अगर आप भी जानना चाहते हैं कि साल के पहले ही महीने जनवरी में कौन-कौन से त्यौहार पड़न वाले हैं और उन्हें मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है, तो एक बार यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें।
2 जनवरी, सोमवार - पौष पुत्रदा एकादशी
4 जनवरी, बुद्धवार - प्रदोष व्रत
6 जनवरी, शुक्रवार - पौष पूर्णिमा व्रत
10 जनवरी, मंगलवार - संकट चौथ
13 जनवरी, शुक्रवार - लोहड़ी
14 जनवरी, शनिवार- मकर संक्रांति, उत्तरायण, पोंगल
18 जनवरी, बुद्धवार - षट्तिला एकादशी
19 जनवरी, गुरुवार - प्रदोष व्रत
21 जनवरी, शनिवार - मौनी अमावस्या
26 जनवरी, गुरुवार - वसंत पंचमी
हर वर्ष लोहड़ी 13 जनवरी के दिन मनाई जाती है। यह पर्व पंजाबियों में बहुत ही लोकप्रिय है। हालांकि, अब लोहड़ी पूरे देशभर के लोग मनाते हैं मगर स्थान-स्थान पर लोहड़ी का पर्व अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। यह पर्व नई फलस के कटने के उलक्ष में मनाया जाता है और यह घर में आई नई दुल्हन के लिए बेहद खास होता है।
मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस पर्व को कई कारणों से मनाया जाता है। वैसे तो हर माह संक्रांति आती हैं, मगर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर जब मकर संक्रांति का पर्व आता है। इस दिन हिंदू परिवारों में खिचड़ी बनाने, दान-पुण्य करने और पतंग उड़ाने का रिवाज होता है। कई लोग इस दिन पवित्र नदी में स्नान भी करते हैं। इस पर्व पर स्नान करना बहुत ज्यादा ही शुभ माना जाता है।
एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन अगर आप भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, तो आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं। षटतिला एकादशी में तिल के उबटन को लगाकर स्नान करना बहुत शुभ माना गया है। इस दिन आप घर के मंदिर में मौजूद लड्डू गोपाल को भी तिल का उबटन लगाकर स्नान कराती हैं तो आपको विशेष फल प्राप्त होते हैं।
शुभ मुहूर्त- 17 जनवरी 2023 को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर शुरू होकर 18 जनवरी 2023 को दोपहर 4 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगा
मौनी का अर्थ होता है मौन रहना। इस अमावस्या पर मौन रह कर व्रत करना होता है। ऐसा कहा जाता है कि आपके मन में किसी के लिए बुरे विचार हैं या फिर आप किसी को अपशब्द न बोल सकें इसके लिए मौनी अमावस्या पर पूरे दिन चुप रहकर व्रत रखना होता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से भी आपके सारे पाप धुल जाते हैं। शास्त्रों के आधार पर ऐसा माना गया है कि इस दिन मनु का जन्म हुआ था।
शुभ मुहूर्त- 21 जनवरी 2023 को शाम 6 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा और 22 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा।
हिंदू तीज-त्योहारों में बसंत पंचमी का पर्व भी हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन विद्यार्थियों को किताब और पैन की पूजा भी करनी चाहिए। ऐसा कहते हैं इससे बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा।
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