Entry-11
मुझे मेरे ही फोन से ली गई फोटोज कोई भेज रहा था। यही नहीं मेरी फोटो को एक अश्लील फोटो की तरह मॉर्फ़ करके मुझे भेजा जा रहा था। मिनटों में मेरा फेसबुक अकाउंट भी हैक हो गया था। आखिर ये मेरे साथ क्यों हो रहा था? कौन है ये जो मेरे साथ ये कर रहा था?
रात हो चुकी थी और मम्मी पापा अभी थक-हार के सो चुके थे। बेचारे इतने परेशान हैं, अब ये एक और नई परेशानी आ गई है।
टिंग टिंग
"बोलो, डाल दूं ये फोटो फेसबुक पर?"
ये तो खुली धमकी थी, भेजने वाला जरूर मुझसे कुछ चाहता है।
"क्या चाहिए तुमको?"
टिंग टिंग
इस बार whatsapp नहीं था, मैसेज था...मेरे बैंक से।
"डियर कस्टमर, आपके अकाउंट से पच्चीस हज़ार रुपये डेबिट हुए हैं"
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हे भगवान!
मेरी आंखों से आंसू छलक पड़े। ये क्या? मेरे अकाउंट से पच्चीस हज़ार रुपये निकल गए थे, मैं अब समझ चुकी थी कि ये हो ना हो इसी इंसान का काम है जो मुझे भद्दे मैसेज भेज रहा है। मैं हिल गई थी, कुछ समझ नहीं आ रहा था। हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे। क्या करूं? किस्से मदद मांगू?
मैंने शीतल को फ़ोन मिलाया...
"हेलो? आरती क्या हुआ? पौने बारह बज रहे हैं...भाभी तो ठीक हैं?"
थैंक गॉड शीतल ने फोन तो उठा लिया। मेरे मुंह से हेलो भी ढंग से नहीं निकला था कि मैं सुबक-सुबक कर रोने लगी। जैसे-तैसे मैंने शीतल को बात समझाई।
"आरती, सुन, तू साइबर क्राइम की शिकार हो गई हैं।"
"क्या? शीतल, ये क्या होता हैं? मैं क्या करूं?" मैंने कांपती आवाज़ मैं पूछा।
"बाकी का बाद में समझते-निपटते रहेंगे, तू सबसे पहले एक काम कर...अपने बैंक की हेल्प लाइन पर तुरंत फोन लगा और अपना अकाउंट फ्रीज करावा", शीतल ने मुझे कहा।
मैंने ऐसा ही किया, इसी बीच बैंक ने मेरे अकाउंट हैकिंग की कंप्लेंट भी दर्ज़ कर ली।
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और फिर तभी...
टिंग टिंग
"अच्छा...तो तू होशियारी पर उतर आई? मुझे पैसे लेने से रोकेगी तू कु****”
टिंग टिंग
"अब देख क्या होता है तेरे साथ..."
टिंग टिंग
"ये होगी तेरी फेसबुक पर फोटो" मैसेज के साथ एक और भद्दी फोटो पर मेरा मुंह चिपका कर भेजा गया था।
तभी मेरा फोन बज उठा, शीतल का कॉल था
"आरती, तूने अकाउंट फ्रीज करा दिया?"
"हां, पर अब वो मुझे धमकी दे रहा है...कि मेरे फेसबुक पर मेरी कोई अश्लील फोटो डाल देगा। शीतल मैं..." मैं ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी।
"देख आरती, रोने का टाइम नहीं है ये, हमें तुरंत कुछ काम करने होंगे। आंसू पोंछ, पानी पी और मेरी बात ध्यान से सुन", उस समय अगर शीतल मुझे छत्त से कूदने को भी कहती तो मैं सवाल नहीं करती। मेरा दिमाग एकदम खाली हो गया था।
शीतल जैसे-जैसे बताती गई, मैंने वैसे-वैसे किया।
"सबसे पहले अपना फेसबुक खोल"
"उसने मेरा पासवर्ड बदल दिया है, मैं लॉग आउट हो चुकी हूं" मैंने कहां
"कोई बात नहीं, तो फेसबुक पर जा, और जहां तू अपना पासवर्ड डालती है वहां तुझे forgot पासवर्ड लिखा दिखेगा" शीतल ने समझाया
"हां, दिखा"
"क्लिक कर उसे...किया? हां, अब अपना email डाल, वो जिससे तू फेसबुक लॉग इन करती है। किया?" रात के ढाई बजे भी शीतल इतने आराम और प्यार से मुझे सब समझा रही थी।
"रिसेट पासवर्ड का ऑप्शन आया है।"
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मैंने तुरंत अपने ईमेल से, अपने फेसबुक का पासवर्ड बदल दिया।
"नया पासवर्ड मुश्किल रखना, नंबर्स और कैरेक्टर्स के साथ" शीतल मुझे छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखना सीखा रही थी।
पर सच तो ये था कि ये इतना मुश्किल भी नहीं था। और मुझे इसके बारे में पता ही नहीं!
