दिल्ली/एनसीआर में रहने वाले लोग फर्नीचर और घर की बाकी डेकोरेशन के लिए गुरुग्राम के बंजारा मार्केट जाया करते थे। मगर एक हालिया खबर की मानें तो अब यह बाजार शायद बंद हो जाए। बंजारा मार्केट उचित मूल्यों पर टॉप क्वालिटी का सामान बेचने के लिए चर्चित था। घर की हर छोटी से छोटी और बड़ी चीज यहां आसानी से मिल जाया करती है। अगर यह बाजार नहीं रहेगा, तो सोचिए कि लोगों का क्या होगा? लेकिन इस बाजार के यूं अचानक बंद हो जाने का क्या कारण है? इस चर्चित बाजार के बंद होने के पीछे के कारण को जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
अधिकारियों का क्या कहना है?
टीओई की रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक, आसपास के गांव के पुरुषों ने इन क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया और यहां पर झुग्गी और अपनी दुकान स्थापित की हैं। उन्होंने इन जगहों को पट्टे पर देकर यहां से बहुत ज्यादा किराया अर्जित किया है।
इससे पहले भी अधिकारियों ने इस जगह पर तोड़-फोड़ कर ये दुकानें हटाने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार ये दुकानें वापिस स्थापित कर दी जाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक डिमोलिशन का पैमाना अबकी बार बड़ा होगा। एसडीओ सत्यनारायण के अनुसार, विध्वंस के बाद भूमि की नीलामी की जाएगी और अधिकारियों की एक टीम द्वारा पूरे क्षेत्र के लिए एक उचित योजना तैयार की जा रही है।
एमसीजी पार्षद महेश दायमा के अनुसार, क्षेत्र और लोग क्षेत्र के नागरिक बुनियादी ढांचे के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं क्योंकि वे खुले में शौच करते हैं, और बड़ी संख्या में दुकानों के परिणामस्वरूप लगभग नियमित रूप से भारी ट्रैफिक जाम होता है। यह क्षेत्र शायद अवैध गतिविधियों का केंद्र भी बन गया है और क्षेत्र की सफाई निवासियों के लिए राहत की तरह होगी।
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ऐसे शुरू हुआ था मार्केट
सेक्टर 45, 53 और 57 में कई अतिक्रमणों के बाद एचएसवीपी भूमि पर बंजारा मार्केट शुरू किया गया था। और उन अतिक्रमणों को नियंत्रित करने और रोकने के लिए अधिकारियों ने अब बाजार के बड़े पैमाने पर विध्वंस की योजना बनाई है। भले ही बाजार महान घरेलू साज-सज्जा और सस्ते फर्नीचर का पर्याय था, लेकिन बस्तियां और अतिक्रमण शुरू से ही अवैध थे और यही कारण है कि जब यह अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू होते ही एचएसवीपी ने पुलिस बलों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, बस्ती क्षेत्रों के साथ बाजार क्षेत्र लगभग 25 एकड़ भूमि को कवर करता है और बाजार से सटे बस्तियां स्थायी झुग्गी बन रही हैं क्योंकि बस्तियां पिछले 10-15 वर्षों से बढ़ रही हैं।
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ऐसी थी लोगों की प्रतिक्रिया
इसके बंद होने की खबर से कई लोग उदास भी हुए हैं। लोगों के मुताबिक यह एक पॉपुलर डेस्टिनेशन थी, जहां डेकोरेटिव आइटम और फर्नीचर उचित मूल्यों पर मिल जाते थे। यहां मौजूद कलेक्शन आमतौर पर रेग्युलर मार्केट्स में नहीं मिल पाते थे। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ऐसे मार्केट्स के लिए सरकार को एक उचित जगह बनानी चाहिए और उन्हें रेगुलराइज भी करना चाहिए।
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Image credit: wearegurgaon, herzindagi & baggout
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