Chhath Puja 2024 Sandhya And Usha Arghya Time:छठ पूजा का तीसरा दिन है। आज के दिन यानि कि 7 नवंबर, दिन गुरुवार को सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं, कल यानी कि 8 नवंबर, दिन शुक्रवार को ऊषा अर्घ्य सूर्य भगवान को दिया जाएगा। यूं तो छठ पूजा के चरों दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन तीसरा और चौथ दिन बहुत ही ज्यादा खास माना जाता है क्योंकि इन दो दिनों में व्रती महिलाएं तालाब में नहाकर और कमर तक के जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं। ऐसे मेंज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से आइये जानते हैं कि छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन ऊषा अर्घ्य का क्या समय है।
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर, दिन मंगलवार से हो रही है। 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। इसी के साथ महापर्व का समापन हो जाएगा।
छठ पूजा नहाय खायमुहूर्त (Chhath Puja Nahay Khay Muhurat 2024)
छठ पूजा का दिन | तारीख | छठ पूजा कामुहूर्त |
नहाय खायमुहूर्त | 5 नवंबर | सुबह 6:36 बजे से शाम 5:33 बजे तक |
खरना या लोहंडामुहूर्त | 6 नवंबर | संध्या में 5:32 बजे यानी सूर्यास्त के बाद |
संध्या अर्घ्यमुहूर्त | 7 नवंबर | संध्या अर्घ सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 25 मिनट |
उषा अर्घ्यमुहूर्त | 8 नवंबर | उषा अर्घ सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 48 मिनट |
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छठ पूजा के 36 घंटे के व्रत में क्या करें?
- व्रती को छठ पूजा के दौरान नहाय खाय के बाद से अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसमें निर्जला व्रत रखने का विधान है।
- छठ के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके लिए सूर्यास्त से थोड़ा पहले ही छठ घाट पर पहुंचे।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का इस्तेमाल करना चाहिए।
- छठ पूजा की टोकरियों या सूप में फल, फूल, गन्ने, पकवान आदि को पूरी पूजा सामग्रियों के साथ अच्छी तरह से रखें। साथ ही सूप या टोकरी पर सिंदूर लगा होना चाहिए।
- छठ पूजा के दौरान मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
- छठ पर्व के दौरान साफ सफाई का खास ख्यान रखना चाहिए।
छठ पूजा के व्रत में क्या न करें?
- छठ पर्व के दौरान प्लास्टिक के बर्तनों का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- छठ पर्व के दौरान व्रती महिलाओं और घर के अन्य सदस्यों को भी लहसुन प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- छठ पर्व के चारों दिन तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। इससे छठी मैया नाराज हो सकती हैं।
- इस पवित्र व्रत का पारण सूर्यदेव को अर्घ्य दिए बिना नहीं करना चाहिए।
- छठ पर्व के दौरान पूजा का प्रसाद बनाते समय झूठा नहीं करना चाहिए।
- किसी भी चीज और पूजा सामग्री को बिना हाथ धोए नहीं छूना चाहिए।
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छठ पूजा खरना मुहूर्त (Chhath Puja Kharna Muhurat 2024)
छठ पूजा के दूसरे दिन खरना किया जाता है।इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और पूरी शुद्धता एवं पवित्रता के साथ छठी मैय्या का प्रसाद तैयार करती हैं। खरना में गुड़ की खीर विशेष रूप से बनाई जाती है। वहीं, खरना पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 6 नवंबर को शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 7 बजकर 48 मिनट तक खरना की पूजा की जा सकती है।
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Image credit- Herzindagi
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