हिंदू धर्म में किसी भी पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हर एक महीने में एक और पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथि होती हैं। साल की हर एक पूर्णिमा तिथि में पूजन का विशेष महत्व है और उनका फल भी अलग मिलता है।
हर एक तिथि अपने आप में खास होती है और इसमें विशेष रूप से विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। वहीं चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि सबसे मुख्य मानी जाती है क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र का महीना साल का पहला महीने होता है और इस पूरे माह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन फलदायी होता है।
यही नहीं चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी होती है, इसलिए इस दिन उनका पूजन भी विशेष रूप से फलदायी होता है। आइए आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि इस साल कब पड़ेगी चैत्र महीने की पूर्णिमा और इस दिन किस तरह से पूजन करना फलदायी होगा।
कब है चैत्र पूर्णिमा 2023 (Chaitra Purnima 2023 Kab Hai)
- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी।
- चैत्र पूर्णिमा आरंभ - 5 अप्रैल, प्रातः 09 बजकर 19 मिनट पर
- चैत्र पूर्णिमा समापन - 6 अप्रैल, प्रातः 10 बजकर 04 मिनट पर
- चूंकि पूर्णिमा तिथि पूरे दिन के लिए 5 अप्रैल को हैं इसलिए इस दिन व्रत रखें शुभ होगा।
- उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा 6 अप्रैल को है, इसलिए इस दिन प्रातः पवित्र नदी में स्नान करना फलदायी होगा।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत के बाद पहली पूर्णिमा के रूप में माना जाता है। इस विशेष दिन पर, विभिन्न स्थानों पर लोग हनुमान जयंती भी मनाते हैं, जो भगवान हनुमान के अवतरण का दिवस माना जाता है।
इस दिन जो लोग जो लोग चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं, उन्हें समस्त देवताओं का दिव्य आशीष मिलता है। इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को अपने सभी वर्तमान और पिछले पापों से मुक्ति मिल जाती है।
यही नहीं मान्यता यह भी है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से भी पापों से मुक्ति मिलती है और कामनाओं की पूर्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति चंद्रमा की पूजा करता है उसे भी विशेष फलों की प्राप्ति होती है, क्योंकि इस दिन चन्द्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होता है और इसके पूजन से शरीर के रोग दोष मुक्त होते हैं।
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि (Chaitra Purnima 2023 Puja Vidhi)
- चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रातः जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें, इससे पापों से मुक्ति मिलती है।
- पवित्र डुबकी लगाने के बाद, भगवान विष्णु और भगवान हनुमान जी की पूजा और प्रार्थना करें।
- चूंकि इसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए हनुमान जी का पूजन विशेष ढंग से करना चाहिए।
- यदि आप इस दिन गवान विष्णु की पूजा करते हैं और सत्यनारायण जी का व्रत रखते हैं तो सत्यनारायण की कथाअवश्य सुनें।
- सत्यनारायण जी की पूजा में भगवान विष्णु को फल, सुपारी, केले के पत्ते, मौली, अगरबत्ती और चंदन का पेस्ट चढ़ाएं और पूजन करें।
- सायं काल में चंद्रमा भगवान को अर्घ्य दें और उनका पूजन करें। इससे आपको समस्त पापों से मुक्ति मिल सकती है।
- इस दिन भगवद गीता और रामायण का पाठ करना विशेष माना जाता है।
- चैत्र पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य भी फलदायी होता है और इससे मनोकामनाओं को पूर्ति होती है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन कैसे करें व्रत (Chaitra Purnima Vrat Vidhi)
- यदि आप पूर्णिमा के दिन उपवास करने का संकल्प करते हैं तो स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- फिर विष्णु जी का पूजन माता लक्ष्मी समेत करें और घर या मंदिर में पूजन करें।
- विष्णु पूजन के साथ सत्यनारायण कथा का पाठ करें और समस्त परिवारी जन को सुनाएं।
- कथा के बाद हवन करें और लगातार 108 बार गायत्री मंत्रऔर ओम नमो नारायण मंत्र का जाप करें।
- पूरे दिन फलाहार का सेवन करें और इसके अगले दिन व्रत का पारण करें।
यदि आप यहां बताए तरीके से चैत्र पूर्णिमा के दिन पूजन करती हैं तो आपके लिए विशेष रूप से फलदायी होगा और समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
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