अगर आप भी रोज की आपाधापी से थका और ऊबा हुआ अनुभव करते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। इस भागमभाग भरी जिंदगी में बहुत से लोगों को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है। अक्सर लोग खुद को मानसिक रूप से कमजोर अनुभव करने लगते हैं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि आपकी रोजाना की छोटी-छोटी आदतें आपको इस समस्या से निजात दिला सकती हैं। जी हां, कुछ आदतें हैं, जिन्हें अपनाकर आप मानसिक रूप से मजबूत अनुभव कर सकते हैं। तो चलिए आर्टेमिस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान के प्रमुख मनोचिकित्सक व प्रमुख सलाहकार डॉ. राहुल चंडोक से जानते हैं कि किन आदतों को शामिल करने से आप मेंटली स्ट्रॉन्ग हो सकते हैं।
आभार जताना सीखें
ज्यादातर लोगों की आदत होती है जीवन की नकारात्मकता पर ध्यान देने की। इससे बचना चाहिए। आपको जीवन में जो कुछ भी मिला है, उसके लिए आभार जताना और धन्यवाद करना सीखिए। हर रात जब आप सोने जाते हैं, उस समय दिनभर की अच्छी बातों को याद कीजिए और अपने मन में उन सभी का धन्यवाद कीजिए, जिनके कारण आपको वो अच्छे पल मिले। हर सुबह जागने पर ईश्वर को धन्यवाद कीजिए कि आपको एक नई सुबह मिली है। इससे अपने लिए बेचारगी का भाव खत्म होता है और मन में नई स्फूर्ति आती है।
कंफर्ट जोन से बाहर निकलिए
जीवन में निराशा में बहुत बड़ा योगदान हमारे कंफर्ट जोन का होता है। अक्सर लोग अपने कंफर्ट जोन में बने रहने के कारण ही कुछ नया नहीं कर पाते हैं। मन में यह डर बना रहता है कि अभी जो है, कहीं वह भी न चला जाए। यह कंफर्ट जोन किसी के भी विकास में बाधक है। कंफर्ट जोन से बाहर निकलिए, खुद पर भरोसा कीजिए और हिम्मत के साथ कदम आगे बढ़ा दीजिए। इससे आपको मानसिक संतुष्टि का अनुभव होगा।
खुद को समय दीजिए
इस जीवन में हमारे सबसे करीब हम ही होते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि हम स्वयं के साथ ही सबसे कम समय बिताते हैं। यह सही नहीं है। रोज थोड़ा सा समय खुद को दीजिए और अपने मन में आने वाले विचारों पर मंथन कीजिए। खुद से एक अच्छे दोस्त की तरह बात कीजिए। हर बात के लिए खुद को कोसना बंद कीजिए। ऐसा करने से न केवल आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि आप मानसिक रूप से बहुत मजबूत भी अनुभव करेंगे।
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अपनी ताकत को पहचानिए
आपकी क्षमता या कमजोरी को आपसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता है। इसके लिए स्वयं के साथ ईमानदार होने की आवश्यकता होती है। न तो किसी के कहने भर से कुछ नया शुरू करना चाहिए और न ही किसी के कहने से कोई काम छोड़ देना चाहिए। आपको अपनी ताकत का आकलन पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। उसके बाद ही निर्णय लेना चाहिए। एक बार अगर आप अपनी ताकत पहचान गए, तो कुछ भी मुश्किल नहीं रह जाएगा।
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अपनी भावनाओं को समझिए
अपनी भावनाओं को नजरअंदाज करने की गलती अक्सर लोग करते हैं। ऐसा न करें। अच्छे से सोचकर इस बात की पहचान कीजिए कि आप भावनात्मक रूप से कैसे हैं। अपने भावनात्मक व्यक्तित्व को समझिए और उसे ध्यान में रखकर निर्णय लीजिए। हम लोग अक्सर अपनी भावनाओं की अनदेखी कर देते हैं। इससे दूसरों को हम पर हावी होने का मौका मिल जाता है। किसी को भी ऐसा मौका मत दीजिए। साथ ही, अपनी मानसिक ऊर्जा का सकारात्मक तरीके से प्रयोग कीजिए। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर और इन्हें अपनी आदत का हिस्सा बनाकर आप खुद को मानसिक रूप से सुदृढ़ व्यक्ति के रूप में तैयार कर सकते हैं।
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Image credit- Herzindagi, Jagran
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