मौसम के बदलते ही व्यक्ति के शरीर पर इसका प्रभाव दिखता है। फिर चाहे गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम किसी न किसी रूप से व्यक्ति के शरीर को प्रभावित करता है। मगर यह प्रभाव केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में रात में गिरने वाली ओस पेड़ों की सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक होती है।
सर्दी में गिरने वाली ओस सबसे ज्यादा खतरनाक तुलसी के पौधे के लिए होती है। आमतौर पर तुलसी का पौधा सभी हिंदू परिवार अपने घरों में लगाते हैं, क्योंकि इससे उनकी आस्था जुड़ी होती है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवतुल्य माना गया है। हर घर में तुलसी की पूजा की जाती है, मगर सर्दियों के आते ही तुलसी का पौधा खराब होना शुरू हो जाता है। अमूमन लोगों की शिकायत होती है कि इस मौसम में तुलसी के पत्ते काले हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
इस बारे में सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर साइंटेस्ट एवं हेड डॉक्टर आनंद सिंह बताते हैं, 'इस मौसम में बहुत जरूरी है कि तुलसी के पौधे की उचित देखभाल की जाए। हालांकि, हर मौसम में तुलसी के पौधे का ध्यान रखना चाहिए, मगर सर्दी के मौसम में उसे ओस से बचाने के लिए कुछ विशेष उपाय जरूर करें।'
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मिट्टी और बालू का सही अनुपात
मिट्टी के साथ तुलसी के पौधे को रोपने के लिए बालू का भी इस्तेमाल करें। डॉक्टर आनंद बताते हैं, 'जिस गमले में आपने तुलसी का पौधा लगाया है, उसमें पानी के निकलने का सिस्टम सही होना चाहिए। नहीं तो पौधे की जड़ें गल जाएंगी। इसके लिए आपको नदी की बालू लेने की जगह मिट्टी के साथ मौरंग की एक लेयर गमले में डालनी चाहिए। गमले में पहले मौरंग की लेयर डालें और बाद में मिट्टी की। इस बात का भी ध्यान रखें कि मिट्टी और मौरंग का अनुपान 50-50 होना चाहिए।' यदि आप इन अनुपात का ध्यान रखते हैं तो तुलसी के पौधे की जड़ें पानी की अधिकता के कारण गलेंगी नहीं। साथ ही तुलसी में जैविक खाद और उपजाउ मिट्टी का प्रयोग करें। इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी और उसे उचित पोषण मिलता रहेगा।
पानी की मात्रा ध्यान रखें
तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने से आमतौर पर हर घर में सुबह के समय नहाने के बाद लोग तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। अब यदि घर का हर सदस्य नियम से तुलसी के पौधे पर लोटा भर जल चढ़ाएगा तो तुलसी का खराब होना तय है। इस बारे में डॉक्टर आनंद कहते हैं, ' तुलसी के पौधे को नमी चाहिए होती है, मगर अधिक नमी के कारण वह खराब हो सकता है। इसलिए रोज जल चढ़ाने की जगह जब पौधे की मिट्टी सूखने लगे तब जल चढ़ाएं। इसके साथ ही मिट्टी की गुड़ाई भी कर दें ताकि तुलसी के पौधे को उचित ऑक्सीजन मिलती रहे।'
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कपड़े से ढांक दें
सर्दियों के मौसम में शाम के वक्त जब तापमान गिरना शुरू हो और ओस गिर रही हो उस वक्त तुलसी को एक कॉटन के कपड़े से कवर कर दें। इससे उसे ओस से बचाया जा सकता है। आप कपड़े का शेड भी तुलसी के पौधे पर लगा सकते हैं। इससे भी बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं आपको जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा है, उसकी मिट्टी को सूखी घास या भूसे से ढक देना चाहिए, इससे पौधे को गरमाहट मिलती है।
घरेलू टिप्स
1. पानी में हल्दी घोल कर उसका स्प्रे तैयार कर लें और हर 2 दिन में तुलसी के पत्तों पर इस मिश्रण को स्प्रे करें। ऐसा करने से तुलसी के पत्तों में लगे कीड़े मर जाएंगे।
2. पानी में गौमूत्र मिला कर भी आप इस मिश्रण का छिड़काव कर सकते हैं। गौमूत्र (गौमूत्र के फायदे) में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तुलसी के पौधे की कोशिकाओं को मजबूती देते हैं, जिससे पेड़ हरा-भरा रहता है।
3. जैसे ही पौधे में मंजरी निकलना शुरू हो वैसे ही उसे हटा दें। मंजरी निकलने से पेड़ की ग्रोथ बंद हो जाती है।
एक्सपर्ट की बताई इन टिप्स को आजमाएं और तुलसी के पौधे को सर्दियों में खराब होने से बचाएं। आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। साथ ही इसी तरह के और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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