Can We Pray During Periods: पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ करने से क्यों होती है मनाही?

भारत में आज भी पीरियड्स को एक टैबू की तरह देखा जाता है, जबकि यह एक नेचुरल प्रोसेस है। पीरियड्स से जुड़े कई नियम हैं, जिनमें बाल धोने से लेकर मंदिर न जाना शामिल है। 

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2023-08-31, 18:00 IST
can we do worship god during periods in hindi

Period Rules:हर शुभ काम से पहले पूजा-पाठ किया जाता है। माना जाता है कि पूजा-पाठ करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इसलिए हिंदू धर्म में पूजा का महत्व अधिक है। पूजा करते वक्त कई बातों का ध्यान रखा जाता है। नियम अनुसार पूजा संपन्न की जाती है। कहा जाता है पूजा से जुड़े नियमों का उल्लघंन करने से समस्या हो जाती है।

पूजा से जुड़ा एक नियम केवल महिलाओं को मानना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा करने से मनाही होती है। हालांकि, इसके पीछे तरह-तरह के कारण दिए जाते हैं। ऐसे में इस विषय पर हमनें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से बात की है। उन्होंने हमें पीरियड्स के दौरान पूजा करने से क्या सच में मनाही होती है? साथ ही, इन दिनों कैसे पूजा करनी चाहिए और इससे जुड़े नियम।

क्या पीरियड्स होने पर व्रत पूरा करना चाहिए या नहीं? (What Happens If We Do Pooja During Periods)

can we do worship god during menstruation in hindi ()

अक्सर महिलाओं के साथ यह समस्या होती है कि व्रत के दिन ही पीरियड्स हो जाते हैं? ऐसे में महिलाएं परेशान हो जाती हैं कि क्या अब उन्हें पूजा करनी चाहिए? साथ ही, कुछ महिलाएं व्रत भी पूरा नहीं करती हैं। ज्योतिष के अनुसार पीरियड्स होने पर पूजा करने से परहेज करना चाहिए। आप अपनी जगह किसी दूसरे व्यक्ति से पूजा करवा सकती हैं। क्या आप भी व्रत के दिन पीरियड्स होने पर व्रत पूरा नहीं करती हैं? आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।

क्यों नहीं की जाती पीरियड्स में पूजा? (How To Do Pooja In Periods)

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पीरियड्स के दिनों में पूजा न करने का चलन नया नहीं है बल्कि सालों से ही महिलाओं को इसके लिए मनाही है। एक्सपर्ट ने हमें बताया कि पूजा न करने का संबंध अशुद्धि से नहीं है। इस समय महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव होते हैं। इन बदलाव को एनर्जी के रूप में देखा जाता है। ऐसे में भगवान इस ऊर्जा को सहन करने में सक्षम नहीं होते हैं।

शायद आपको इस बात का कोई तर्क नहीं लग रहा होगा, लेकिन राधाकांत वत्स ने हमें एक उदाहरण दिया। उन्होंने हमें बताया कि जब महिलाएं पीरियड्स होने पर तुलसी में पानी डालती हैं, तो कुछ ही दिनों में यह पौधा खराब हो जाता है। तुलसी के पत्ते सूखने लगते हैं। यही बात भगवान के संबंध में भी लागू होती है। (पीरियड्स में बाल क्यों नहीं धोने चाहिए)

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पीरियड्स में पूजा से जुड़े नियम (Scientific Reason For Not Going To Temple During Periods)

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इस दौरान जब आप शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं, तो आपको मानिसक रूप से भगवान की पूजा करनी चाहिए। यानी मन में मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से न केवल भगवान प्रसन्न होंगे बल्कि आपका मन भी शांत हो जाएगा।

पीरियड्स में मदिंर से दूर बैठें और घर के किसी अन्य सदस्य से पूजा करवाएं। साथ ही, इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर या पूजा से जुड़ा कोई सामान न छूएं। (पीरियड्स में अचार छूने से क्यों है मनाही)

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पीरियड्स के किस दिन कर सकते हैं पूजा? (Period Rituals)

ज्यादातर पीरियड्स 5-7 तक चलते हैं। इन दिनों में व्यक्ति से व्यक्ति में अंतर होता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं का सवाल होता है कि पीरियड्स के कौन-से दिन पूजा करनी चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो पीरियड्स में पाचंवे दिन पूजा करनी चाहिए। 5वें दिन बाल धोकर पूजा करें।

पीरियड्स से जुड़े अन्य नियम

पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन समाज में इससे जुड़े अलग-अलग नियम बनाएं हैं। इन नियमों के मायने और मतलब हर कोई अलग-अलग बताता है। कुछ नियम इस प्रकार हैं-

  • आपने भी यह सुना होगा कि पीरियड्स में अचार छूना मना होता है। इन दिनों जो महिला अचार छूती है, वह खराब हो जाता है। इस बात का कोई धार्मिक कारण नहीं है। दरअसल, हाइजीन मेंटेन न करने की वजह से अचार खराब हो सकता है।
  • पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर जाने से भी मनाही होती है। इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन आ जाता है। यह एक नेगेटिव इमोशन है, जबकि प्रार्थना सकारात्मक होकर की जाती है।
  • पीरियड्स में बाल धोने से भी मना किया जाता है, लेकिन इसके पीछे कोई साइंटिफिक तर्क मौजूद नहीं है।
  • एक तरफ जहां पीरियड्स के दौरान यह सब किया जाता है, वहीं भारत के कुछ राज्य में पहली बार पीरियड होने पर त्योहार मनाया जाता है। कर्नाटक में पीरियड्स होने पर 'ऋतुशुद्धि' या 'ऋतु कला संस्कार' रिवाज निभाया जाता है। वहीं, असम में'तुलोनिया बिया',तमिलनाडु में मंजल निरातु विज़ा, ओडिशा मेंराजा प्रभा, आंध्र प्रदेश में'पेडमनिषी पंडगा' नामक रिवाज निभाए जाते हैं।

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Image Credit: Freepik



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