दिल्ली मेट्रो में सफर करते समय यात्रियों को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जिसमें सामान की मात्रा और उसका प्रकार भी शामिल है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। यहां बताया गया है कि एक यात्री दिल्ली मेट्रो में कितना सामान ले जा सकता है और अन्य नियम क्या हैं? दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय, यात्रियों को कुछ नियमों का पालन करना होता है, खासकर सामान ले जाने के संबंध में। अगर कोई यात्री नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे जुर्माना भरने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है।
दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय, एक व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत सामान से भरा एक बैग ले जाने की अनुमति है। इस बैग का आकार 80 सेमी x 50 सेमी x 30 सेमी से ज़्यादा नहीं होना चाहिए और इसका कुल वजन 25 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पहले दिल्ली मेट्रो में यात्रियों को 15 किलोग्राम तक सामान ले जाने की अनुमति थी, लेकिन अब यात्रियों को सहूलियत दी गई है। इसके अलावा बंडल के रूप में सामान ले जाने की अनुमति नहीं है। साइकिल, बड़े उपकरण या फर्नीचर ले जाने की अनुमति नहीं है। मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश करते समय सभी यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा जांच की जाती है। सुनिश्चित करें कि आप जांच प्रक्रिया का पालन करें।
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दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय, शराब की बोतल ले जाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। आबकारी अधिकारी के अनुसार एक यात्री अधिकतम दो सील बंद शराब की बोतलें ले जा सकता है। प्रत्येक बोतल 750 मिलीलीटर से अधिक नहीं हो सकती। इसका मतलब है कि आप कुल 1.5 लीटर से अधिक शराब नहीं ले जा सकते। खुली हुई बोतल या शराब के पाउच की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही शराब की बोतलें के साथ एक पारदर्शी बैग में होनी चाहिए। आपको बोतलों के लिए बिल भी दिखाना होगा। अगर आप शराब के नशे में हैं तो आपको मेट्रो में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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सीमित सामान ले जाने से खतरनाक और प्रतिबंधित वस्तुओं को मेट्रो में लाने से रोका जा सकता है। इससे यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। सीमित और छोटे आकार का सामान सुरक्षा कर्मियों के लिए जांचना आसान होता है, जिससे सुरक्षा जांच की प्रक्रिया तेजी से और अधिक प्रभावी होती है। अधिक वजन और बड़े आकार का सामान ले जाने से मेट्रो ट्रेन के अंदर और प्लेटफार्म पर भीड़भाड़ बढ़ सकती है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है। सीमित सामान से यात्रियों को अधिक स्थान मिलता है और यात्रा आरामदायक होती है। छोटे और सीमित संख्या के सामान से यात्रियों के लिए प्रवेश और निकास की प्रक्रिया आसान हो जाती है, जिससे ट्रेनें समय पर चल सकती हैं।
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