क्या आप नया घर बनवाने जा रही हैं? या अपने पुराने घर को नया इंटीरियर डिजाइन करवाने की सोच रही हैं। क्या आपके घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं? तो आपको उन्हें ध्यान में रखते हुए अपने घर को तैयार करवाना चाहिए, ताकि उन्हें किसी तरह की तकलीफ ना हों। एक उम्र के बाद बहुत से ऐसे काम होते हैं जिन्हें करने में बुजुर्ग असमर्थ होते हैं। ऐसे में उनके आराम और सुविधा को ध्यान में रखते हुए घर को डिजाइन करवाना चाहिए। कुछ बुजुर्ग ऐसे भी होते हैं जो स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं, ऐसे में आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उनकी स्वतंत्रता का हनन ना हो। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि बुजुर्गों के लिए घर का इंटीरियर कैसा होना चाहिए। इंटीरियर डिजाइन करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।
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घर की फ्लोरिंग का ध्यान रखें
अगर बुजुर्गों को ध्यान में रखकर घर बनवा रही हैं तो सबसे पहले फ्लोरिंग (फ्लोरिंग तक कैसे रखें साफ) पर ध्यान दें। फर्श के लिए ऐसे टाइल्स का चुनाव करें जिसमें ज्यादा चिकनाहट ना हो, क्योंकि इससे फिसलने का डर बना रहता है। वहीं, टाइल्स के रंगों का चुनाव भी सोच-समझकर करें। ऐसे रंगों का चयन करें जिसमें पानी के छींटे या बूंद दिखाई दें। घर पर कारपेट जरूर बिछाकर रखें ताकि गिरने की स्थिति में चोट ना लगे। अगर सीनियर सिटीजन व्हीलचेयर का इस्तेमाल करते हैं, तो पूरे घर का फर्श समतल रखें।
घर की सीढ़ियों का ध्यान रखें
अगर हो सके तो घर पर सीढ़ियां ना बनवाएं। लेकिन अगर आपके घर के प्रवेश द्वार पर सीढ़ियां हैं, तो सुनिश्चित करें कि वे टूटी या असमान ना हो। सीढ़ियों की दरारों को अनदेखा ना करें। ज्यादातर बुजुर्गों को दिखने में परेशानी होती है और इससे निपटने के लिए किनारों पर रंगीन टेप जोड़ें, इससे सीढ़ियां सही से दिखेंगी।
घर के दरवाजे का ध्यान रखें
अगर आपके घर में बुजुर्ग व्हीलचेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए कमरे के दरवाजे चौड़े आकार के बनवाएं, ताकि व्हीलचेयर को आसानी से मोड़ा जा सके। अगर आपके कमरे छोटे हैं तो डबल दरवाजे बेहतर रहेंगे। वहीं, दरवाजे के आसपास रोशनी की जांच जरूर करें। सुनिश्चित करें कि सभी दरवाजों पर लाइट्स जल रही हो, ताकि उन्हें चलने-फिरने में परेशानी ना हो।
किचन का ध्यान रखें
किचन बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्गों (पैर छूने के 5 फायदे) की जरूरत की चीजें उनकी पहुंच के भीतर ही रखें। बुजुर्गों को झुकने में परेशानी होती है इसलिए प्लेट, चम्मच जैसी जरूरी चीजों को नीचे के खानों में ना रखें बल्कि स्लैब के ऊपर ही रखें। ऊंची अलमारियों पर चीजें ना रखें, क्योंकि बुजुर्ग इन चीजों तक पहुंचने की कोशिश करने के दौरान संतुलन खो सकते हैं।
बेडरूम का रखें ध्यान
बुजुर्गों के बेडरूम में बिस्तर के पास लाइट जरूर लगवाएं, ताकि रात को उठते समय उन्हें किसी चीज से ठोकर ना लगे। उनके बिस्तर से लेकर बाथरूम तक का रास्ता साफ रखें। रास्ते में नाइट बल्ब लगाएं, ताकि उन्हें चलने में परेशानी ना हो। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि बिस्तर बहुत ऊंचा ना हो।
रोशनी का ध्यान रखें
उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंखों की रोशनी कम होने लगती है, इसलिए घर में रोशनी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। घर की रोशनी का ध्यान रखने के लिए बल्बों की बीच-बीच में जांच करती रहें कि कहीं वे फ्यूज तो नहीं हो गए। इस बात का भी ध्यान रखें कि घर के सभी जगहों में अच्छी रोशनी आ रही हो।
बाथरूम का रखें ख्याल
बुजुर्गों के बाथरूम में शॉवर या टब में नॉन-स्लिप रबर मैट रखें। चटाई या रबर सेल्फ स्टिक स्ट्रिप्स गीली सतहों पर फिसलने से बचाने में मदद करेगा। बाथरूम को समतल ही बनवाएं।बाथरूम में टॉयलेट का स्थान ऊंचाई पर ना बनवाएं। बुजुर्गों के लिए इंडियन टॉयलेट सुविधाजनक नहीं होते इसलिए वेस्टर्न टॉयलेट की बनवाएं। साथ ही, बाथरूम को गीला ना रखें, इससे फिसलने की संभावना ज्यादा रहती है।
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इस तरह आप बुजुर्गों की जरूरत और सेहत को ध्यान में रखते हुए घर का इंटीरियर करवा सकती हैं जिससे उन्हें चलने-फिरने में कोई तकलीफ नहीं होगी और ना ही उन्हें कोई शारीरिक हानि पहुंचेगी। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी।
Photo courtesy- (freepik.com, pinimg.com)
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