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खेल-खेल में सीखी किला जीतने की कला, जानें छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का इतिहास

Chhatrapati Shivaji Maharaj Story: भारत के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज ने बचपन में खेले जाने वाले खेल से किला जीतने की कला को सीखा था। चालिए जानते हैं वीर सपूत शिवाजी के जीवन के इतिहास के बारे में। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-02-19, 15:12 IST

Chhatrapati Shivaji Maharaj: छत्रपति शिवाजी महाराज को मराठा गौरव के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म आज के दिन यानी 19 फरवरी सन् 1630 में पुणे में स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। कुछ लोग इनके जन्म को 1627 में मनाते हैं। शिवाजी महाराज के नाम से विख्यात इस वीर सपूत का पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। शिवाजी के पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी महाराज मराठा परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इस साल शिवाजी महाराज की 394 वीं जयंती है। शिवाजी की जयंती को भारत के विभिन्न मराठा समुदाय बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं।

साल में दो बार मनाया जाता है शिवाजी का जन्म दिवस

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छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को साल में दो बार मनाया जाता है। आपको बता दें, कि संवत हिंदू कैलेंडर के अनुसार,शिवाजी का जन्म फाल्गुन के तीसरे दिन और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार इनका जन्म 19 फरवरी को मनाया जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी।

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खेल-खेल में सीखा किला जीतने की कला

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शिवाजी से बचपन से ही युद्ध करने में निपुण थे। शिवाजी बचपन में अपने उम्र के बच्चों के साथ मिलकर उनके नेता बनकर खेल-खेला (युद्ध का खेल) करते थे। धीरे-धीरे शिवाजी के बचपन का यह खेल वास्तविक युद्ध में बदल गया। शिवाजी दुश्मनों को हराकर पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया। (भारत के फ्रीडम फाइटर)

विश्व के पहले बाल साहित्यकार

छत्रपति शिवाजी महाराज विश्व के पहले बाल साहित्यकार माना जाता है। 14 साल की उम्र में बुधभूषण, नायिकाभेद, सातसतक, नखशिख जैसे ग्रंथ की रचना की थी। आपको बता दें, कि शिवाजी को मराठी, हिंदी, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी, कन्नड़ आदि भाषाओं का ज्ञान था।

धोखे से हुई थी शिवाजी को मारने की कोशिश

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शिवाजी के बढ़ते प्रताप से परेशान होकर बीजापुर के शासक आदिलशाह ने शिवाजी को बंदी बनाने की कोशिश की। जब वह अपनी षड्यंत्र में कामयाब नहीं हो पाया तब उसने शिवाजी को जान से मारने की कोशिश की।

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शिवाजी ने बनाई थी स्थाई सेना

शिवाजी ने अपनी एक स्थाई सेना बना रखी थी। शिवाजी की मृत्यु के समय उनकी सेना 30-40 हजार घुड़सवार और एक लाख के करीब 1260 हाथी थे। शिवाजी के पास 250 किले थे जिसकी मरम्मत के लिए वह बड़ी रकम खर्च करते थे। इसके अलावा शिवाजी ने कई दुर्गों पर अधिकार किया जिसमें सिंहगढ़ दुर्ग, गढ़े आला पण सिंह गेला, रायगढ़ चाकम, पुरन्दर सरीखे दुर्ग आदि है।

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Image credit- Freepik

 

 

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