अभी हाल ही में फेसबुक पर एक वीडियो देखी। जिसमें एक मां अपनी बच्ची को खिलाने के लिए पार्क ले जाती है। उस बच्ची के पास एक बॉक्स रहता है जिसमें वो छुपने वाला गेम खेलती है। तभी उसकी मां को एक urgent call आता है और मां फोन पर बात करने में बिज़ी हो जाती है। पांच मिनट बाद जब मां बात करके फोन रखती है और अपनी बेटी को खोजने के लिए डब्बे के अंदर झांकती है तो उसमें उसकी बच्ची नहीं होती। वो आसपास के सभी लोगों से पूछती है लेकिन किसी से बच्ची का पता नहीं चलता। फिर साम को वो पुलिस स्टेशन जाती है और FIR दर्ज कराती है। एक हफ्ते तक उस लड़की का कोई पता नहीं चलता। पुलिस भी कुछ पता नहीं कर पाती। एक हफ्ते बाद पुलिस को किसी एक जगह में एक बच्ची की लाश मिलती है जिसे वो महिला अपनी बच्ची मान कर खूब रोती है।
जब महिला के दिन रोते-रोते बीतते हैं तो एक दिन पुलिस उसके घर आती है। पुलिस के साथ एक महिला और उस महिला की बच्ची होती है। अपनी बच्ची को वो महिला देखकर काफी खुश होती है। तब पुलिस बताती है कि इस बच्ची के साथ एक आदमी जबरदस्ती ले जा रहा था तभी इस दूसरी महिला ने अपनी जान में खेलकर इस बच्ची की जान बचाई। बच्ची की मां उस महिला का काफी शुक्रिया करती है।
ये तो थी उस बच्ची और उसकी मां की दास्तान। लेकिन याद रखियेगा उस महिला की जगह आप भी हो सकती हैं और शायद आपकी ऐसी हैप्पी एंडिंग ना हो। इसलिए अपने बच्चे को जब भी आप पार्क में या किसी और जगह खेलने के लिए ले जाएं तो उन्हें अपनी आंखो के सामने से ओझल ना होने दें।
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