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Hanuman Temple In Gwalior: कैसे हनुमान जी बन गए गणेश जी, जानिए ग्वालियर के मंदिर की रोचक कहानी

ग्वालियर के एक मंदिर में एक दिन अचानक हनुमान जी गणेश जी बन गए। कैसे हुआ ये चमत्कार, जानिए।  
Editorial
Updated:- 2019-09-03, 13:02 IST

बल और बुद्धि पाने के लिए देशभर में लोग हनुमान जी की आराधना करते हैं। हनुमान जी अपार शक्ति के स्रोत हैं और उनके आशीर्वाद से डर और नकारात्मकता दूर चले जाते हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष रूप से लोग हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना के लिए जाते हैं। आज हम आपको ग्वालियर के एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक है। ये ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी एक दिन अचानक गणेश जी बन गए। कैसे हुआ ये चमत्कार, आइए जानते हैं। 

30 साल पहले हनुमान जी बने गणेश जी

ganesh and hanuman are worshipped inside

ग्वालियर में कंपू नामक स्थान पर लगभग 200 साल लोगों को एक अनूठी प्रतिमा मिली, जिसे लोगों ने हनुमान जी समझकर उनकी पूजा अर्चना शुरू कर दी। लेकिन 30 साल पहले जब हनुमान जी का केसरिया चोला बदला तो एक नया चमत्कार हुआ।

 

दरअसल हनुमान जी का चोला बदलने के दौरान पता चला कि प्रतिमा गणेश जी की है। इस रहस्य से पर्दा उठने के बाद स्थानीय लोगों ने इस जगह का इतिहास खंगालना शुरू किया। इस दौरान लोगों को पता चला कि यहां मराठा सेना के गणेश जी का मंदिर हुआ करता था। चूंकि हनुमान जी और गणेश जी दोनों में ही लोगों की अटूट श्रद्धा और आस्था है, इसीलिए यहां हनुमान जी और गणेश जी की साथ-साथ पूजा होने लगी। 

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यहां गणेश और हनुमान जी की होती है साथ-साथ पूजा

यह मंदिर पुराने बस स्टैंड के पास स्थित है और इसे उसरेटे वाले गणेश जी के नाम से जाना जाता है। जब हनुमान जी के मूल रूप में गणेश जी होने का लोगों को पता चला तो कई तरह की चर्चाएं होने लगीं। कहा जाने लगा कि हनुमान जी ने गणेश का रूप धारण कर लिया है। लेकिन दस्तावेजों की जांच होने पर स्पष्ट हो गया कि प्राचीन काल में यह गणेश मंदिर ही था। इस गणेश मंदिर का पता लगने के बाद लोगों ने यहां गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित कर दी। 

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इस मंदिर में हनुमान जी जैसे दिखते हैं गणेश जी

हालांकि यहां के इतिहास के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिलती, लेकिन इतना जरूर है कि एक समय में यहां सिंधिया रियासत की सेनाएं रहती थीं। उसी समय में एक पीपल के पेड़ के नीचे से निकली सिंदूर वाली गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित किया गया था, जिनका रूप थोड़ा-थोड़ा हनुमान जी से मिलता है। 

 

आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, उन्हें हनुमान जी के साथ गणेश जी का आशीर्वाद साथ-साथ मिल जाता है। यहां के रोचक इतिहास को देखते हुए आप भी इस मंदिर को घूमने के बारे में प्लानिंग कर सकती हैं।  

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