अक्टूबर का महीना आते ही तीज-त्योहारों की झड़ी लग जाती है। अक्टूबर 2021 में भी बहुत सारे त्योहार पड़ रहे हैं। 6 अक्टूबर को पितृ पक्ष के खत्म होते ही 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएंगी। इसके बाद दशहरा और करवा चौथ जैसे बड़े त्योहार भी अक्टूबर में ही हैं। देखा जाए तो अक्टूबर का पूरा महीना ही खुशी और उल्लास का महीना होता है। हर किसी में नई उमंग और तरंग नजर आती है। घरों में सजावट होती है और पकवान बनते हैं, लोग नए कपड़े और सामान की शॉपिंग करते हैं और साथ ही कई त्योहारों में घरों में पूजा-पाठ होती है, जिससे माहौल में सकारात्मकता भर जाती है।
अगर आप भी अक्टूबर के महीने का इंतजार कर रहे हैं और जानना चाहते हैं कि कौन सा त्योहार कब है और उस त्योहार पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है, तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
हमने उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा जी से सभी त्योहारों की तिथि और शुभ मुहूर्त पर बातचीत की है, साथ ही यह भी जानने की कोशिश की है कि कौन से त्योहार का महत्व क्या है।
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दिनांक- 7 अक्टूबर, गुरुवार
घटस्थापना शुभ मुहूर्त- सुबह 6:16 से सुबह 10:11 बजे तक
इस वर्ष 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाएंगी। ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों देवी दुर्गा अपने मायके आती हैं, इसलिए हिंदू परिवारों में देवी की स्थापना की जाती है और भगवान श्री गणेश के स्वरूप में कलश स्थापना की जाती है। पंडित जी कहते हैं, 'कलश स्थापना दिन के एक तिहाई हिस्से के बीतने से पहले ही कर लेनी चाहिए। अगर आप शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाते हैं तो अभिजीत मुहूर्त में भी यह संपन्न हो सकती हैं।' शारदीय नवरात्रि में 12 अक्टूबर को सप्तमी, 13 अक्टूबर को अष्टमी और 14 अक्टूबर को नवमी है।
दिनांक: 15 अक्टूबर, शुक्रवार
शुभ मुहूर्त: इस वर्ष 14 अक्टूबर 2021 को शाम को 6:52 बजे पर दशमी तिथि लग जाएगी और फिर 15 अक्टूबर शाम 6:02 बजे समाप्त हो जाएगी। वहीं विजय मुहूर्त 15 अक्टूबर को दोपहर 2:02 बजे से शुरू हो कर दोपहर 2:48 बजे तक चलेगा। अपराह्न काल 1: 16 बजे शुरू होगा और दोपहर 3:34 बजे समाप्त हो जाएगा।
पंडित जी कहते हैं, 'दशमी तिथि दो दिन पड़ती है तो श्रवण नक्षत्र के आधार पर पहले दिन के अपराह्न काल में ही विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है।' इस दिन ब्राह्मणों में रावण और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
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दिनांक: 16 अक्टूबर, शनिवार
शुभ मुहूर्त: 16 अक्टूबर सुबह 6:20 बजे से शुरू होकर 17 अक्टूबर को सुबह 7:00 बजे तक
अगर आप पापांकुशा एकादशी भगवान श्री विष्णु का व्रत रखती हैं, तो आपको 10वीं तिथि से ही इस व्रत की शुरुआत कर देनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दिनांक: 20 अक्टूबर, बुधवार
शुभ मुहूर्त:19 अक्टूबर शाम 7:05 बजे से लेकर 20 अक्टूबर शाम 8:20 बजे तक
ऐसा कहा जाता है कि इस पर्व से शरद यानि कि सर्दियों के मौसम की शुरुआत होती है। यह भी कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें अमृत जैसी होती हैं, इसलिए इस दिन लोग चंद्रमा की रोशनी के नीचे कुछ समय के लिए कुछ मीठा रखते हैं ताकि उस पर चंद्रमा की अमृत समान किरणें पड़ें।
दिनांक- 24 अक्टूबर, रविवार
शुभ मुहूर्त:करवा चौथ की पूजा के लिए शाम 5:43 शुरू हो कर शाम 6:50 तक रहेगा, वहीं चंद्रोदय का समय रात में 8:07 तक होगा।
करवा चौथ का पर्व हर हिंदू महिला के लिए खास होता है। इस त्योहार को हर महिला अलग-अलग विधि से मनाती है, मगर इस दिन चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही करवा चौथ की पूजा पूरी होती है।
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