"शीतल, थैंक गॉड, तुझे ये सब पता था। मेरे जैसे कितनी और लड़कियां होंगी जिन्हें ये पता होना चाहिए।"
"हां आरती, मुझे लगता है हम साइबर सिक्योरिटी के बारे में इतने जागरूक नहीं है जितना होना चाहिए" शीतल के कहते-कहते एक जमाई भर ली। मैंने घड़ी देखी तो 3 बज रहे थे।
"शीतल, सॉरी मैंने तुझे इतना परेशान किया"
"पागल हो गई है क्या? अब सुन, उस मैसेज करने वाले को बोल, तू उसे साइबर सेल में रिपोर्ट कर रही है" शीतल ने कड़क स्वर में कहा
"क्या? नहीं-नहीं, उसको धमकी नहीं देने वाली मैं"
"हेलो? धमकी नहीं है, कल तू और मैं जा रहे है साइबर सेल...समझी?
मैंने हिम्मत करके मैसेज डाल दिया...एक मिनट गुजरा ...दो मिनट हुए...पर कोई जवाब नहीं आया।
"आयेगा भी नहीं...ये लोग डर को ही तो अपनी ढाल बनाते है" शीतल कब इतनी समझदार हो गई थी?
अभी उसकी हिदायतें ख़त्म नहीं हुई थीं..."और अब फेसबुक पर अपना स्टेटस डाल- कि मेरा अकाउंट हैक हो गया था, और मैं इसके पीछे छान-बीन करवा रही हूं...." शीतल बोल रही थी और मैं साथ-साथ टाइप कर रही थी
"लेकिन इसकी क्या ज़रुरत है...सब को क्यों बताना की मेरे साथ ऐसा हुआ है?" मैंने टोका
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"क्यों? ये कोई शर्मिंदगी की बात है? अगर कोई तुम्हारा बटुआ चुराकर भागता है तो तुम क्या उसे छुपाते हो? नहीं न? ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर बोलते हो न " चोर चोर पकड़ो-पकड़ो!" तो साइबर चोरी में क्यों नहीं?" शीतल की बात एकदम सही थी
"और वैसे भी अगर उस चोर ने तेरे अकाउंट से किसी को कोई अंट-शंट भेजा हो तो? समझी? तो लिख- अगर किसी को मेरे अकाउंट से कोई मैसेज मिला हो तो कृपया उसे इग्नोर करें।"
घड़ी पर नज़र पड़ी तो सुबह के चार बज चुके थे...थोड़ी ही देर में मम्मी के उठने का टाइम हो जायेगा...शीतल को भी तो उठकर घर के कामों में लगना होगा।
"शीतल, अब तु सो जा" मैंने कहा
"हां तू भी सो जा थोड़ी देर...ऑफिस भी तो जाना होगा तुझे? गुड नाइट…मॉर्निंग…" शीतल ने जमाई लेते हुए कहा
पर मेरी आंखों से नींद नदारद थी। क्या इस मैसेज भेजने वाले को धमकी देना काफी होगी? और मेरे पच्चीस हजार रुपये? वो मुझे कैसे मिलेंगे? उसके पास मेरी और भी फोटोज हैं, कहीं वो उसका कोई गलत इस्तेमाल तो नहीं करेगा? घर के इतने सारे झमेलों के बीच अब क्या मुझे पुलिस केस में फंसना चाहिए? आपको क्या लगता है? अगर आप मेरी जगह होतीं तो क्या करतीं? मुझे जरूर लिखकर बताइये ...और मेरे साथ आगे क्या-क्या हुआ ये तो में आपको अगले अंक में बताऊगी।
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