ब्रा से जुड़े इतिहास के बारे में कितना जानते हैं आप

मार्केट में हमें तरह-तरह का ब्रा देखने को मिलती हैं, ऐसे में आज हम आपको ब्रा से जुड़े इतिहास के बारे में बताएंगे। 

evolution in bra

लॉन्जरी को लेकर भारत की महिलाओं में आज भी एक स्टीरियोटाइप बना हुआ है। लोग आज भी ब्रा के बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं, हालांकि पिछले कुछ समय से लोग महिलाओं के मसले पर बात करने लगे हैं। दुनिया भर में ब्रा को लेकर कई तर्क दिए जाते हैं। कुछ लोग इसे महिलाओं के फिगर के लिए बेहतर बताते हैं, तो कुछ लोग इसे सेहत के लिए नुकसानदायक कहते हैं। इसके बावजूद भी दुनिया भर की महिलाओं द्वारा ब्रा पहनी जाती है।

आज के आर्टिकल में हम आपको ब्रा के इतिहास और इससे जुड़े कई इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में आप शायद ही जानती हों। तो देर किस बात की आइए जानते हैं आखिर क्या हैं ब्रा से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स।

ब्रा की शुरुआत-

history of bra

आप में से बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि मिस्र की महिलाएं सदियों पहले से ब्रा पहनती आई हैं। प्राचीन मिस्र में रहने वाली महिलाएं चमड़े की ब्रा पहना करती थीं, जिससे पहनने बहुत मुश्किल होता है। चमड़े की बनी यह ब्रा बॉडी को शेप देने का काम करती थी। हालांकि मिश्र की महिलाओं के लिए इस ब्रा को पहनना मशक्कत का काम होता था।

समय के साथ ब्रा में आए ये बदलाव-

evolution of bra

करीब 17 से 18 वीं शताब्दी तक आते-आते सफेद रंग का अंडरगारमेंट चलन में आया था। इसे पूरी तरह से ब्रा नहीं कहा जा सकता, देखने में यह सफेद कपड़ा किसी कमीज की तरह दिखती थी।

करीब 1890 के दौरान कई देशों की महिलाओं ने कोर्सेट पहनना शुरू कर दिया, जो देखने में किसी जैकेट की तरह दिखता था। इस अंडरगारमेंट में पीछे डोरियां दी जाती थी, जिसे पहनते समय अच्छे से कसा जाता था। उस समय कोर्सेट पहनने से महिलाओं के शरीर को इतना नुकसान पहुंचता था कि डॉक्टर ने इस ब्रा को न पहनने की सलाह दी। माना जाता है कि कोर्सेट पहनने के कारण सांस फूलना, पेट गड़बड़ और मन घबराने जैसी कई समस्याएं होती थीं।

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कैसे हुई मॉर्डन ब्रा की शुरुआत-

facts about bra

साल 1889 तक आते-आते मॉर्डन ब्रा का आविष्कार हुआ। बता दें कि इस ब्रा को फ्रांस की रहने वाली हरमिनी काडोले ने बनाया था। जिसके बाद उन्हें कोर्सेलेट जॉर्ज का नाम दे दिया गया। इस ब्रा को पहनना बेहद आसान था, साथ ही इसे पहनने में महिलाओं को ज्यादा समय भी नहीं लगता था।

बदलते समय के साथ ब्रा का स्वरूप और भी बदलता गया। 1940 के बाद ब्रा को नायलॉन के कपड़ों से तैयार किया जाने लगा, जिस वजह से अंडर गारमेंट हल्के होने लगे। यही वजह थी कि इस समय तक कई महिलाओं नें ब्रा को अपनाकर अपनी जिंदगी के शामिल कर लिया।

ब्रा के आने के साथ शुरू हुआ इसका विरोध-

protest aginst bra

साल 1907 में मशहूर फैशन मैगजीन ‘वोग’ने Brassiere शब्द को फेमस करने में भूमिका निभाई जिसका मतलब था शरीर के ऊपरी हिस्से पहनने वाला कपड़ा। ब्रा के आने बाद कुछ समय में ही इसका विरोध भी शुरू हो गया। जिसके बाद महिलावादी संगठनों ने ब्रा से नुकसानों के बारे में आगाह किया।

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आज के समय मे ब्रा-

all about bra

आज मार्केट में तरह-तरह की ब्रा उपलब्ध हैं, एक तरीके से ब्रा को महिलाओं के कपड़ों का जरूरी हिस्सा बना दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद भी महिला संगठन ब्रा का विरोध करते आए हैं। वहीं भारत की बात करें तो महिलाएं आज भी अपने अंडर गारमेंट कपड़ों के नीचे रखकर सुखाती हैं, इतना ही नहीं समाज में ब्रा की समस्या के बारे में लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते हैं। समाज में ब्रा स्ट्रैप का दिखना भी एक बड़ा मुद्दा होता है।

बदलाव की जरूरत-

कुछ समय पहले जब मलाइका अरोड़ा ब्रा लेस होकर बाहर निकली तो यह सुर्खी बन गई। जबकि ब्रा को लेकर हम सभी को नॉर्मल होना होगा। इसे भी बनियान की तरह मानना होगा, तब ही जाकर महिलाएं ब्रा के मुद्दे पर खुलकर बोल सकेंगी।

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