herzindagi
asadh month gupt navratri  date significance

आज से आरंभ हो रही है गुप्त नवरात्रि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जानें

हिन्दू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है आइए जानें आषाढ़ के महीने में कब है गुप्त नवरात्रि और इसमें पूजन कैसे करें। 
Editorial
Updated:- 2022-06-30, 11:21 IST

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। मुख्य रूप से साल में चार नवरात्रि तिथियां पड़ती हैं जिसमें से शारदीय और चैत्र तो प्रमुख हैं ही और साल में दो बार पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि का भी विशेष महत्व होता है। इन दोनों गुप्त नवरात्रियों में से अषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है।

ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा अर्चना करते हैं उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। आइए अयोध्या के पंडित राधे शरण शास्त्री शर्मा जी से जानें इस साल आषाढ़ महीने में कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि और इसका क्या महत्व है।

आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त

gupt navratri  date

  • इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून, बृहस्पतिवार से शुरू हो रही है और इसका समापन 8 जुलाई शुक्रवार को होगा।
  • प्रतिपदा तिथि 29 जून 2022, सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 30 जून प्रातः 10 बजकर 49 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त- 30 जून प्रातः 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक।
  • कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून प्रातः 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 43 मिनट तक।
  • यदि आप इस मुहूर्त में कलश स्थापना करते हैं तो ये आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति करेगा।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व

asadh navratri significance

गुप्त नवरात्रि को शास्त्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन 9 दिनों तक जो व्यक्ति व्रत करता है और माता दुर्गा की साधना करता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ धन लाभ भी होता है।

इसे जरूर पढ़ें: Ashadha Amavasya 2022: इस दिन करें ये उपाय, पितृ दोष से मुक्ति के साथ आएगी सुख समृद्धि

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि

asadha month gupt navratri

  • आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि में घट स्थापना करने के लिए प्रातः जल्दी उठें और साफ़ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की (नवरात्रि में मां के इन रूपों की करें पूजा) तस्वीर रखें।
  • माता को लाल चुनरी चढ़ाएं और कलश की स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन में मिट्टी और जौ के बीज डालें और इसके ऊपर कलश रखें।
  • शुभ मुहूर्त में कलश में गंगा जल से भरें और घट स्थापना के लिए कलश में आम की पत्तियां रखें और उस पर नारियल रखें।
  • कलश को लाल कपड़े से लपेटकर उसमें कलावा बांधें।
  • दुर्गा शप्तशती का पाठ करें और लौंग और कपूर से माता दुर्गा की आरती करें।
  • नौ दिनों तक नियमित रूप से मां दुर्गा को प्रसन्न करने हेतु दुर्गा शप्तशती का पाठ करें।

इसे जरूर पढ़ें: क्या आप जानते हैं ज्योतिष के अनुसार लौंग का महत्व, नवरात्रि पूजन में जरूर होता है इसका इस्तेमाल

इस प्रकार आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और इसमें माता दुर्गा की पूजा पूरे भक्ति भाव से की जाती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit: freepik.com

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।