हिंदू धर्म में कुंडली को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। व्यक्ति की कुंडली में मौजूद गुण या दोष ही बताते हैं कि जीवन में उसे किस तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
ऐसे में कुंडली में मौजूद कुछ दोष आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। जाहिर है, आम लोगों के लिए यह समझ पाना कि उनकी कुंडली में किस तरह का दोष है मुश्किल है। ऐसे में आप जीवन में घट रही घटनाओं के आधार पर यह समझ सकती हैं कि कुंडली में मौजूद किस दोष के कारण आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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मंगल दोष
कुंडली में मंगल दोष 2 तरह के होते हैं। एक उच्च मंगल दोष और दूसरा निम्न मंगल दोष होता है। अगर कुंडली में उच्च मंगल दोष है तो आपको जीवन में ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं निम्न मंगल दोष जन्म के साथ ही लगता है और 28 की उम्र होने के बाद खत्म हो जाता है।
मंगल दोष के लक्षण
- मंगल दोष है तो विवाह में रुकावटें आ सकती हैं।
- विपरीत लिंग की ओर कम आकर्षण हो सकता है।
- परिवार के सदस्यों से लड़ाई-झगड़ा हो सकता है।
- मांगलिक दोष होने के कारण आपके करीबियों से रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
मांगलिक दोष निवारण के उपाय
- मंगला गौरी का पाठ करें और व्रत रखें। इससे विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
- ज्यादा से ज्यादा लाल रंग के कपड़े धारण करें। जीवन में आ रही कठिनाइयां कम होंगी।
- मंगल दोष को शांत करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करिए।
पितृ दोष
कुंडली में 9 ग्रह होते हैं, जिनमें से सूर्य पिता का प्रतिधित्व करता है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो यह पितृ दोष हो सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि पितृों के रुष्ट होने पर वंशजों को कष्ट भोगना पड़ता है।
पितृ दोष के लक्षण
- अगर आप अपने पिता या गुरु का अपमान करने लग जाएं तो यह पितृदोष के लक्षण हैं।
- अगर आप घर में आयोजित हो रहे किसी धार्मिक कार्य में अनावश्यक बाधा डाल रहे हों तो आपको समझ जाना चाहिए कि कुंडिली में पितृ दोष है।
- अगर पितृों द्वारा दी गई जमीन या सामान को बेचने की नौबत आ जाए तो आप समझ जाएं कि आपके ऊपर पितृदोष लगा हुआ है।
पितृ दोष निवारण के उपाय
- प्रति दिन आपको सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
- पीले रंग की वस्तुओं का दान करें।
- पितृों के पसंद का भोजन निर्धन व्यक्ति को खिलाएं।
- बड़ों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।

केंद्राधिपति दोष
जब कुंडली में शुभ और लाभ पहुंचाने वाले ग्रहों के कारण दोष बनने लगे तो उसे केंद्राधिपति दोष कहा जाता है। वैसे अधिकांश दोष कुंडली में शनि, राहु और मंगल द्वारा बनने वाले विशिष्ट भावों के कारण बनते हैं। मगर कभी-कभ अच्छे और लाभ पहुंचाने वाले ग्रह भी दोष का कारण बन जाते हैं।
केंद्राधिपति दोष के लक्षण
बुध, शुक्र और चंद्रमा के कमजोर पड़ने पर जब इस ग्रहों की महादशा आप पर हो तो समझ जाएं कि आपके ऊपर केंद्राधिपति दोष का प्रभाव है।
केंद्राधिपति दोष के निवारण के उपाय
इस दोष से मुक्ति पाने का एक मात्र उपाय है कि आपको गुरुवार के दिन ब्रहस्पति ग्रह की पूजा करनी चाहिए।
गुरु चांडाल दोष
गुरु चांडाल दोष भी यदि आपकी कुंडली में है तो आपको जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इस दोष के कारण आपको सबसे ज्यादा अपमान सहना पड़ सकता है और साथ ही नौकरी में समस्याएं भी उठानी पड़ सकती हैं
गुरु चांडाल दोष के लक्षण
- नौकरी पेशा है तो हो सकता है कि कार्यक्षेत्र में बहुत मेहनत करने के बाद भी आपको वो वर्चस्व प्राप्त न हो पाए, जिसकी आपको तलाश होती है।
- आपके चरित्र पर उंगलियां भी उठा सकती हैं।
- परिवार और भवन का सुख भी प्राप्त नहीं होता है।
गुरु चांडाल दोष के निवारण के उपाय
- आपको रुद्राक्ष और पीले पुखराज को धारण करना चाहिए।
- आप सूर्य देव की उपासना करके भी इस दोष से मुक्ति पा सकती हैं।
- माथे पर नियमित पीला चंदन लगाएं।
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