Front load washing machine using tips: प्राचीन समय में लोग ढेरों भारी-भरकम कपड़े हाथों से धुलते थे, लेकिन आज आधुनिक युग में इसकी जगह वाशिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। आज वाशिंग मशीन की मदद से हम ढेरों कपड़े कम समय और मामूली से डिटर्जेंट पाउडर में धो लेते हैं। इसमें आपके कपड़े धुलने के साथ ड्राई भी हो जाते हैं। ऐसे में हमें इन्हें ज्यादा देर धूप में सुखाना भी नहीं पड़ता है। वहीं कुछ साल पहले सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन (semi automatic washing machine) का मार्केट में काफी चलन था, लेकिन आज उसकी जगह फुली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन (fully automatic washing machine) का इस्तेमाल घरों में ज्यादा हो रहा है। इसमें आपको सेमी ऑटोमेटिक की तरह ज्यादा झंझट करने की जरुरत नहीं होती है। बस एक बार कपड़े डालने के बाद वो पूरी तरह धुलकर और ड्राई होकर निकलते हैं। ऐसे में सुविधा की दृष्टि से यह ज्यादा अच्छी होती है। हालांकि इसकी कीमत सामान्य से थोड़ी ज्यादा होती है।
इसके अलावा आज बाजारों में दो तरह की वाशिंग मशीन आ रही हैं। एक टॉप लोड और दूसरा फ्रंट लोड। इन दोनों की केवल बनावट में थोड़ा अंतर होता है। फ्रंट लोड में वाशिंग मशीन का ढक्कन सामने की ओर होता है। जबकि टॉप लोड में ढक्कन ऊपर की साइड होता है। आजकल फ्रंट लोड वाशिंग मशीन घरों में ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है। यदि आपके घर में भी ऐसी मशीन है तो आपको उसको इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। अन्यथा वो जल्दी खराब हो सकती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में फ्रंट लोड वाशिंग मशीन को यूज करने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसको आप भी फॉलो करके अपनी मशीन को कई साल तक खराब होने से बचा सकती हैं।
सही लिक्विड और डिटर्जेंट पाउडर का यूज
जिस तरह मार्केट में फ्रंट और टॉप लोड वाशिंग मशीन मिल रही हैं, ठीक उसी तरह इसके लिए अलग लिक्विड और डिटर्जेंट पाउडर भी बिकते हैं। ऐसे में आप अपनी फ्रंट लोड वाशिंग मशीन के लिए उसी का लिक्विड या डिटर्जेंट पाउडर खरीदकर इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आपकी मशीन के उपकरण ठीक रहेंगे और कपड़े भी ठीक तरह से धुलेंगे।
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दरवाजा खुला छोड़ दें
जब भी आप वाशिंग मशीन में से कपड़ों को धुलने के बाद बाहर निकालें तो कुछ देर के लिए उसका दरवाजा खुला छोड़ दें। ऐसा करने से उसके अंदर स्थित नमी और गीलापन सूख जाएगा। साथ ही, स्मेल भी उसके अंदर भरी नहीं रह पाएगी।
हिसाब से धोएं कपड़े
आपने देखा होगा मार्केट में वाशिंग मशीन लीटर के हिसाब से आती हैं। दरअसल, वजन के हिसाब से ही उसके टब बनाए जाते हैं। ऐसे में हमेशा वाशिंग मशीन में हिसाब से कपड़े धोने के लिए डालें। ज्यादा कपड़ों को ठूसकर नहीं भरें। ऐसा करने से आपकी वाशिंग मशीन पर ज्यादा असर पड़ेगा और उसके खराब होने के चांस बढ़ जाएंगे। साथ ही, ज्यादा भर देने से कपड़े अच्छी तरह धुल भी नहीं पाते हैं।
डीप क्लीनिंग जरूरी
वाशिंग मशीन की डीप क्लीनिंगकरने से भी वो जल्दी खराब नहीं होती है। ऐसे में 2 से 3 महीने बाद एक बार टब की डीप क्लीनिंग जरूर करें। इसके लिए मार्केट में क्लीनिंग पाउडर मिलते हैं या फिर इसके अलावा आप सिरका और बेकिंग सोडा से भी सफाई कर सकती हैं।
ड्रेनिंग पाइप की सफाई
वहीं समय-समय पर वाशिंग मशीन के ड्रेनिंग और जिस पाइप से पानी आता है। उसकी सफाई करते रहना चाहिए। दरअसल, उसमें कभी-कभी रेशे और मिट्टी आदि जमा हो जाती है। ऐसे में पानी कम आता और निकलता है। ऐसे में क्लीनिंग से पानी का फ्लो ठीक बना रहता है।
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