मुगलों को लेकर आए दिन कोई ना कोई विवाद होता ही रहता है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि मुगलों के काल में भारत में आर्किटेक्चर के नाम पर बहुत तरक्की हुई। आज भी ताज महल को पूरी दुनिया जानती है जो मुगलों की ही भेंट है। पर मुगल काल और उसके राज से जुड़े कुछ ऐसे हैं जिनके बारे में अधिकतर लोग जानते नहीं हैं। मुगल हरम के बारे में, बाबरी मस्जिद के बारे में, अकबर के बारे में ऐसी कई बातें हैं जिन्हें सच भी माना जाता है मिथक भी।
इंटरनेट पर मुगलों को लेकर कई चर्चित थ्योरीज हैं। उनमें से कुछ के बारे में हम आज जिक्र करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि ये सभी वो थ्योरीज हैं जिन्हें कुछ इतिहासकार भी सही मानते हैं।
अकबर को डिस्लेक्सिया था
अबुल-फत जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर 15 अक्टूबर 1542 में पैदा हुए थे और सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्हें तख्त मिल गया था। अकबर के बारे में जितनी भी बातें इससे पहले लिखी या पढ़ी गई हैं सब यही बताती हैं कि अकबर एक बेहतरीन योद्धा था और उसे शिकार करना, दौड़ना, लड़ना सब कुछ बहुत अच्छे से आता था।
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पर कहीं भी अकबर के पढ़े लिखे होने की बात नहीं लिखी गई है। एक बड़ा तबका यह मानता है कि अकबर डिस्लेक्सिया का शिकार था। इस बीमारी में इंसान लिखे हुए शब्द ठीक से पढ़ नहीं पाता और उसे लिखने-पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है। हालांकि, अकबर के पास उसके नवरत्न थे जो उसकी इस कमी को पूरा करते थे, लेकिन फिर भी बतौर बादशाह वो इस बीमारी से पीड़ित था।
बाबरी नहीं है मस्जिद
शायद मुगलों के समय की सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल थ्योरीज में से एक यही है कि बाबरी असल में मस्जिद नहीं है। इसके बारे में जाने माने ऑथर, डाटा साइंटिस्ट और रिसर्चर शुभोदीप मुखोपाध्याय ने अपनी एक ऑनलाइन रिपोर्ट में लिखा है। शुभोदीप ने बाबर, अकबर और अशोक सहित कई ऐतिहासिक राजाओं पर रिसर्च की है।
उन्होंने बहुत ही शॉकिंग फैक्ट्स बताए हैं। उन्होंने इस रिसर्च के लिए बाबरनामा या तुजुक-ई-बाबरी का जिक्र किया है। उनका मानना है कि बाबरी मस्जिद में वज़ू करने की कोई जगह नहीं थी जो नमाज के लिए बहुत जरूरी होता है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार बाबरी एक होमोसेक्सुअल मिर बाकी ने बनाई थी जिसमें नमाज पढ़ने के लिए कोई ओपन स्पेस नहीं थी। अब इसके अंदर क्या होता था यह एक और कॉन्ट्रोवर्सी है।
हर बादशाह की होती थी कई रानियां
हमें जोधा-अकबर की कहानी बहुत अच्छी लगती है। हां, इतिहास में जोधा नाम की कोई रानी लिखित तौर पर दर्ज नहीं है। ऐतिहासिक तौर पर हरका बाई का नाम बहुत प्रसिद्ध है। हमें पता है कि उनकी प्रेम कहानी कैसी थी, लेकिन हमें यह भी पता है कि अकबर की कई बीवियां और दासियां थीं।
मुगल हरम कल्चर था ही कुछ ऐसा। इस्लाम में एक पुरुष चार पत्नियां रख सकता है, लेकिन बादशाहों के साथ ऐसा नहीं था। उनके हरम में एक समय पर हजारों औरतें रह सकती थीं। मुगल बादशाहों के लिए शादी की कोई लिमिट नहीं थी।
अफीम का होता था बहुत इस्तेमाल
टीवी सीरियल जोधा-अकबर में एक सीन दिखाया गया है जहां यह बताया गया है कि शहजादे सलीम को अफीम की लत थी। पर यह सिर्फ सलीम तक ही सीमित नहीं था। यूनिवर्सिटी ऑफ louisville की एक हिस्टॉरिकल रिपोर्ट बताती है कि सभी 6 मुगल बादशाहों के काल में ड्रग्स और शराब का इस्तेमाल काफी होता है। यह रिपोर्ट मानती है कि ना सिर्फ उस दौर में यह बहुत चर्चित था, बल्कि इसे कल्चर का हिस्सा ही माना जाता था। बादशाह कई-कई दिनों तक नशे की हालत में डूबे रहते थे।
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मुगलों में आम था कत्लेआम
वेब सीरीज 'ताज' में आप देख ही रहे होंगे कि अकबर के जमाने में कत्लेआम कितना आम था। शाहजहान के बेटे औरंगजेब के बारे में तो आपको पता ही होगा जिसने अपने तीन भाइयों को मौत के घाट उतारकर अपने पिता को बंदी बना लिया था ताकि उसे ताज मिल सके। मुगल काल में परिवार वालों को सिंहासन के लिए कत्ल कर देना बहुत आम था। तख्त के लिए युद्ध करने की जगह अपने ही परिवार की बलि चढ़ा देना उस दौर में देखा जाता है।
हालांकि, मुगलों को लेकर कई भ्रांतियां हैं पर इन्हें हमेशा से ही भारत के इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा माना गया है। मुगलों को लेकर आप किस तरह की बातें जानना चाहते हैं इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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