herzindagi
what is maha mrityunjay mantra

मृत्युंजय और महामृत्युंजय मंत्र में क्या है अंतर?

आप में से बहुत से लोग मृत्युंजय मंत्र का जाप करते होंगे। कुछ लोग भगवान शिव के इस मंत्र को मृत्युंजय मंत्र कहते हैं तो कुछ महा मृत्युंजय मंत्र बुलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मृत्युंजय मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र में बहुत बड़ा अंतर है।
Editorial
Updated:- 2024-12-06, 13:00 IST

भगवान शिव के दिव्य, चमत्कारी और प्रसिद्ध मंत्रों में से एक है 'महा मृत्युंजय मंत्र' जिसकी रचना मार्कंडेय ऋषि ने की थी। इस मंत्र को लेकर शास्त्रों में यह बताया गया है कि इस मंत्र के जाप से आती हुई मृत्यु भी लौट जाती है। जो भी इस मंत्र का जाप पूर्ण निष्ठा से करता है उसकी रक्षा साक्षात भगवान शिव करते हैं। मृत्युंजय मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु जैसे भयंकर योग को भी नष्ट किया जा सकता है।

आप में से बहुत से लोग मृत्युंजय मंत्र का जाप करते होंगे। कुछ लोग भगवान शिव के इस मंत्र को मृत्युंजय मंत्र कहते हैं तो कुछ महा मृत्युंजय मंत्र बुलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मृत्युंजय मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र में बहुत बड़ा अंतर है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब मने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें बताया कि कैसे मृत्युंजय मंत्र महा मृत्युंजय मंत्र से अलग है। आइये जानते हैं विस्तार से।

क्या है मृत्युंजय मंत्र? (What Is Mrityunjay Mantra?)

What Is Mrityunjay Mantra

शास्त्रों में वर्णित जानकारी के अनुसार मृत्युंजय मंत्र कुछ इस प्रकार से शुरू होता है: 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्'।

यह भी पढ़ें: Mahamrityunjay Mantra: कैसे हुई मृत्यु टाल देने वाले 'महामृत्युंजय मंत्र' की रचना?

क्या है महा मृत्युंजय मंत्र? (What Is Maha Mrityunjay Mantra?)

What Is Maha Mrityunjay Mantra

महा मृत्युंजय मंत्र 'ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।'

यह भी पढ़ें: महामृत्युंजय मंत्र कर सकता है इन बीमारियों से आपका बचाव, जानें कैसे

क्या है मृत्युंजय और महा मृत्युंजय मंत्र में अंतर? (What Is The Difference Between Mrityunjay And Maha Mrityunjay Mantra?)

kya hai mrityunjay aur maha mrityunjay mantra mein antar

मृत्युंजय मंत्र रोजाना किया जा सकता है और इसे जपने के नियम भी बहुत सरल हैं, लेकिन महा मृत्युंजय मंत्र का जाप हवन-अनुष्ठान के दौरान पूर्ण विधि के अनुसार किया जाता है।

मृत्युंजय मंत्र से पहले और बाद में बीज मंत्र का उच्चारण नहीं होता है जबकि महा मृत्युंजय मंत्र में आरंभ और समापन के समय बीज मंत्र पढ़ना आवश्यक माना गया है।

मृत्युंजय मंत्र को सिद्ध करने के लिए 6 माह तक 108 बार लगातार जपना पढ़ता है। वहीं, महा मृत्युंजय मंत्र को 1 वर्ष में 1 हजार लाख बार जप कर ही सिद्ध किया जा सकता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi, amazon

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।