राइस मिलिंग के दौरान चावल की भूसी प्राप्त होती है। किसान फसल की कटाई के बाद चावल के प्रत्येक दाने से चावल के छिलके हटाते हैं। फिर छिलकों को इतनी अधिक गर्मी पर उबाला जाता है कि मिश्रण में चावल के किसी भी दाने के साथ-साथ खरपतवार के बीज और बीमारियों को भी नष्ट कर दिया जाता है। हालांकि, चावल की भूसी को अमूमन बेकार ही समझा जाता है, जबकि चावल की भूसी को भी कई तरीकों से काम में लाया जा सकता है। खासतौर से, अगर आपको गार्डनिंग का शौक है और आप पौधों से बेहद प्यार करते हैं तो चावल की भूसी आपके बेहद काम आ सकती है।
चावल की भूसी जल निकासी, जल धारण क्षमता और वायु संचार में सुधार के लिए उपलब्ध सबसे टिकाऊ विकल्प हैं। चावल के छिलके नॉन-टॉक्सिक और बायोडिग्रेडेबल होते हैं, इसलिए वे विघटित होने पर मिट्टी को पोषण देते हैं। इनकी मदद से आप गार्डनिंग से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको गार्डनिंग के दौरान चावल की भूसी को इस्तेमाल करने के कुछ अमेजिंग तरीकों के बारे में बता रहे हैं-
चावल की भूसी का इस्तेमाल आर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाने के लिए किया जा सकता है। यह आपके पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगा। साथ ही साथ, इससे मिट्टी की संरचना और उर्वरता में भी सुधार होता है। आर्गेनिक फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए आप चावल की भूसी को अन्य आर्गेनिक सामग्री के साथ कंपोस्ट करें। अब आप तैयार खाद का उपयोग पौधों को फर्टिलाइज करने के लिए करें।
अगर आप चाहें तो चावल की भूसी को बीज बोने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, यह अच्छा ड्रेनेज और एरिएशन प्रदान करता है, जिससे स्वस्थ अंकुर विकास को बढ़ावा मिलता है। इसके लिए आप बीज ट्रे को चावल की भूसी से भरें और फिर हमेशा की तरह बीज बोएं। चावल भूसी को नम रखें, लेकिन उसमें पानी भरा न हो।
चावल की भूसी का उपयोग पौधों के आस-पास की मिट्टी की सतह को ढकने के लिए मल्च के रूप में किया जा सकता है। यह मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद करता है, खरपतवार की वृद्धि को रोकता है, और मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करता है। यही कारण है कि यह एक बेहतरीन मल्चिंग ऑप्शन है। इसके इस्तेमाल के लिए पौधों के बेस के चारों ओर चावल की भूसी की 2-3 इंच की परत बिछाएं।
प्लांट की बेहतर ग्रोथ के लिए यह जरूरी है कि मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी हो। ऐसे में मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए आपचावल की भूसी को काम में ला सकते हैं। चावल की भूसी मिट्टी की संरचना, वायु संचार और जल निकासी में सुधार कर सकती है। साथ ही साथ, इससे मिट्टी की पानी धारण करने की क्षमता भी बेहतर होती है। इसके इस्तेमाल के लिए आप सबसे पहले चावल की भूसी को मिट्टी में 1:1 या 1:2 के अनुपात में मिलाएं। जिसमें एक हिस्सा चावल की भूसी और दो हिस्सा मिट्टी लें। इससे जमी हुई मिट्टी को ढीला करने और पानी के रिसाव और जड़ों के प्रवेश में सुधार करने में मदद मिलेगी।
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