ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा में क्या है अंतर? महत्व भी जानें

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है, पर इन दोनों त्यौहार में बहुत बड़ा अंतर होता है। अगर आपको इस बात का इल्म नहीं है, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। 

 
what is eid ul fitr and eid ul adha in hindi

अरे....अभी तो ईद गई थी..फिर दोबारा ईद आ गई। ये क्या एक ही त्यौहर साल में दो बार आता है! आपके मन में भी यकीनन यह सवाल आते होंगे। पर आपको बता दें कि ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा अलग-अलग त्यौहार हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों को ईद-उल-फितर और ईद उल-अजहा को एक ही मान लेते हैं।

बार-बार ईद का नाम सुनकर भ्रमित होते हैं कि ईद का त्यौहार अभी तो गया था...फिर दोबारा आ गया। इस्लामिक ग्रंथ के अनुसार इनका इतिहास, इन्हें मनाने का तरीका और महत्व भी बहुत अलग-अलग हैं। अगर आप आपको भी इस बात का इल्म नहीं है, तो यह लेख मददगार साबित हो सकता है।

आज हम आपको विस्तार से ईद उल-फितर और ईद उल-अजहा के बीच के अंतर के बारे में बताएंगे।

क्या है ईद-उल-फितर?

Eid ul adha

मुस्लिम ग्रंथ के अनुसार ईद का त्यौहार खुशी और जीत में मनाया जाता है। कहा जाता है कि बद्र के युद्ध में जब पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब सफलता मिली थी, तब लोगों ने पहली खुशी में ईद-उल-फितर मनाया था। तभी से लेकर हर मुस्लिम इस त्यौहार को मनाते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं।

ईद-उल-फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार शव्वाल महीने की शुरुआत ईद से आती है और यह महीना दसवें नंबर पर आता है क्योंकि रमजान का महीना नौवां नंबर पर आता है।

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क्या है ईद-उल-अजहा?

Eid ul fitr

ईद उल-अजहा का पर्व ईद उल-फितर के करीबन 70 दिनों बाद मनाया जाता है। मुस्लिम ग्रंथ के अनुसार इस दिन हलाल जानवर की कुर्बानी दी जाती है। यह कुर्बानी हज़रत इब्राहिम के कुर्बानी को याद करने के लिए दी जाती है।

इस ईद को बकरा ईद के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार यह साल का आखिरी महीना यानी 12वां महीना है। इस महीने में न सिर्फ बकरीद आती है, बल्कि धू-अल-हिज्जा के दिन भी आते हैं जो बहुत खास माने जाते हैं।

ईद-उल-फितर का इतिहास

Eid ul fitr history

बता दें कि ईद मुस्लिम लोगों को पूरे महीने रोजे रखने के बाद अल्लाह की तरफ से एक बख्शीश यानि तोहफा है, जिसे ईद-उल-फितर के नाम से पुकारा जाता है। इसलिए हर साल रमजान के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है ताकि लोग रमजान जाने के गम को भूल सकें।

ईद-उल-अजहा का इतिहास

मुस्लिम ग्रंथ के अनुसार इस दिन हलाल जानवर की कुर्बानी दी जाती है। इसके पीछे की कहानी यह है कि हज़रत इब्राहिम को अल्लाह ने आदेश दिया था कि वो अपने बेटे हज़रत इस्माइल को कुर्बान कर दें। हज़रत इब्राहिम अल्लाह का यह हुक्म माना और अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए।

हालांकि, जब हज़रत इब्राहिम कुर्बानी दे रहे थे तब बीच में बकरा आ गया और कुर्बान हो गया। इस वाक्य के बाद इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है।

ईद-उल-फितर की खासियत

What is eid ul adha

ईद की खासियत यह है कि ईद-उल-फितर के दिन बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। नए-नए कपड़े पहने जाते हैं और बच्चों को ईदी बांटी जाती है। इस दिन फितरा भी दिया जाता है और गरीबों की मदद भी की जाती है।

ईद के दिन सिर्फ पकवान बनाने के लिए होता, बल्कि दिलों को साफ कर अपने के साथ ईद मनाने का होता है। (जानें हिजाब के इतिहास के बारे में)

बकरा ईद की खासियत

ईद-उल-अजहा की खासियत यह है मुस्लिम समुदाय में होने वाला हज भी इसी दौरान होता है। सऊदी अरब में भी लोग हज के दौरान कुर्बानी देते हैं। आपको बता दें कि कुर्बानी देने का यह इस्लामिक तरीका है। इस प्रक्रिया के दौरान पहले जानवर को अच्छे से खिलाया जाता है।

इसे जरूर पढ़ें-Bakrid 2023: कुर्बानी करने का सही तरीका क्या है? जानें ज़िबह करने की दुआ

फिर दुआ पढ़कर काबे की तरफ मुंह करके जानवर को लिटाया जाता है। फिर अल्लाह का नाम लेकर ज़बह किया जाता है।

उम्मीद है कि आपको ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा के बीच अंतर समझ में आ गया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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FAQ

  • ईद-उल-अजहा को किस नाम से जाना जाता है?

    बकरीद।
  • ईद-उल-फितर को किस नाम से जाना जाता है?

    मीठी ईद।
  • रमज़ान के बाद कौन-सी ईद आती है?

    ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद।
  • ईद साल में कितनी बार आती है?

    दो बार।