चुन सकते हैं।
- अगर आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है, तो आप दिए गए विकल्प में से आधार कार्ड के ऑप्शन को चुन लें।
- इसके बाद UPI नंबर सेट कर लें।
- आखिर में डेबिट कार्ड के बिना आपका अकाउंट बन कर तैयार हो जाएगा।
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आधार कार्ड से यूपीआई पिन बनाने के लिए, ये कदम उठाए जा सकते हैं
- वह बैंक अकाउंट चुनें जो आधार कार्ड से जुड़ा हो।
- ऐप के मुताबिक, यूपीआई आईडी बनाएं और जांचें कि यह उपलब्ध है या नहीं।
- 'आधार आधारित सत्यापन' विकल्प चुनें और नियम और शर्तों को स्वीकार करें।
- आधार नंबर के पहले 6 अंक डालकर सत्यापित करें और 'पुष्टि करें' पर क्लिक करें।
- 4 अंकों का यूपीआई पिन सेट करें।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा, जिसे डालना होगा।
- पिछले स्टेप में सेट किया गया यूपीआई पिन डालें और 'पुष्टि करें' पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करें।
Google Pay पर भी बिना डेबिट कार्ड के यूपीआई अकाउंट सेटअप किया जा सकता है। इसके लिए, अकाउंट होल्डर का आधार नंबर ही काफी है। यूपीआई, डिजिटल पेमेंट के लिए एक बहुत ही आसान तरीका है और यही इसकी पसंदीदा का बड़ा कारण है।
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यूपीआई (Unified Payment Interface) के कई फायदे हैं
- यूपीआई के जरिए आप पैसे भेज और पा सकते हैं।
- आप तुरंत बिल का भुगतान कर सकते हैं।
- आप एक ही ऐप्लिकेशन पर लेन-देन को अधिकृत कर सकते हैं।
- यूपीआई के जरिए अंतर-बैंक, व्यक्ति-से-व्यापारी, और पीयर-टू-पीयर लेन-देन आसानी से किए जा सकते हैं।
- आप किसी भी ऐप की यूपीआई आईडी पर सिर्फ फोन नंबर के जरिए पैसे भेज सकते हैं।
- अगर आप अपना अल्टरनेट अकाउंट यूपीआई से कनेक्ट करते हैं, तो आपके मेन अकाउंट में ज्यादा पैसे रहेंगे और इस पर आपको सालाना 7 फीसदी ब्याज मिलेगा।

हालांकि, यूपीआई के कुछ नुकसान भी हैं
- यूपीआई लेनदेन की संख्या और प्रति लेनदेन राशि दोनों पर सीमाएं लगाता है।
- अगर आप एक से ज़्यादा यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करते हैं, तो कन्फ्यूजन बढ़ सकता है।
- अगर आप किसी ऐप को अपडेट नहीं करते हैं, तो साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है।
- अगर आप क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से लिंक करते हैं, तो आपको व्यापारियों से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क देना होगा।
- क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने से लोन के जाल में फंसने का खतरा हो सकता है।
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