त्योहार के सीजन में ऑनलाइन खरीदारी के बीच साइबर जालसाज अब और भी ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। इसलिए मोबाइल या ईमेल पर आने वाले ऑफर के लिंक की पड़ताल करने के बाद ही उसे खोलें। ठग आपको लुभावने ऑफरों से जुड़े लिंक सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, जिन पर क्लिक करने से आपका अकाउंट खाली हो सकता है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से इस तरह ठगी होने की शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं। इनकी जांच कर पुलिस धर पकड़ की कार्रवाई में जुटी है। साइबर पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि ऑनलाइन कस्टमर केयर नंबर पर फोन करते समय भी सावधानी बरतना जरूरी है। क्योंकि कस्टमर केयर बन कर ठगी होने के मामले आए हैं।
धोखाधड़ी के कई मामले कुछ इस तरह सामने आए हैं। ई-वॉलेट से संबंधित धोखाधड़ी, फोन कॉल से जुड़ी धोखाधड़ी, इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी, नकली प्रोफाइल के जरिये से होने वाली धोखाधड़ी और अलग अलग तरह के मिसलेनियस हो सकते हैं।
ई- वॉलेट से होने वाले धोखाधड़ी से बचने के तरीके
1. सार्वजनिक वाई-फाई पर ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने से बचें (Avoid making purchases on public wifi)
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं और हैकर्स आपकी निजी और फाइनेंस से जुड़ी डेटा को चुराने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसलिए, सार्वजनिक वाई-फाई पर ई-वॉलेट का यूज करते समय खरीदारी करने से बचना सबसे बेहतर तरीका हो सकता है।
सार्वजनिक वाई-फाई पर ई-वॉलेट यूज करने के लिए सावधानी बरतें:
- भरोसेमंद जगह पर ही सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करें, जैसे कि किसी कैफे, रेलवे स्टेशन या होटल का वाई-फाई नेटवर्क हो सकता है।
- सार्वजनिक वाई-फाई पर किसी भी मोबाईल की सीमित जानकारी ही दें, जैसे कि आपके बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड की जानकारी को दर्ज करने से बचें।
- वीपीएन (VPN) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपके ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करेगा और उसे हैकर्स से बचाएगा।
अगर आप सार्वजनिक वाई-फाई पर ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते समय खरीदारी करना चाहते हैं, तो यह तय करें कि आप जांच लें कि सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। वेबसाइट के URL के शुरू में HTTPS होना चाहिए और लॉक आइकन दिखाई देना चाहिए।
2. अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को संभाल रखें (Monitor your credit and debit card)
ई-वॉलेट आसान और कम समय में पेमेंट करने का मोड है, लेकिन यह अहम है कि आप अपने क्रेडिट को संभाल कर रखें ताकि यह तय हो सके कि आपके ई-वॉलेट खाते को हैक या धोखाधड़ी से बचाया जा सके। अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को ऐसे रख सकते हैं और अपने ई-वॉलेट खाते से पेमेंट कर सकते हैं।
- अपने ई-वॉलेट खाते में सभी लेनदेन की रिव्यू कर लें। किसी भी लेनदेन को देखें जो आपको जानकारी में नहीं है या जो संदिग्ध लगता है। उनसे लेनदेन करने से बचें।
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में यह देखें कि क्या उस पर कोई अनऑथराइज्ड एक्टिविटी नहीं हुई है। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को साल में कम से कम एक से दो बार जांच लेना बेहतर तरीका हो सकता है।
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3. सुरक्षित ऐप का इस्तेमाल करें (Activate security apps)
- एंटी-वायरस ऐप आपके डिवाइस को मैलवेयर से बचाने में मदद कर सकते हैं। मैलवेयर आपके डिवाइस पर इंस्टॉल हो सकता है और आपके ई-वॉलेट खाते तक पहुंच प्राप्त कर सकता है। क्योंकि मैलवेयर ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिसे खास तौर पर किसी कंप्यूटर या उसमें इंस्टॉल किए गए दूसरे सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है।
- एंटी-थेफ्ट ऐप आपके डिवाइस के चोरी होने या गुम होने पर उसे ट्रैक करने और उसे लॉक करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इससे यह तय करने में मदद मिल सकती है कि आपके ई-वॉलेट खाते का गलत इस्तेमाल न हो।
- पासवर्ड मैनेजर ऐप आपके सभी पासवर्ड को एक ही स्थान पर सुरक्षित तौर पर स्टोर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इससे पासवर्ड बनाने और उन्हें याद रखने में आसानी होती है।
- वीपीएन ऐप आपके ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करते हैं और उसे छिपाते हैं, जिससे यह हैकर्स के लिए ई-वॉलेट यूज करना मुश्किल हो जाता है।

4. मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Multi-factor authentication)
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) एक सुरक्षित तरीका है जो आपके ई-वॉलेट खाते को सुरक्षित करने के लिए प्रमाणित करता है। MFA का इस्तेमाल करके, आप यह तय कर सकते हैं कि आपके ई-वॉलेट खाते का पासवर्ड आपके पास एक जगह सुरक्षित हो।
- ओटीपी एक अस्थायी कोड होता है जो आपको आपके ई-वॉलेट ऐप या ईमेल के माध्यम से भेजा जाता है। जब आप अपने ई-वॉलेट खाते में लॉग इन करने की कोशिश करते हैं या कोई लेनदेन करते हैं, तो आपको ओटीपी रजिस्टर करना होता है।
- आपके डिवाइस पर फिंगरप्रिंट या चेहरे की पहचान जैसी बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल करके आपके ई-वॉलेट खाते को अनलॉक कर सकते हैं।
- ऑथेंटिकेशन ऐप्स आपके डिवाइस पर अलग से कोड भेजते हैं जिसे आप ई-वॉलेट खाते में लॉग इन करने या लेनदेन करने के लिए रजिस्टर कर सकते हैं।
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इन पांच तरीकों से हैकर्स जाल में फंसाते हैं
- कई नामी ई-कॉमर्स साइट से मिलती- जुलती वेबसाइट बना कर लुभावने ऑफर के जरिए लोगों को फंसाते हैं।
- सेल- रीसेल ऐप पर सेकेंड हैंड सामान बेहद कम कीमत पर बेचने की जानकारी ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर उपलब्ध कराकर ठगी करते हैं।
- त्योहार के सीजन में फर्जी कॉल और एसएमएस के जरिये आपको झांसे में लेने की कोशिश करते हैं।
- फर्जी लिंक भेजकर आपकी डिवाइस को हैक करके पैसा उड़ा सकते हैं।
- इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर फर्जी कंपनी और फर्जी अकाउंट में रकम जमा करा लेते हैं।
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो वेबसाइट के लिंक डोमेन नाम या ईमेल एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियों पर जरूर ध्यान दें। अगर कुछ भी संदिग्ध लगे तो क्लिक ना करें। साथ ही साइबर सेल को भी सूचित कर सकते हैं।
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Image credit: Freepik
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