Ganesh Chaturthi 2023: विदेश में गणपति स्थापना के लिए ध्यान रखें वास्तु के 5 नियम, पूरे साल बनी रहेगी समृद्धि

Ganpati Sthapna Rules: गणेशोत्सव का आरंभ कुछ ही दिनों में होने वाला है और यदि आप इस दौरान घर में गणपति की स्थापना करती हैं तो कुछ विशेष नियमों का पालन जरूरी होती है। 

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गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष भादों महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से पूरे देश भर में गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाती है और यह पर्व लगभग 11 दिनों तक चलता है।

इस दौरान लोग घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और विधि-विधान के साथ उनका पूजन करते हैं। मान्यता यह है कि इस पर्व के दौरान भगवान गणपति अपने भक्तों के बीच विराजते हैं और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

यह पर्व देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और लोग इस दौरान घर में गणपति लाते हैं और पूजन करते हैं। इस साल गणेश उत्सव का आरंभ 19 सितंबर से हो रहा है और यदि आप विदेश में रहकर गणपति की स्थापना कर रहे हैं तो आपको वास्तु के कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहे और गणपति की कृपा बनी रहे। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें इसके बारे में विस्तार से।

विदेश में गणपति स्थापना के लिए वास्तु अनुसार करें सजावट

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  • यदि आप घर में गणपति जी की स्थापना कर रही हैं तो सबसे पहले आपको एक साफ़ स्थान का चुनाव करना चाहिए और स्थापना से पहले घर की सजावट करनी चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार घर की सजावट करते समस्य आपको असली फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए। विदेशों में भी फूल आसानी से मिल जाते हैं और उनसे गणेश जी के स्थानों को सजाया जा सकता है। यदि संभव हो तो सजावट के लिए पीले फूलों का इस्तेमाल करें।
  • सजावट के लिए आपको कृत्रिम फूलों या पत्तियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये घर में वास्तु दोष का कारण बन सकते हैं। आप गणपति के स्थान को प्राकृतिक फूलों के साथ आम की पत्तियों से भी सजा सकती हैं।
  • जिस स्थान पर गणपति की स्थापना करनी है वहां एक चौकी रखें और इसे लाल या पीले रंग के कपड़े से सजाएं।

गणपति स्थापना के लिए वास्तु अनुसार करें सही दिशा का चुनाव

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  • यदि आप गणपति की स्थापना अपने घर में कर रही हैं तो ध्यान रखें कि इसके लिए वास्तु के अनुसार सही दिशा ही चुनें। गणपति स्थापना के लिए सबसे उपयुक्त दिशा ईशान कोण या उत्तर-पूर्व को माना जाता है।
  • यदि आप किसी वजह से उत्तर-पूर्व दिशा में गणपति की प्रतिमा नहीं रख पाती हैं तो पूर्व दिशा भी शुभ मानी जाती है क्योंकि ये उगते हुए सूरज की दिशा होती है और सम्पूर्ण ऊर्जाओं से भरपूर होती है।
  • गणपति की स्थापना आपको दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं करनी चाहिए। इस दिशा में की गई स्थापना और पूजा गणपति को स्वीकार्य नहीं मानी जाती है।

वास्तु के अनुसार कैसी होनी चाहिए गणपति की प्रतिमा

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  • यदि आप विशेष में गणेशोत्सव के दौरान गणपति स्थापना कर रही हैं तो आपको ध्यान में रखना चाहिए कि गणपति की मूर्ति का चुनाव भी वास्तु के अनुसार ही करना चाहिए।
  • गणपति की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए जिसमें उनकी सूंड़ (क्या घर में दाईं तरफ सूंड़ वाले गणेश जी की मूर्ति रखी जा सकती है) बाईं तरफ घूमी हुई हो और यदि प्रतिमा मिट्टी की हो तो ज्यादा शुभ मानी जाती है।
  • ध्यान रखें कि मूर्ति स्थापना के समय इसमें उनकी सवारी मूषक जरूर होनी चाहिए। मूषक के बिना रखी गई गणपति की प्रतिमा को स्थापना के लिए पूर्ण नहीं माना जाता है।
  • गणपति की बैठी हुई मूर्ति घर के लिए ज्यादा शुभ माना जाता है और ऐसी ही प्रतिमा गणेशोत्सव के दौरान घर में लाने की सलाह दी जाती है।

गणपति स्थापना के लिए वास्तु अनुसार रखें वेदी

  • गणपति की मूर्ति को एक ऊंचे मंच या वेदी पर साफ कपड़े से ढककर रखें। मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो, जब आप मूर्ति के सामने खड़े हों तो मूर्ति की ऊंचाई आपकी आंखों के सामने आनी चाहिए।
  • वेदी या मंच को हमेशा ताजे फूलों से सजाएं जिसमें गेंदे के फूलों का इस्तेमाल प्रमुख माना जाता है। इसमें आप एक कमल का फूल जरूर रखें।
  • स्थापना के दौरान घी का दीपक जरूर प्रज्वलित करें। जहां तक संभव हो प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ माना जाता है।
  • वेदी के आसपास के क्षेत्र को साफ और अव्यवस्था मुक्त रखें। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और शांत वातावरण बनाने में मदद करता है।

गणपति स्थापना में परम्पराओं का ध्यान रखना है जरूरी

  • आप देश में हैं या विदेश में जब भी गणपति की स्थापना करें उस समय आपको अपनी परमपराओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • स्थापना के दौरान अपने परिवार के करीबियों और मित्र जनों को आमंत्रित करें।
  • विशेष मंत्रों का जाप करते हुए गणपति की स्थापना करें और अपनी खुशियों को दूसरों के साथ मिलकर बांटें।
  • गणपति जी की आरती के समय भी वास्तु नियमों का पालन है जरूरी। उनके चरणों से शुरू करके नाभि और फिर मुख की आरती करें।
  • यदि आप घर में गणपति की स्थापना कर रही हैं तो आपको घर को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और अंधेरा नहीं रखना चाहिए। कोशिश करें कि गणपति की प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करके रखें।
  • जिस स्थान पर गणपति की स्थापना कर रहे हैं वहां जूते-चप्पलों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए और बाथरूम के आस-पास मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए।

विदेश में रहकर भी यदि आप गणपति की स्थापना के समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन करती हैं तो आपके घर में सदैव समृद्धि बनी रहती है और बप्पा का आशीर्वाद भी पूरे साल बना रहता है।

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Images: Freepik.com

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