अक्सर ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग जब खाली बैठे होते हैं या गहरी सोच में डूबे होते हैं तो बैठे-बैठे वह अपना एक पैर हिलाते रहते हैं। कुछ लोगों में तो लेटे-लेटे पैर हिलाने की आदत भी होती है। वहीं कुछ लोग अध्ययन करते वक्त या फिर पूजा करते वक्त पैर हिलाते रहते हैं। वैसे देखा जाए तो यह एक आम बात है, मगर धर्म और ज्योतिष शास्त्र में इस तरह से पैरों को हिलाना अशुभ माना गया है।
इस बारे में उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य कैलाश नारायण कहते हैं, 'आमतौर पर ऐसा सभी लोग करते हैं। मगर कुछ लोगों की यह आदत में शुमार होता है। वह जब भी बैठते हैं तो उनका एक पैर हमेशा हिलता रहता है। मजे की बात तो यह है कि व्यक्ति को खुद ही नहीं पता चलता कि उसका पैर हिल रहा है। मगर यह आदत धर्म के लिहज से अच्छी नहीं मानी गई है। खासतौर पर जो व्यक्ति घर में धन लाता है उसे कभी भी इस तरह बैठे-बैठे या फिर लेटे-लेटे पैर नहीं हिलाने चाहिए। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि पैरों को बेमतलब हिलाने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं।'
इतना ही नहीं, पंडित जी यह भी बताते हैं कि कब और किस स्थिति में पैर हिलाने से क्या प्रभाव पड़ सकता है।
सोते वक्त पैर हिलाने के प्रभाव
सोते वक्त यदि कोई व्यक्ति अपना एक पैर लगातार हिलाता रहता है तो इस बात का संकेत है कि वह व्यक्ति सेहतमंद नहीं है और ऐसे लोगों को नींद में भी चिंता सताती रहती है। अच्छी नींद न ले पाने के कारण सेहत भी खराब रहती है। नींद में पैर हिलाते वक्त कई बार संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है। मगर, यदि आप इस आदत को सुधारना चाहते हैं तो बेस्ट है कि रात में सोने से पहले कुछ देर मेडिटेशन(इस तरह करें मेडिटेशन) करें और मन को शांत करने के बाद सो जाएं।
दोपहर के वक्त पैर हिलाने के प्रभाव
शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि दोपहर के वक्त यदि कोई अपने पैरों को बेवजह हिलाता है तो उसे धन की हानि होती है। वहीं यदि शाम के वक्त कोई व्यक्ति बैठे-बैठे पैर हिला रहा होता है तो देवी लक्ष्मी उससे रूठ जाती हैं। पंडित जी कहते हैं, 'शाम के वक्त देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग अपने पैरों को बैठे-बैठे हिला रहे होते हैं वह देवी लक्ष्मी का निरादर करते हैं। ऐसे में देवी लक्ष्मी उनसे रूठ जाती हैं और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।'
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बच्चों के पैर हिलाने के प्रभाव
बड़ों की तरह बच्चों को भी बैठे-बैठे पैरों को हिलाते रहने की आदत होती है। यदि कोई बच्चा ऐसा करता है तो उसके पिता को धन की हानि होती है और घर की आर्थिक स्थिति भी इससे प्रभावित होती है। ऐसे में माताओं को बच्चों को बैठे-बैठे पैर हिलाने के दुषप्रभाव जरूर बताने चाहिए और उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए। अधिकतर बच्चे अध्ययन करते वक्त(बच्चों के तेज दिमाग के लिए वास्तु टिप्स) ऐसा करते हैं। ऐसे बच्चों का मन भी गतिशील होता है और वह एकाग्रता के साथ अध्ययन करने में असमर्थ होते हैं।
कार्यक्षेत्र में पैर हिलाने के प्रभाव
जिस व्यक्ति की आदत कार्यक्षेत्र में बैठे-बैठे पैरों को हिलाते रहने की होती है वह मन लगा कर कभी भी अपना काम नहीं कर पाता है। इतना ही नहीं, ऐसे व्यक्ति अपने काम से ज्यादा दूसरों के काम में दिलचस्पी लेते हैं और अपनी इस आदत की वजह से अपने अधिकारियों को कभी भी खुश नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोगों की तरक्की बहुत कम स्तर पर होती है।
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तो अगर आपकी भी बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत है तो आपको भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें और इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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