इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिकेट लीग में से एक है। जहां खिलाड़ी अपने शानदार खेल से दर्शकों को रोमांचित करते रहते हैं। वहीं, जब भी कोई खिलाड़ी चौका-छक्का लगाता है या विकेट चटकाता है, तो आपने स्टेडियम में खुशियां मनाते हुए कुछ लड़कियों के ग्रुप देखा होगा। ये कोई और नहीं, बल्कि आईपीएल की चीयरलीडर्स होती हैं। हर टीम के पास अपना अलग चीयरलीडिंग स्क्वॉड होता है, जिसे फ्रेंचाइजी द्वारा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए हायर किया जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि IPL चीयरलीडर्स का चयन किस तरह होता है? उनका सेलेक्शन प्रोसेस क्या होता है और वे कितनी सैलरी पाती हैं? आज हम इस आर्टिकल में IPL चीयरलीडर्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को बताने वाले हैं।
IPL में चीयरलीडर्स का मुख्य उद्देश्य स्टेडियम में जोश और एनर्जी बनाए रखना होता है। वे अपनी शानदार परफॉर्मेस से दर्शखों का ध्यान खींचती हैं और खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाती हैं। उनकी मौजूदगी मैच के माहौल को और भी रोमांचक बना देती है। वे इस टी20 टूर्नामेंट का एक अहम हिस्सा होती हैं और अपने जोश और परफॉर्मेंस से IPL के शानदार अनुभव को और भी ज्यादा खास बना देती हैं।
IPL चीयरलीडर बनने के लिए केवल डांसिंग स्किल्स ही नहीं, बल्कि कॉन्फिडेंस, स्टेज प्रेजेंस और बड़ी भीड़ के सामने परफॉर्म करने का अनुभव भी जरूरी होता है। आईपीएल चीयरलीडर सेलेक्शन प्रोसेस में ऑडिशन, इंटरव्यू और भी कई चरण शामिल होते हैं।
इसे भी पढ़ें- IPL का एक मैच हारते ही टीम के मालिक को होता है कितना नुकसान? सबको नहीं पता होगी ये बात
IPL चीयरलीडर बनने वाले उम्मीदवारों को लाइव परफॉर्मेंस, इंटरव्यू और कभी-कभी लिखित परीक्षा से गुजरना पड़ता है। इसमें कैंडिडेट्स को पर्सनैलिटी, कॉन्फिडेंस और भीड़ के सामने परफॉर्म करने की क्षमता को आंका जाता है। इसके अलावा, आईपीएल चीयरलीरडर बनने के लिए आपके पास फिजिकल-मेंटल स्ट्रेन्थ और डांस बैकग्राउंड होना भी जरूरी होता है।
आमतौर पर IPLचीयरलीडर बनने के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। नॉर्मल इंग्लिश समझनी और बोलनी आनी चाहिए ताकि टीम मेंबर्स और अधिकारियो के साथ कम्युनिकेशन करने में दिक्कत नहीं आए। चीयरलीडर्स एक ग्रुप में काम करती हैं, इसलिए टीम के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता होनी चाहिए।
इंडियन क्रिकेट लीग में चीयरलीडर बनने के लिए केवल सेलेक्ट हो जाना काफी नहीं होता, बल्कि इसके बाद कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। इन ट्रेनिंग सेशन में चीयरलीडर्स को डांस रिहर्सल, फिटनेस ट्रेनिंग और स्टेज परफॉर्मेंस की बारीकियों पर काम करना पड़ता है। ट्रेनिंग के दौरान, उन्हें टीम के एंथम सॉन्ग और स्पेशल मूव्स सिखाए जाते हैं, जिससे वे अपनी परफॉर्मेंस को और भी आकर्षक बना सकें। इसके अलावा, स्टेज प्रेजेंस और दर्शकों से जुड़ने की तकनीक पर भी खास ध्यान दिया जाता है।
जब ट्रेनिंग पूरी हो जाती है, तब लास्ट सेलेक्शन प्रोसेस होता है। इसमें केवल वही कैंडिडेट सफल होते हैं, जो अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस और आत्मविश्वास के साथ जजों को प्रभावित कर पाते हैं। जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें आधिकारिक आईपीएल चीयरलीडिंग स्क्वॉड में शामिल किया जाता है।
IPL में चीयरलीडर्स की सैलरी टीमों और उनके agreements के आधार पर अलग-अलग होती है। iplsn.com के अनुसार, आमतौर पर चीयरलीडर्स प्रति मैच 12,000 रुपये से 24,000 रुपये तक कमा सकती हैं। विभिन्न टीमों के अनुसार अनुमानित कमाई इस प्रकार है:
इसे भी पढ़ें- IPL मैच में किसी दर्शक को लग जाए बॉल से चोट, तो इलाज की जिम्मेदारी किसकी? जानिए मेडिकल प्रोटोकॉल
इसके अलावा, चीयरलीडर्स को कई अन्य सुविधाएं भी मिलती है-
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - jagran, wikipedia, social media
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।