आप किसी से बात किए बिना कितने दिनों तक रह सकते हैं? एक दिन, एक हफ्ता, एक महीना या साल? जहां तक इंसानों की बात है, हम बहुत ही सोशल प्राणी होते हैं। पर जापान के लोगों के बीच एक अजीब ट्रेंड चल निकला है। वहां 15 लाख वर्किंग लोग एकांत में रह रहे हैं। इस ट्रेंड को हिकिकोमोरी (hikikomori) कहा जा रहा है। ये लोग खुद को सोसाइटी से पूरी तरह से अलग कर लेते हैं। इस अलगाव की अवधि 6 महीने या उससे ज्यादा हो सकती है। इस ट्रेंड के कारण जापान के लोगों की मेंटल और सोशल हेल्थ को सवाल उठने लगे हैं।
अगर कोई परिवार के साथ रहता है, तो वो खुद को एक कमरे में सीमित कर लेता है। इन लोगों की जिंदगी में इंटरनेट बहुत मायने रखता है। उनकी पूरी दुनिया ही इंटरनेट बन जाता है। जापान टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक माना जाता है, पर इस तरह का ट्रेंड चिंताजनक है।
आखिर क्यों बढ़ रहा है यह ट्रेंड?
इस ट्रेंड के बढ़ने के पीछे काफी हद तक सोसाइटल प्रेशर जिम्मेदार है। जापान में किए गए एक पोल में इस तरह के नतीजे सामने आए हैं। टीनएज से लेकर वृद्धावस्था तक लोग अलग-अलग इमोशनल ट्रॉमा से गुजरते हैं। वर्क फोकस्ड सोसाइटी, बुली करने वाला कल्चर, डिप्रेशन, बेरोजगारी आदि सब इसके लिए जिम्मेदार है। शायद आपको ये ना पता हो, लेकिन जापान में होटल स्टाफ के तौर पर रोबोट्स आने लगे हैं। जापान में दुकानों की जगह वेंडिंग मशीन्स ने ले ली है।
जापान में इस तरह के रेस्त्रां होते हैं जिनमें लोगों के लिए क्यूबिकल बनाए जाते हैं, ताकि वो अकेले बैठकर खा सकें।
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क्या है हिकिकोमोरी?
जापान में 1990 के दशक में इस टर्म को इस्तेमाल किया गया था। इसे क्लीनिकल डायग्नोसिस नहीं माना जाता, बल्कि यह सोशल ट्रेंड है जो हर उम्र के इंसान पर असर डाल सकता है। लोग समाज से कटकर एकांत का सहारा लेते हैं।
जापानी सरकार ने 2022 में पूरे देश में 10 से लेकर 69 वर्ष के 30,000 लोगों के बीच सर्वे किया था। वहां पाया गया था कि लगभग 20 प्रतिशत लोग हिकिकोमोरी को फॉलो करते हैं। पैंडेमिक के बाद लोगों की मेंटल हेल्थ पर असर पड़ा है और लोग खुद ही अलगाव महसूस करने लगे हैं। जहां इसके पीछे जापान का वर्क कल्चर और सोशल प्रेशर जिम्मेदार है, वहीं कुछ हद तक जापान के फैमिली स्ट्रक्चर को भी जिम्मेदार माना जाता है। जापान में वृद्धावस्था में माता-पिता की केयर करने का कल्चर है। ऐसे में लोग खुद को बंधा हुआ सा महसूस करते हैं।
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इन कारणों के बारे में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी में बताया गया है । स्टडी में यह भी बताया गया है कि लोग इस ट्रेंड को फॉलो करते-करते सेल्फ हार्म बिहेवियर भी डेवलप कर लेते हैं।
यह ट्रेंड अलग-अलग तरह से फॉलो होता है। कुछ लोग अपने घर वालों और करीबियों से अलगाव करते हैं, कुछ जरूरी सामान लेने बाहर जाते हैं पर उसके अलावा खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं, कुछ एक्स्ट्रीम मामले ऐसे भी हैं जिनमें लोग अपना घर छोड़ते ही नहीं हैं।
वैसे तो यह टर्म सिर्फ जापान के लोगों के लिए ही है, लेकिन अब सोशल आइसोलेशन का ट्रेंड सभी तरफ देखा जा रहा है।
Image Credit: Freepik/ Guidable
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