भारत में तरह-तरह के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन बिल्कुल अलग हैं, जिस कारण यहां की हर संस्कृति में आपको भिन्नता नजर आती है। ये झलक मात्र भौगोलिक स्तर पर ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक नजरिए से भी बिल्कुल विपरीत देखने को मिलती है। भारत के लोक गीत इसी बात का उदाहरण हैं, यहां अलग-अलग राज्यों के हिसाब से लोगों के लोक गीत भी कई प्रकार के हुए हैं। जो सालों से भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं।। इन लोक गीतों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए, इतना ही नहीं किसी भी स्थान के मूल निवासी होने के नाते आपको अपनी सांस्कृतिक विरासत और कला को संभाल कर रखना चाहिए।
आज के आर्टिकल में हम आपको भारत के ऐसे ही लोक गीतों के बारे बताएंगे, जो दुनिया भर में भारत की पहचान के रूप में जाने जाते हैं। तो आइए जानते हैं भारत के कुछ प्रसिद्ध लोग गीतों के बारे में।
पंडवानी-
यह लोक गीत मुख्य रूप से राजस्थान में गाया जाता है। बता दें कि यह लोक गीत पांडवों की कहानी पर आधारित है, वहीं इसकी शैली वेदमती और कापालिक है। राजस्थान अलावा भी कई ऐसे राज्य, जैसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड हैं, जहां लोगों के बीच इस लोक गीत को गाया जाता है। अगर आप इनमें से किसी राज्य के हैं, तो आपने यहां का प्रसिद्ध लोकगीत जरूर सुना होगा।
बिहू गीत-
बिहू गीत के बारे में भला कौन नहीं जानता, या जो लोग जानते नहीं होंगे उन्होंने नाम तो जरूर सुना होगा। बिहू गीत असम राज्य में गया जाने वाला एक प्रसिद्ध और प्राचीन लोक गीत है, जिसे बीहू त्यौहार के अवसर पर गया जाता है। गीत के साथ-साथ असम का बिहू नृत्य भी देश भर के प्रसिद्ध फोक डांस में से एक हैं। इसे मुख्य रूप से असम की महिलाओं द्वारा गया जाता है।
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संबलपुरी-
इस लोक गीत का नाम ओडिशा स्थित संबलपुर शहर के नाम पर रखा गया है। बता दें कि यह मुख्य रूप से ओडिशा में गए जाने वाला प्रसिद्ध लोक गीत है।
बाउल-
यह लोक गीत मुख्य रूप से बंगाल में गाया जाता है। इस लोक गीत का गायन करने वालों को भी बाउल ही कहा जाता। इस लोक गीत को फकीरों द्वारा गाया जाता है। कहा जाता है कि यह लोक गीत जीवन की परिभाषा बताता है।
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मांड-
मांड राजस्थान का एक पारम्परिक लोक गीत है। यह लोक गीत अपने शास्त्रीय रागों के लिए जाना जाता है। अपने खूबसूरत रंगों के कारण यह किसी भी संगीत प्रेमी के दिल को छू जाता है। वैसे तो मुख्य रूप से इस लोक गीत को राजस्थान में गाया जाता है, मगर इसकी झलक आपको मध्यप्रदेश और गुजरात राज्य के क्षेत्रों में भी देखने को मिल जाती है।
कजरी-
इस लोक गीत के बारे में भला कौन नहीं जानता होगा। इस लोक गीत की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से हुई थी। यह लोक गीत सावन के समय में खूब गाया जाता है। कहा जाता है नायिका अपने प्रेमी को सावन के मौसम में याद करके यह गाना गाती है, जिसका प्रेमी कहीं दूर रहता है। कई धार्मिक त्योहारों पर हमें कजरी गीत सुनने को मिल जाते हैं।
तो ये थे भारत के कई प्रसिद्ध लोक गीत, जिनके बारे में आपने कभी ना कभी जरूर सुना होगा। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो, तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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