'अपने संतरों को महीने में एक बार ठीक से जांचें।' ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए यह विज्ञापन क्रिएटिव है या अश्लील?

ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए दिल्ली मेट्रो में लगाए गए कुछ पोस्टर्स पर काफी बवाल हुआ और इन्हें हटाना पड़ा। इन पोस्टर्स में ब्रेस्ट को संतरा बताया गया और इस बात पर लोग आपत्ति जता रहे थे।
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दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए, इसके बारे में जागरुकता फैलाना बहुत जरूरी है। इसके लिए, अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य, दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करना है। हाल ही में इसी प्रयासर में क्रिकेट और खुद कैंसर सर्वाइवर रहे युवराज सिंह की संस्था यूवीकैन ने एक विज्ञापन तैयार किया। इसके कुछ पोस्टर्स दिल्ली मेट्रो में लगाए गए। लेकिन, इन पोस्टर्स के जरिए, जागरूकता का जो तरीका अपनाया गया, उस पर लोग आपत्ति जताने लगे। दरअसल, इन पोस्टर्स में ब्रेस्ट को संतरा बताया गया। इसी बात पर बवाल हुआ और आखिर में इन पोस्टर्स को डीएमआरसी ने हटा दिया। क्या कुछ था इन पोस्टर्स में और क्या वाकई ये क्रिएटिव थे या फिर अश्लील, चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला।

ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े एड में ब्रेस्ट को बताया 'संतरा'

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दिल्ली मेट्रो में लगे इन विज्ञापनों ने कुछ दिन पहले सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। ये ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए थे। लेकिन, कमाल की बात यह है कि इन पोस्टर्स में ब्रेस्ट को ब्रेस्ट कहने पर भी मानो शर्म महसूस हो रही है और ब्रेस्ट को संतरा बताया गया। एक पोस्टर में इंग्लिश में लिखा था, 'आप अपने संतरों को कितना अच्छे से जानती हैं?' दूसरे पोस्टर में लिखा था, 'अपने संतरों को महीने में एक बार ठीक से जांचें।' इसी तरह के सवालों और कैप्शन्स के साथ संदेश दिया जा रहा था कि ब्रेस्ट कैंसर के बारे में शुरुआत में ही पता चल जाए, तो जिंदगी बचाई जा सकती है। आखिर में हैशटेग में बताया गया था कि यह ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुक करने के लिए है। इसके साथ ही इस पोस्टर में एक क्यूआर कोड था, जिसमें बाकी जानकारी दी गई थी।

आखिर अश्लील है या क्रिएटिव है यह विज्ञापन?

इस विज्ञापन को मिले बैकलेश के बाद इन पोस्टर्स को डीएमआरसी ने हटा लिया। यूवीकैन फाउंडेशन के इन पोस्टर्स में संतरे पकड़े महिलाओं की ये सभी तस्वीरें एआई द्वारा बनाई गई हैं। इन पोस्टर्स को देखने को बाद कई सवाल उठने लगे। कई लोगों ने इन्हें पूरी तरह से अश्लील बताया। वहीं, कुछ का कहना था कि अगर आप ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता फैला रहे हैं और ब्रेस्ट को ब्रेस्ट ही नहीं कह पा रहे हैं, तो फिर ये भला कैसी जागरुकता हुई। इसके अलावा, कुछ लोगों ने इसे महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना बताया। डीएमआरसी ने अपने बयान में बताया कि 23 अक्टूबर को इन पोस्टर्स को हटा लिया गया है। खैर, ये पोस्टर्स भले ही हट गए हों लेकिन यह तरीका वाकई सवाल खड़े करता है।

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