साल 2025 में सोने की कीमत ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब तक के हाईएस्ट पर पहुंच गई है। जी हां, शादियों के सीजन और अक्षय तृतीया से पहले 22 अप्रैल 2025 को सोने की कीमत 1 लाख प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक,10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1 लाख के करीब पहुंच गई है। हाईएस्ट कीमतों पर पहुंचने की वजह से ग्राहकों से लेकर सर्राफा बाजार में हलचल देखने को मिल रही है। एक तरफ गोल्ड खरीदने वाले बढ़ती कीमतों की वजह से घबरा गए हैं और दूसरी तरफ जिन्होंने गोल्ड में इन्वेस्ट किया था वह बाजार में सोना बेचने के लिए निकल पड़े हैं। अगर आपने भी गोल्ड में इन्वेस्ट किया हुआ था और बढ़ती कीमतों के बीच मुनाफा कमाने के लिए सोना बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
कुछ लोग बैंक में पैसा जमा करते हैं, तो कुछ म्युचुअल फंड्स या शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। लेकिन, कुछ होते हैं जो गोल्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। गोल्ड को लोग हार्ड कैश भी कहते हैं। क्योंकि गोल्ड में निवेश करना आसान होता है पर इसके पीछे कई खर्च भी जुड़े होते हैं।
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यह खर्च गोल्ड खरीदते समय तो महसूस नहीं होते हैं, लेकिन जब बेचने जाते हैं तो नुकसान करा जाते हैं। जी हां, आज सोने का रेट 1 लाख के करीब पहुंच गया है। वहीं, आप आज सोना बेचने जाते हैं तो आपको 1 लाख की कीमत पर 1 लाख रुपये नहीं मिलेंगे। जी हां, सोना बेचते समय कई तरह की कटौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें GST, मेकिंग चार्ज और TDS शामिल होता है।
ज्यादातर गोल्ड ज्वैलरी पर 3 परसेंट जीएसटी, 8 से 25 परसेंट तक मेकिंग चार्ज और TDS लगता है, जो सोने में इन्वेस्ट करने वालों को नुकसान का सामना करा सकता है। ऐसे में अगर आप आज की कीमत पर गोल्ड बेचते हैं तो आपको करीब 95 हजार से 96 हजार रुपये ही वापस मिल सकते हैं।
अगर आप निवेश के लिए सोना खरीदते हैं, तो ज्वैलरी की जगह सिक्के या बार में इन्वेस्ट करना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा आप डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF में भी पैसा लगा सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि गोल्ड ज्वैलरी पर जीएसटी के साथ मोटा मेकिंग चार्ज देना पड़ता है, जो सोने की वैल्यू से पूरी तरह से अलग होता है।
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की वजह से गोल्ड रेट में तेजी देखने को मिल रही है। इसके अलावा अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देशों की इकोनॉमी स्लो होने की वजह से भी सोने की कीमतों में उथल-पुथल मची हुई है।
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डॉलर इंडेक्स कई सालों में सबसे निचले स्तर पर देखने को मिल रहा है। ऐसे में सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है जिसकी वजह से इसकी डिमांड वर्ल्ड लेवल पर बढ़ गई है। दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सोने की खरीद कर रहे हैं, जिसकी वजह से कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2025 में प्रति 10 ग्राम पर सोने की कीमतें 25 परसेंट से ज्यादा बढ़ चुकी हैं। ऐसे में गोल्ड में इन्वेस्ट करने का यह सही समय नहीं माना जा रहा है। फाइनेंस एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि एक बार ट्रेड वॉर और इकोनॉमिक टेंशन्स थमने के बाद गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। जिसकी वजह से अभी ज्यादा कीमत में गोल्ड खरीदने वालों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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