Sudama Death: भगवान शिव ने क्यों किया था श्री कृष्ण के मित्र सुदामा का वध

सुदामा और श्री कृष्ण की मित्रता के बारे में तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको यह पता है कि सुदामा की मृत्यु कैसे हुई थी और किसने किया था सुदामा का वध। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।   

sudama death in hindi

Sudama Ki Maut Ke Bare Mein: श्री कृष्ण के असीम भक्त और अभिन्न सखा थे सुदामा। श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता आज भी ग्रंथों, पुराणों और कथाओं में प्रचलित एवं अद्भुत तरीके से वर्णित है।

मान्यता है कि सुदामा श्री कृष्ण के उन भक्तों में से एक थे जिनकी सेवा स्वयं श्री कृष्ण ने थी और आजीवन उनका ध्यान रखा था लेकिन माना जाता है कि श्री कृष्ण के परम भक्त सुदामा का वध भगवान शिव ने किया था।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस तथ्य के पीछे की सच्चाई और साथ ही, जानेंगे कि किसन कारणों से भगवान शिव को करना पड़ा था कृष्ण भक्त सुदामा का भयंकर अंत।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, सुदामा और विराजा नाम की कृष्ण भक्त श्री कृष्ण और राधा रानी के गोलोक धाम में निवास करते थे। वह दोनों श्री कृष्ण की भक्ति और अटूट सेवा में जुटे रहते थे।
sudama ki maut kaise hui
  • कृष्ण भक्ति साथ में करते हुए एक दिन सुदामा को विराजा के लिए प्रेम की अनुभूति हुई मगर विराजा कृष्ण प्रेम में पूरी तरह चूर थी। सुदामा ने विराजा को अपने प्रेम के बारे में बताया।
  • विराजा ने सुदामा के प्रेम को स्वीकार किया लेकिन कृष्ण भक्ति से समय बचने के बाद की शर्त के साथ। सुदामा और विराजा दोनों ने श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के जिंदा सबूत) को यह बात बताने की सोची।
  • मगर उससे पहले ही श्री राधा रानी ने दोनों की बातें सुन लीं। राधा रानी को क्रोध आया कि गोलोक में कृष्ण भक्ति और कृष्ण प्रेम के अलावा अन्य किसी भावना का कोई स्थान नहीं।
  • श्री राधा रानी ने सुदामा और विराजा को धरती पर पुनः जन्म लेने का श्राप दिया जिसके बाद विराजा का जन्म धर्म ध्वज के यहां तुलसी और सुदामा का राक्षस कुल में शंखचूंण के रूप में हुआ।
  • यह वही शंखचूंण था जिसने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था और स्वर्ग से लेकर पृथ्वी तक को अपनी शक्तियों से भयभीत कर रखा था। तुलसी का शंखचूंण से विवाह हुआ था।
  • सतीत्व की मर्यादा निभाने के कारण तुलसी का पत्नी धर्म शंखचूंण की रक्षा करता था और कोई भी उसे युद्ध में हरा नहीं पाता था। तब श्री कृष्ण की सहायता से भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) ने इसका वध किया था।
sudama ko kisne mara
  • इस प्रकार भगवान शिव ने सुदामा का वध किया था लेकिन उनके पुनर्जन्म में। सुदामा रूप में तो उन्हें परम भक्ति, ईश्वरी कृपा और गोलोक में कृष्ण चरण सेवा का उच्च स्थान मिला था।

तो ये है सुदामा की मृत्यु का रहस्य जो आज तक था एक पहेली। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik, pinterest

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